बाराबंकी : स्कूल खुलने के पहले दिन 7वीं के छात्र की साइलेंट अटैक से मौत,परिवार में पसरा मातम

बाराबंकी, अमृत विचार : गर्मी की छुट्टियों के बाद स्कूल खुलने की खुशी लेकर पहुंचा सातवीं कक्षा का छात्र अखिल प्रताप सिंह (12) अचानक इस दुनिया को अलविदा कह गया। मंगलवार सुबह जब शहर के सेंट एंथोनी स्कूल, बाराबंकी में बच्चे नए सत्र की शुरुआत के लिए पहुंचे, तभी स्कूल गेट के पास एक दिल दहला देने वाली घटना घट गई। देवा कोतवाली क्षेत्र के घेरी बिशुनपुर गांव निवासी जितेंद्र प्रताप सिंह का बेटा अखिल, अपने पिता के साथ कार से स्कूल पहुंचा था। गाड़ी से उतरकर जैसे ही उसने कंधे पर बैग टांगा और स्कूल गेट की ओर बढ़ा,...

Jul 2, 2025 - 00:37
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बाराबंकी : स्कूल खुलने के पहले दिन 7वीं के छात्र की साइलेंट अटैक से मौत, परिवार में पसरा मातम

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बाराबंकी, अमृत विचार। गर्मी की छुट्टियों के बाद स्कूल खुलने की खुशी लेकर पहुंचे सातवीं कक्षा के छात्र अखिल प्रताप सिंह (12) अचानक इस दुनिया को अलविदा कह गए। मंगलवार सुबह जब शहर के सेंट एंथोनी स्कूल, बाराबंकी में बच्चे नए सत्र की शुरुआत के लिए पहुंचे, तभी स्कूल गेट के पास एक दिल दहला देने वाली घटना घट गई।

घटना का विवरण

देवा कोतवाली क्षेत्र के घेरी बिशुनपुर गांव निवासी जितेंद्र प्रताप सिंह का बेटा अखिल, अपने पिता के साथ कार से स्कूल पहुंचा था। जब वह गाड़ी से उतरकर जैसे ही कंधे पर बैग टांगा और स्कूल गेट की ओर बढ़ा, वह अचानक जमीन पर गिर पड़ा। यह देखकर एबुलेंस को तुरंत बुलाया गया और उसे पास के अवध चिल्ड्रेन हॉस्पिटल ले जाया गया। हालांकि, वहाँ उसकी हालत गंभीर देख उसे लखनऊ के चंदन हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया। लेकिन रास्ते में ही अखिल ने दम तोड़ दिया। डॉक्टरों ने अस्पताल पहुंचने पर उसे मृत घोषित कर दिया।

परिवार का शोक

इस असामयिक मौत से परिवार में मातम छा गया है। माँ, जो रो-रोकर बुरी तरह टूट गई हैं, ने कहा कि अखिल पूरी तरह स्वस्थ था। पिता ने बताया कि उनके बेटे को न तो कोई बीमारी थी और न ही वह किसी दवाई पर था। बच्चों की ताबूत की तरह अचानक हुई मौत से न केवल परिवार, बल्कि स्कूल प्रबंधन और स्टाफ भी हैरान हैं। इस घटना के बाद स्कूल में शोक की लहर है।

डॉक्टरों की प्रतिक्रिया

डॉक्टरों ने इस हृदय विदारक घटना के बाद कहा है कि इस तरह की घटना साइलेंट अटैक के कारण हो सकती है, जिसमें व्यक्ति बिना किसी पूर्व चेतावनी के बेहोश हो जाता है। डॉक्टरों ने ध्यान दिलाया कि बच्चों में अचानक स्वास्थ्य समस्याएं कभी-कभी गंभीर हो सकती हैं।

बिना पोस्टमार्टम अंतिम संस्कार

परिजनों ने दर्दनाक घटना के बाद दोपहर में ही बिना पोस्टमार्टम कराए अंतिम संस्कार कर दिया। इस निर्णय को लेकर परिवार के सदस्यों ने विषय की गंभीरता का आभास करते हुए तात्कालिकता को महसूस किया। मृतक छात्र के परिजनों ने दरख्वास्त की है कि ऐसे मामलों में उचित जांच होनी चाहिए, ताकि अन्य परिवारों को इस तरह के सदमे से न गुजरना पड़े।

निष्कर्ष

बाराबंकी में हुई इस घटना ने न केवल परिवार, बल्कि पूरे समुदाय में शोक और चिंता का माहौल बना दिया है। यह समय है, जब हम सभी को बच्चों के स्वास्थ्य और उनकी सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए। इस त्रासदी से सीख लेते हुए हमें सभी परिवारों को सावधान रहने की आवश्यकता है।

अंत में, हम सभी प्रशासन से यह अपील करते हैं कि वे ऐसे मामलों की जांच करें और स्वास्थ्य मामलों के प्रति जागरूकता फैलाएं।

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