नूंह पूर्व MLA दिल्ली चुनाव प्रचार में जुटे:मुस्लिम वोटरों को साधने मेवात का दिया उदाहरण; बोले- 40 बच्चों को बिना खर्ची-पर्ची मिली नौकरी

दिल्ली विधानसभा के चुनावों में बीजेपी इस बार कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। पार्टी ने मुस्लिम वोटर्स को लुभाने के लिए अल्पसंख्यक मोर्चा को चुनावी मैदान में उतार दिया है। सोमवार को नूंह से पूर्व विधायक और अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चौधरी जाकिर हुसैन के नेतृत्व में अन्य नेताओं ने मुस्तफाबाद विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी मोहन सिंह बिष्ट के समर्थन में डोर-टू-डोर चुनावी प्रचार कर वोट की अपील भी की भाजपा नेता जाकिर हुसैन दिल्ली में चुनाव प्रचार के दौरान मेवात में बिना खर्ची बिना पर्ची के मुस्लिम युवाओं की सरकारी नौकरी लगने का उदाहरण देकर वोट की अपील कर रहे है। भाजपा नेता ने कहा कि हरियाणा में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की सरकार में बिना खर्ची बिना पर्ची मेवात के 40 मुस्लिम बच्चे एक ही लिस्ट में जेई के पद पर भर्ती हुए थे। मेवात में भाजपा का कोई विधायक नहीं होते हुए भी रिकॉर्ड तोड़ कार्य मनोहर लाल की सरकार में हुए। मुस्लिम मतदाताओं को वोट के लिए यह कहकर डराया जाता है कि भाजपा उनकी दुश्मन है, जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है। भाजपा सबका साथ सबका विकास के नारे को लेकर काम करती है। केजरीवाल पार्टी पर कसा तंज भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चौधरी जाकिर हुसैन ने आम आदमी पार्टी को आप-दा कहते हुए कहा कि पिछले एक दशक से ज्यादा समय में आप-दा सरकार ने दिल्ली को खोखला कर दिया है। दिल्ली की भोली भाली जनता को लूटने का काम किया है। हुसैन ने कहा कि दिल्ली के लोगों को आप-दा सरकार ने गंदगी के अलावा कुछ भी नहीं दिया है। अब समय आ गया है इस आप-दा को दिल्ली से बाहर का रास्ता दिखाने का। केजरीवाल व उनकी पार्टी के नेताओं ने दिल्ली को पूरी तरह से लूटकर खोखला कर दिया है। दिल्ली के संपूर्ण विकास के लिए भाजपा की सरकार बनाने में अपना पूर्ण सहयोग दें। मेवात में कभी नहीं खिला कमल हालांकि मेवात क्षेत्र के इतिहास में आज तक कमल नहीं खिला है। लेकिन दिल्ली के चुनाव में नूंह से पूर्व विधायक व भाजपा नेता जाकिर हुसैन जीतोड़ मेहनत कर रहे है। मुस्लिम मतदाताओं को भाजपा की ओर आकर्षित करने के लिए भाजपा के कार्यकाल में बिना पर्ची बिना खर्ची लगे मेवात के 40 मुस्लिम युवाओं का उदाहरण दे रहे हैं। अब देखना होगा कि जाकिर हुसैन मुस्लिम मतदाताओं में अपनी कितनी पकड़ बना पाते हैं।

Jan 28, 2025 - 09:37
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नूंह पूर्व MLA दिल्ली चुनाव प्रचार में जुटे:मुस्लिम वोटरों को साधने मेवात का दिया उदाहरण; बोले- 40 बच्चों को बिना खर्ची-पर्ची मिली नौकरी
नूंह पूर्व MLA दिल्ली चुनाव प्रचार में जुटे:मुस्लिम वोटरों को साधने मेवात का दिया उदाहरण; बोले- 40 बच्चों को बिना खर्ची-पर्ची मिली नौकरी

नूंह पूर्व MLA दिल्ली चुनाव प्रचार में जुटे: मुस्लिम वोटरों को साधने मेवात का दिया उदाहरण; बोले- 40 बच्चों को बिना खर्ची-पर्ची मिली नौकरी

Netaa Nagari

द्वारा: सृष्टि शर्मा, टीम Netaa Nagari

परिचय

दिल्ली के आगामी चुनावों के लिए प्रचार का दौर तेजी से शुरू हो गया है। नूंह के पूर्व विधायक, जो मुस्लिम समुदाय के बीच अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए सक्रिय हैं, ने हाल ही में अपने चुनावी अभियान के दौरान कुछ महत्वपूर्ण बातें कही। उन्होंने मेवात के उदाहरण का उपयोग करते हुए مسلم वोटरों को साधने का प्रयास किया।

प्रचार का उद्देश्य

पूर्व विधायक का उद्देश्य मुस्लिम वोटरों तक पहुंचना और उन्हें अपने पक्ष में करना है। उन्होंने कहा कि मेवात में बेरोजगारी की समस्या को हल करने के लिए बिना किसी खर्ची-पर्ची के 40 बच्चों को नौकरी दी गई। यह बयान मुस्लिम समुदाय में एक सकारात्मक संदेश देने का प्रयास है।

मेवात का उदाहरण

पूर्व विधायक ने मेवात क्षेत्र की ताजगी को उकेरते हुए कहा कि वहां के बच्चों को सरकारी योजनाओं का लाभ बिना किसी बिचौलिए के मिला। यह उन्होंने एक प्रेरणादायक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया, जिससे अन्य क्षेत्र के मुस्लिम वोटरों को यह महसूस होता है कि उनकी समस्याओं का समाधान संभव है।

वोटर्स के प्रति उनकी प्रतिबद्धता

पूर्व विधायक ने अपने समर्थकों से अपील की कि वे इस बात की गारंटी दें कि दिल्ली की सरकार में मुस्लिमों का प्रतिनिधित्व बढ़े। उन्होंने भरोसा जताया कि उनका चुनावी अभियान न केवल वोटरों को जागरूक करेगा बल्कि उनके हकों के लिए भी लड़ाई लड़ेगा।

समाज में जागरूकता का महत्व

पूर्व विधायक ने कहा कि भीड़-भाड़ वाले चुनावी माहौल में समाज में जागरूकता सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि वोटरों को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होना चाहिए ताकि वे सही चुनाव कर सकें।

निष्कर्ष

दिल्ली में चुनावी प्रचार में नूंह के पूर्व विधायक का यह प्रयास निश्चय ही मुस्लिम समुदाय के बीच एक गंभीर संदेश फैलाएगा। मेवात का उदाहरण देकर उन्होंने यह साबित करने की कोशिश की है कि सही नीतियों और योजनाओं से समाज के वंचित समूहों के जीवन में सुधार लाया जा सकता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या उनका यह प्रयास वोटरों पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा या नहीं।

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