मानसून सत्र से पहले सरकार ने बुलाई सर्वदलीय बैठक, केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू करेंगे अध्यक्षता
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मानसून सत्र से पहले सरकार ने बुलाई सर्वदलीय बैठक, केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू करेंगे अध्यक्षता
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KNEWS DESK- संसद के आगामी मानसून सत्र से एक दिन पहले केंद्र सरकार ने शनिवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसमें संसद के दोनों सदनों के सुचारु और उत्पादक संचालन को सुनिश्चित करने पर चर्चा की जाएगी। इस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू करेंगे।
बैठक का उद्देश्य
यह सर्वदलीय बैठक विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच सहयोग और समन्वय को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण मंच है। सरकार का उद्देश्य है कि सभी दल एक साथ मिलकर संसद के मानसून सत्र को सफल और प्रभावी बनाएँ। इस सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा होनी है, जो कि विभिन्न क्षेत्रों में सुधार लाने के लिए जरूरी हैं।
संसद का प्रमुख कार्य
इस बैठक में सांसदों को आमंत्रित किया गया है, जिसमें उन्हें अपने-अपने दलों के विचार और दृष्टिकोण साझा करने का अवसर मिलेगा। इस बार के मानसून सत्र में वित्तीय मामलों, कृषि से संबंधित बिलों, और सामाजिक न्याय के लिए आवश्यक प्रमुख विधेयकों पर चर्चा की जाएगी।
सरकार की तैयारी
केंद्र सरकार ने पिछले अनुभवों से सीखते हुए इस बार बेहतर तैयारी की है। सरकारी सूत्रों के अनुसार, बैठक के दौरान सभी दलों से यह अपेक्षा की जाएगी कि वे सहमति से कार्य करें ताकि संसद का काम बिना बाधा के चल सके। इससे न केवल सत्र की उत्पादकता बढ़ेगी, बल्कि आम जनता के मुद्दों को भी प्राथमिकता मिलेगी।
राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया
बैठक से पहले कई प्रमुख राजनीतिक दलों ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। उनका मानना है कि इस प्रकार की बैठक से सभी दलों को एक मंच पर विचार करने का अवसर मिलता है। इससे आपसी विवादों को कम करने और मुद्दों को सुलझाने में मदद मिलेगी। कांग्रेस, भाजप, और अन्य दलों के नेताओं ने भाग लेने की सहमति जताई है।
निष्कर्ष
मानसून सत्र से पहले सत्ता और विपक्ष के बीच की इस सर्वदलीय बैठक से उम्मीद की जाती है कि राजनीतिक मतभिन्नताओं के बावजूद सभी दल मिलकर महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करें। यह सत्र न केवल विधेयकों के पारित होने का अवसर देगा, बल्कि लोकतंत्र की मजबूती के लिए एक सकारात्मक कदम भी होगा।
सभी का यह मानना है कि अगर इस बैठक में बेहतर संवाद और समझ बनी रही, तो संसद का यह मानसून सत्र इतिहास में सफलतम सत्रों में से एक हो सकता है।
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