UP Board : परीक्षा छोड़ने वाले छात्रों की संख्या में आएगी कमी, यूपी बोर्ड ने बनाया यह बड़ा प्लान

लखनऊ, अमृत विचार। यूपी बोर्ड हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा 2026 की समय सारिणी को अभी से अंतिम रूप देने में जुट गया है। बोर्ड ने इस बार नया प्रयोग करते हुए हिन्दी का प्रश्नपत्र बाद में रखने पर विचार कर रहा है। बोर्ड अधिकारियों का मानना है कि ऐसा करने से परीक्षा छोड़ने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या में कमी आएगी।  पहले दिन हिंदी विषय की परीक्षा में परीक्षार्थी मानसिक रूप से दबाव में रहते हैं जिसका असर उनकी परीक्षा की गुणवत्ता पर पड़ता है। लिहाजा अब पहले दिन किसी ऐसे विषय की परीक्षा कराने की योजना है, जो अपेक्षाकृत सरल...

Aug 14, 2025 - 09:37
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UP Board : परीक्षा छोड़ने वाले छात्रों की संख्या में आएगी कमी, यूपी बोर्ड ने बनाया यह बड़ा प्लान

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लखनऊ, अमृत विचार। यूपी बोर्ड हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा 2026 की समय सारिणी को अभी से अंतिम रूप देने में जुट गया है। बोर्ड ने इस बार नया प्रयोग करते हुए हिन्दी का प्रश्नपत्र बाद में रखने पर विचार किया है। यूपी बोर्ड अधिकारियों का मानना है कि ऐसा करने से परीक्षा छोड़ने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या में कमी आएगी।

छात्रों पर मानसिक दबाव को कम करने की योजना

पहले दिन हिंदी विषय की परीक्षा में परीक्षार्थी मानसिक रूप से दबाव में रहते हैं, जिसका असर उनकी परीक्षा की गुणवत्ता पर पड़ता है। इधर, अब पहली बार किसी ऐसे विषय की परीक्षा कराने की योजना है, जो अपेक्षाकृत सरल हो। इससे परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र, सीटिंग प्लान और अन्य आवश्यकताओं से पहले ही परिचित होने का मौका मिलेगा, जिससे वे मानसिक रूप से सहज हो सकेंगे। इस नए दिशा-निर्देश से यूपी बोर्ड द्वारा छात्रों को परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने में सहायता मिल सकेगी।

पिछले परिणामों की समीक्षा और निर्णय

हाल के वर्षों के परीक्षा परिणामों की समीक्षा में यह पाया गया कि हिंदी विषय में अप्रत्याशित रूप से बड़ी संख्या में परीक्षार्थी अनुत्तीर्ण हो जाते हैं। फीडबैक में यह भी सामने आया कि पहले दिन के परीक्षा दबाव से छात्रों में घबराहट होती है। जब एक दिन की परीक्षा हो जाती है, तो अगले दिनों के लिए छात्रों को मानसिक रूप से तैयार होने का समय मिलता है, जिससे उनकी प्रदर्शन क्षमता बेहतर होती है।

समय सारणी का निर्माण और मंजूरी

माध्यमिक शिक्षा परिषद के अधिकारियों ने बताया कि अलग-अलग तिथियों की समय सारणी बनाकर शासन को भिजवा दी गई है। मंजूरी मिलने के बाद इसे जल्द ही जारी किया जाएगा, ताकि छात्र-छात्राओं को विषयवार परीक्षा की तैयारी के लिए पर्याप्त समय मिल सके। यह पहल निस्संदेह छात्रों की मानसिक स्थिति को सुदृढ़ कर सकेगी और परीक्षा में उनके प्रदर्शन में सुधार लाने का मौका देगी।

निष्कर्ष

UP बोर्ड की यह पहल निश्चित रूप से छात्रों के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। हिंदी के परीक्षा प्रश्नपत्र को बाद में रखने से न केवल छात्रों की घबराहट कम होगी, बल्कि परीक्षा में उनकी सफलता की संभावनाएं भी बढ़ेंगी। वहीं, इस नए दृष्टिकोण के तहत, यूपी बोर्ड ने एक सकारात्मक और छात्र-केंद्रित दिशा में कदम बढ़ाया है।

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इस योजना के परिणामस्वरूप, छात्रों की मेंटली फिटनेस बेहतर होगी और वे अपने ज्ञान के अनुसार अधिक आत्मविश्वास के साथ परीक्षा में हिस्सा ले सकेंगे। इस प्रकार, यूपी बोर्ड का यह निर्णय शिक्षा क्षेत्र में एक नई दिशा को प्रदर्शित करता है।

लेखक: साक्षी वर्मा, नीतू सिंह टीम नेटआनागरी

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