दिल्ली चुनाव पोल ऑफ पोल्स:कुल 10 एग्जिट पोल; 8 में भाजपा को स्पष्ट बहुमत, 2 में AAP की सरकार बनने का अनुमान
दिल्ली विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल आने शुरू हो गए हैं। 10 एग्जिट पोल आए हैं। 8 में भाजपा को बहुमत मिलता दिखाई दे रहा है। 2 में आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार बनने का अनुमान है। एग्जिट पोल के पोल ऑफ पोल्स में भाजपा को 39, AAP को 30 और कांग्रेस को एक सीट मिलने का अनुमान है। JVC और पोल डायरी ने अपने एग्जिट पोल में अन्य को भी 1-1 सीट मिलने का अनुमान जताया है। दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों पर बुधवार शाम 5 बजे तक 57.70% वोटिंग हो चुकी है। मतदान का वक्त 6 बजे खत्म हो चुका है, लेकिन लाइन में लगे लोगों के वोट पड़ रहे हैं। चुनाव के नतीजे 8 फरवरी को घोषित होंगे। सरकार बनाने के लिए 36 सीटों की जरूरत है। दिल्ली चुनाव के एग्जिट पोल एग्जिट पोल पर 3 बयान बीजेपी सांसद मनोज तिवारी- मैंने अभी जो एग्जिट पोल देखे हैं, मुझे लगता है कि हमारा रिजल्ट एग्जिट पोल से बेहतर होने जा रहे हैं। लोगों के बीच जो प्रतिक्रिया हमने देखी है उससे भाजपा सत्ता में आ रही है। यह भाजपा की घर वापसी है। AAP नेता सुशील गुप्ता- ये हमारा चौथा चुनाव है और हर बार एग्जिट पोल में AAP की सरकार बनते हुए नहीं दिखाई गई। अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों के लिए काम किया है। 8 फरवरी को नतीजे AAP के पक्ष में आएंगे। कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला- जो लोग कहते थे कि कांग्रेस जमीन पर मौजूद नहीं है, वे कांग्रेस को अच्छी संख्या में सीटें जीतते देखेंगे। AAP वापस नहीं आएगी। किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलेगा। तीनों पार्टियों को बराबर सीटें मिलेंगी। पिछले 3 विधानसभा चुनाव का एग्जिट पोल कितना सही रहा... एग्जिट पोल क्या होता है चुनाव के दौरान जनता का मूड जानने के लिए दो तरह के सर्वे किए जाते हैं। वोटिंग से पहले के सर्वे को ओपिनियन पोल कहते हैं। जबकि वोटिंग के दौरान होने वाले सर्वे को एग्जिट पोल कहा जाता है। आम तौर पर एग्जिट पोल के नतीजे आखिरी फेज की वोटिंग खत्म होने के एक घंटे बाद जारी किए जाते हैं। एग्जिट पोल करने वाली एजेंसियों के वॉलेंटियर वोटिंग के दिन वोटिंग बूथ पर मौजूद होते हैं। ये वॉलेंटियर वोट देकर लौट रहे लोगों से चुनाव से जुड़े सवाल पूछते हैं। वोटर्स के जवाब के आधार पर रिपोर्ट बनाई जाती है जिससे पता चले कि वोटर्स का रुझान किस तरफ ज्यादा है। इसी आधार पर चुनाव के नतीजों का अनुमान लगाया जाता है। लोकसभा चुनाव के समीकरण विधानसभा चुनाव में बदले लोकसभा चुनाव में दिल्ली की 7 सीटों पर AAP और कांग्रेस ने INDIA ब्लॉक में साथ रहते हुए लड़ा था। इसके तहत AAP ने 4 और कांग्रेस ने 3 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन सभी सात सीटों पर भाजपा ने कब्जा जमाया था। इन सभी सीटों पर भाजपा को कुल 54.7% जबकि INDIA ब्लॉक को 43.3% वोट मिला था। सभी सीटों पर जीत-हार का मार्जिन औसतन 1.35 लाख रहा था। अगर लोकसभा के नतीजों को विधानसभावार देखें तो भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिलता दिख रहा है। भाजपा 52 विधानसभा सीटें जीत रही है। हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने सातों सीटें जीतीं और 65 विधानसभा सीटों पर बढ़त बनाई थी, लेकिन 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में AAP ने 62 सीटें जीतने में कामयाब रही। वहीं, भाजपा को सिर्फ 8 सीटें मिली थीं। इसी तरह 2014 की प्रचंड मोदी लहर में भाजपा सातों लोकसभा 7 सीटें जीतकर 60 विधानसभा सीटों पर आगे रही थी। लेकिन 2015 के विधानसभा चुनाव में AAP ने 67 सीटें जीतीं और भाजपा 3 सीटों पर सिमट गई। विधानसभा चुनाव में करीब 18% स्विंग वोटर्स के किंगमेकर साबित होते हैं। दिल्ली चुनाव लोकसभा के करीब 9 महीने बाद होते हैं। इतने कम वक्त में ही वोटिंग ट्रेंड में बड़ा बदलाव देखने को मिलता है। पिछले तीन विधानसभा और लोकसभा चुनावों का विश्लेषण करें तो स्विंग वोटर्स ही दिल्ली की सत्ता तय करते रहे हैं। AAP के अलावा किसी पार्टी का CM फेस घोषित नहीं दिल्ली में आम आदमी पार्टी के अलावा किसी भी पार्टी ने CM फेस घोषित नहीं किया है। AAP सत्ता में लौटी तो अरविंद केजरीवाल का मुख्यमंत्री बनना तय है। जबकि, भाजपा और कांग्रेस की ओर से तीन-तीन नाम चर्चा में हैं। हालांकि, कांग्रेस सरकार बनाती नहीं दिख रही है। भाजपा हमेशा मुख्यमंत्री को लेकर चौंकाती रही है, फिर भी आम लोगों के बीच प्रवेश वर्मा, रमेश बिधूड़ी और दुष्यंत गौतम के नाम की चर्चा है। वहीं, कांग्रेस की ओर से प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव, पूर्व CM शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित और महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अलका लांबा मुख्यमंत्री पद के बड़े दावेदार हो सकते हैं। दिल्ली को मिल सकता है SC मुख्यमंत्री भाजपा की ओर से CM पद के लिए चर्चा में पहला नाम प्रवेश जाट समुदाय से आते हैं। दिल्ली के 364 में से 225 गांवों में जाटों की आबादी सबसे ज्यादा है। दिल्ली की करीब 50 सीटों पर ये असर डालते हैं, जबकि 20 सीटों पर हार-जीत का फैसला करते हैं। ऐसे में हरियाणा और पश्चिमी यूपी समेत अन्य राज्यों के जाटों साधने के लिए प्रवेश को मौका मिल सकता है। दूसरा नाम रमेश बिधूड़ी का है। वे गुर्जर समुदाय से आते हैं। जाट के बाद गुर्जर समुदाय की आबादी दिल्ली में सबसे ज्यादा है। गुर्जर दिल्ली की 9 सीटों पर असर डालते हैं। इनके अलावा तीसरा नाम दुष्यंत गौतम का है। वे SC समुदाय से आते हैं। देश में इस समय एक भी दलित मुख्यमंत्री नहीं है। ऐसे में भाजपा की सरकार बनने पर दुष्यंत गौतम को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। पार्टी के संकल्प पत्र (मैनिफेस्टो) का तीसरा पार्ट जारी करते समय अमित शाह ने कहा था कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली को दलित CM देने का वादा किया था। 2 बार सरकार बनी। जेल गए, तब मौका था, फिर भी दलित CM नहीं बनाया।

दिल्ली चुनाव पोल ऑफ पोल्स: कुल 10 एग्जिट पोल; 8 में भाजपा को स्पष्ट बहुमत, 2 में AAP की सरकार बनने का अनुमान
Netaa Nagari द्वारा विशेष रिपोर्ट, लिखित: साक्षी शर्मा, प्रिया चौधरी
परिचय
दिल्ली विधानसभा चुनावों के नजदीक आते ही कई एग्जिट पोल सामने आए हैं। इन पोल में यह स्पष्ट हो रहा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को एक बार फिर से चुनाव में बढ़त मिल रही है। कुल 10 एग्जिट पोल में से 8 में भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिलने की संभावना जताई गई है, जबकि 2 पोल में आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार बनने का अनुमान है। इस आर्टिकल में हम इन पोल का गहराई से विश्लेषण करेंगे।
एग्जिट पोल का सम्पूर्ण विश्लेषण
पोल के आंकड़ों के अनुसार, भाजपा को 45 से 55 सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि, आम आदमी पार्टी को 30 से 35 सीटें मिलने की संभावना जताई गई है। एग्जिट पोल से जुड़ी यह जानकारी राजनीतिक परिदृश्य को दर्शाती है, जहां भाजपा का राजनैतिक कद मजबूत दिख रहा है।
इन पोल्स में जिन राजनीतिक मुद्दों का जिक्र किया गया है, उनमें विकास, रोजगार और दिल्ली की कानून-व्यवस्था प्रमुख हैं। वहीं, आम आदमी पार्टी ने पूरे चुनाव प्रचार के दौरान अपनी पार्टी की उपलब्धियों को जनता के सामने रखा है, जिसमें स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा प्रणाली में सुधार प्रमुख हैं।
भाजपा और AAP की रणनीतियाँ
भाजपा ने अपने प्रचार में दिल्ली में बुनियादी ढांचे के विकास और नीति निर्माण में मजबूती को प्रमुखता दी है। पार्टी के नेताओं ने मतदाताओं को भरोसा दिलाने की कोशिश की है कि उनकी सरकार दिल्ली को एक विकसित और समृद्ध राजधानी बनाएगी।
वहीं, AAP ने भी मतदाताओं को यह विश्वास दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी कि उनकी सरकार एक बार फिर से लोगों की सेवा में तत्पर है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने कार्यकाल के दौरान किए गए विकास कार्यों को प्रमुखता दी और जनता से समर्थन मांगा।
सामाजिक मीडिया और पोल्स का प्रभाव
सोशल मीडिया का चुनावी प्रचार में प्रभाव भी महत्वपूर्ण है। कई युवा मतदाता सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी राय व्यक्त कर रहे हैं। एग्जिट पोल्स ने भी सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना लिया है। इससे चुनावी रणनीतियों पर भी असर पड़ रहा है।
निष्कर्ष
दिल्ली के चुनावी माहौल में एग्जिट पोल्स ने भाजपा और AAP की संभावनाओं को लेकर दिलचस्प तस्वीर पेश की है। हालांकि वास्तविक चुनाव नतीजों से पहले यह कहना जल्दबाजी होगी कि कौन सी पार्टी जीत हासिल करेगी। लेकिन, इन पोल्स ने मतदाताओं के बीच एक निश्चित उत्साह और चर्चा को जन्म दिया है।
राजनीतिक मामलों में और अधिक अपडेट के लिए netaanagari.com पर जाएं।
Keywords
Delhi Assembly Elections, Exit Polls, BJP Majority, AAP Government, Political Analysis, Voter Trends, Delhi Politics, Election ResultsWhat's Your Reaction?






