सुप्रीम कोर्ट का आदेश : बिहार में हटाए गए 65 लाख मतदाताओं के नाम सार्वजनिक किए जाएंगे

Bihar Voter List. बिहार में चल रहे मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण (SIR) के दौरान, सुप्रीम कोर्ट ने भारत निर्वाचन आयोग (ECI) को आदेश दिया है कि वह 65 लाख हटाए गए मतदाताओं के नाम और उन्हें हटाए जाने का कारण सार्वजनिक करे। चुनाव आयोग के वकील राकेश द्विवेदी ने गुरुवार को सर्वोच्च अदालत को … The post सुप्रीम कोर्ट का आदेश : बिहार में हटाए गए 65 लाख मतदाताओं के नाम सार्वजनिक किए जाएंगे appeared first on Bharat Samachar | Hindi News Channel.

Aug 15, 2025 - 00:37
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सुप्रीम कोर्ट का आदेश : बिहार में हटाए गए 65 लाख मतदाताओं के नाम सार्वजनिक किए जाएंगे
सुप्रीम कोर्ट का आदेश : बिहार में हटाए गए 65 लाख मतदाताओं के नाम सार्वजनिक किए जाएंगे

सुप्रीम कोर्ट का आदेश : बिहार में हटाए गए 65 लाख मतदाताओं के नाम सार्वजनिक किए जाएंगे

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लेखिका: राधिका शर्मा, साक्षी गुप्ता, टीम netaanagari

बिहार में चल रहे मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण के बीच, सुप्रीम कोर्ट ने भारत निर्वाचन आयोग (ECI) को महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं। अदालत ने कहा है कि राज्य में हटाए गए 65 लाख मतदाताओं के नाम और उन्हें हटाने का कारण सार्वजनिक करना अनिवार्य है। यह आदेश निश्चित रूप से बिहार के नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो लोकतंत्र में लोगों की भागीदारी को मजबूत करेगा।

सुप्रीम कोर्ट का निर्णय

सुप्रीम कोर्ट ने एक बेंच में गठित न्यायमूर्ति सूर्य कान्त और न्यायमूर्ति जयमाल्या बागजी की अगुवाई में इस मामले की सुनवाई की। वकील राकेश द्विवेदी ने अदालत को जानकारी दी कि यह सूची पहले से ही बूथ स्तर के राजनीतिक कार्यकर्ताओं को प्रदान की जा चुकी है। अब, इसे ऑनलाइन प्लेटफार्म पर भी उपलब्ध कराए जाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

नीति और प्रक्रिया

अदालत ने कहा कि जिन 65 लाख वोटर्स के नाम 2025 की मतदाता सूची में शामिल थे, वे अब ताजा मसौदे में नहीं हैं। इन नामों को प्रत्येक जिले के निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट और केंद्रीय निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर सार्वजनिक किया जाएगा। इसके अलावा, बूथ स्तर पर भी ये जानकारी प्रदर्शित की जाएगी, जिसमें मतदाताओं के EPIC नंबर और नाम हटाने का कारण शामिल होगा।

व्यापक प्रचार की आवश्यकता

अदालत ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया है कि वह इस प्रक्रिया का व्यापक प्रचार लोकल और अंग्रेजी दैनिकों के माध्यम से करे। इसके साथ ही, दूरदर्शन और आकाशवाणी पर भी इन सूचनाओं का प्रसारण किया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक नागरिक इस मुद्दे से अवगत हो सकें।

बूथ स्तर पर जानकारी का वितरण

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि प्रत्येक बूथ के अधिकारी को संबंधित पंचायत भवनों या खंड विकास कार्यालयों में बूथवार सूची प्रदर्शित करनी होगी। इस कदम से नागरिकों को सही और समय पर जानकारी मिल सकेगी, जो लोकतंत्र को सशक्त बनाने में सहायक होगी।

आगामी सुनवाई की तिथि

22 अगस्त को इस मामले की अगली सुनवाई होगी, जिसमें अदालत चुनाव आयोग की रिपोर्ट पर सुनवाई करेगी और याचिकाकर्ता पक्ष के अन्य सुझावों पर भी विचार करेगी।

निष्कर्ष

यह आदेश बिहार में मतदाता सूची को पारदर्शी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे नागरिकों को लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में अधिक भागीदारी का अवसर मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के बाद, चुनाव आयोग को अनुशासन और उत्तरदायित्व के साथ कार्य करने की आवश्यकता होगी।

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