उत्तराखंड में धर्मांतरण कानून सख्त: 14 साल की सजा, संपत्ति जब्ती और सोशल मीडिया पर रोक!
उत्तराखंड सरकार ने धर्मांतरण कानून में अहम संशोधन किए हैं, जिनके तहत अब धर्म परिवर्तन से जुड़े अपराधों पर अधिक सजा और कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता अधिनियम में किए गए संशोधनों के मुताबिक, अब धर्मांतरण के अपराध को संज्ञेय और गैर जमानती अपराध घोषित किया गया है, जिनका विचारण सत्र न्यायालय में … The post उत्तराखंड में धर्मांतरण कानून सख्त: 14 साल की सजा, संपत्ति जब्ती और सोशल मीडिया पर रोक! appeared first on Bharat Samachar | Hindi News Channel.

उत्तराखंड में धर्मांतरण कानून सख्त: 14 साल की सजा, संपत्ति जब्ती और सोशल मीडिया पर रोक!
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उत्तराखंड सरकार ने धर्मांतरण कानून में महत्वपूर्ण संशोधन किए हैं, जो धर्म परिवर्तन से जुड़े अपराधों पर अधिक सजा और कड़ी कार्रवाई का प्रावधान करते हैं। इस नए कानून के तहत, धर्मांतरण को संज्ञेय और गैर जमानती अपराध घोषित किया गया है, जिसके नतीजे स्वरूप अपराधियों को 14 साल तक की सजा दी जा सकती है। इसके अलावा, उन पर संपत्तियों की जब्ती और सोशल मीडिया के माध्यम से धार्मिक उत्पीड़न पर भी रोक लगाने के उपाय लागू किए गए हैं।
संशोधन के तहत महत्वपूर्ण बदलाव
उत्तराखंड सरकार के इस नए कानून में कई महत्वपूर्ण बदलावों को शामिल किया गया है। अब यदि कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को धर्म परिवर्तन के लिए उत्पीड़ित करता है, तो उसे कम से कम 20 साल की सजा दी जा सकती है, जिसे उम्रकैद तक बढ़ाया जा सकता है। इसके अलावा, जान से मारने की धमकी, बलात्कार, तस्करी या शादी का वचन देकर धर्म परिवर्तन कराने पर भी गंभीर सजा का प्रावधान किया गया है।
संपत्ति जब्ती का प्रावधान
धर्मांतरण से जुड़े अपराधों से अर्जित संपत्तियों को जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जब्त किया जा सकता है। यदि आरोपियों के पास इन संपत्तियों की वैधता का प्रमाण नहीं है, तो सरकार उन्हें जब्त कर सकती है। इसके साथ ही, पीड़ितों की पहचान गुप्त रखी जाएगी और उन्हें कानूनी सहायता एवं अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। यह कदम पीड़ितों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
सजा और जुर्माना
- सामान्य मामले में: 3 से 10 साल की सजा और 50,000 रुपये का जुर्माना
- महिलाओं, बच्चों, एससी/एसटी या विकलांग मामलों में: 5 से 14 साल की सजा और 1 लाख रुपये का जुर्माना
- सामूहिक धर्मांतरण: 7 से 14 साल की सजा और 1 लाख रुपये का जुर्माना
- विदेशी धन का लेना: 7 से 14 साल की सजा और 10 लाख रुपये का जुर्माना
- धर्म परिवर्तन के लिए धमकी या तस्करी: 20 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा
सोशल मीडिया पर रोक
सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से धर्मांतरण के मामलों की बढ़ती चिंताओं को देखते हुए, इस कानून में संशोधन करके उन्हें भी दायरे में लाया गया है। इससे किसी भी तरह के धार्मिक उत्पीड़न पर कड़ी नजर रखी जाएगी। उत्तराखंड सरकार का यह कदम राज्य में धर्मांतरण की समस्याओं पर सख्त रुख अपनाने का संकेत है।
निष्कर्ष
उत्तराखंड सरकार के द्वारा धर्मांतरण कानून में किए गए ये संशोधन ना केवल गंभीरता से इस मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करते हैं, बल्कि पीड़ितों की सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम भी हैं। इन बदलावों की वजह से धर्मांतरण के मामलों में कमी आने की संभावना है, जिससे राज्य में शांति और समरसता को बढ़ावा मिलेगा।
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लेखकों का नाम: नेहा शर्मा, पूजा वर्धन, प्रिया कुमारी
द्वारा: टीम netaanagari
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