दिल्ली चुनाव अपडेट्स:केजरीवाल बोले- कुंभकरण 6 महीने में नींद से जाग जाता था, लेकिन चुनाव आयोग जागता ही नहीं
दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने चुनाव आयोग की तुलना कुंभकरण से की है। उन्होंने X पोस्ट में लिखा, 'रामायण में लिखा है कि कुंभकरण 6 महीने सोता था, और फिर 6 महीने जागता था। चुनाव आयोग तो शायद जागता ही नहीं है। उनकी ये टिप्पणी AAP की प्रचार वैन पर हुए हमले पर आई। दरअसल, रविवार दोपहर नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में AAP की प्रचार वैन पर कुछ लोगों ने हमला किया। इसके बाद AAP ने हमले का आरोप भाजपा पर लगाया। AAP ने हमले का वीडियो भी जारी किया। AAP प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने दावा किया कि इस वीडियो में हमला करने वाले दो लोगों का नाम रोहित त्यागी और शैंकी हैं, ये वही हैं जिन्होंने 18 जनवरी को अरविंद केजरीवाल की गाड़ी पर पत्थर से हमला किया था। AAP नेता जैसमीन शाह ने कहा- वीडियो में साफ देख सकते हैं कि भाजपा के गुंडों ने पुलिस की मौजूदगी में हमला किया। जब तोड़फोड़ कर ली जाती है तो पुलिस वाला गुंडों से कहता है- अब जाओ, आपका काम हो गया। AAP प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा- जब रोहित और शैंकी ने केजरीवाल की गाड़ी पर हमला किया था, तभी दिल्ली पुलिस कार्रवाई कर देती तो आज इनकी AAP की प्रचार वाली गाड़ी पर हमला करने की हिम्मत ना होती। दिल्ली की जनता इतनी जोर से झाड़ू का बटन दबाएगी कि अमित शाह को सीधा करंट लगेगा। दिल्ली में 5 फरवरी को वोटिंग, 8 फरवरी को रिजल्ट दिल्ली में 5 फरवरी को सभी 70 सीटों पर वोटिंग होगी। वहीं, 8 फरवरी को नतीजे घोषित किए जाएंगे। 70 विधानसभा सीटों के लिए कुल 699 उम्मीदवार मैदान में हैं। विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 23 फरवरी को खत्म हो रहा है।

दिल्ली चुनाव अपडेट्स: केजरीवाल बोले- कुंभकरण 6 महीने में नींद से जाग जाता था, लेकिन चुनाव आयोग जागता ही नहीं
Netaa Nagari - लेखिका: प्रिया सिंगh, टीम नेटानगर
दिल्ली विधानसभा चुनावों में हलचल बढ़ती जा रही है। आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने चुनाव आयोग को लेकर एक तीखा बयान दिया। उन्होंने चुनाव आयोग की अदृश्यता पर सवाल उठाते हुए कहा कि कुंभकरण 6 महीने में एक बार जाग जाता था, लेकिन चुनाव आयोग लगातार नींद में है। इस बयान के साथ ही केजरीवाल ने चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और सक्रियता की आवश्यकता पर जोर दिया है।
अरविंद केजरीवाल का बयान
केजरीवाल ने अपने बयान में कहा, “जबसे चुनावी प्रक्रिया शुरू हुई है, तब से चुनाव आयोग को सक्रिय होते नहीं देखा गया। कुंभकरण 6 महीने में जाग जाता था, लेकिन चुनाव आयोग के बारे में कहा जा सकता है कि वह जागता ही नहीं। यह स्थिति लोकतंत्र के लिए खतरा है।” उन्होंने चुनाव आयोग से निवेदन किया कि वे चुनावी प्रक्रियाओं में सक्रियता लाएं ताकि मतदाताओं का विश्वास दुरुस्त रह सके।
चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया
चुनाव आयोग ने केजरीवाल के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे हमेशा लोकतंत्र की मजबूती के लिए काम कर रहे हैं। आयोग ने कहा कि सभी दलों को उचित समय पर अपने विचार प्रस्तुत करने का मौका मिलना चाहिए। हालांकि, चुनाव आयोग की सक्रियता पर सवाल उठाए जाने से राजनीतिक गर्मियों में और वृद्धि हुई है।
सामाजिक मीडिया में हो रही बहस
इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर भी बहस छिड़ गई है। कई लोगों ने केजरीवाल के बयानों को सही ठहराया है, वहीं कुछ ने इसे राजनीतिक विवाद का हिस्सा बताया। एक उपयोगकर्ता ने लिखा, "केजरीवाल हमेशा सच्चाई के साथ सामने आते हैं। हमें चुनाव आयोग पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।"
निष्कर्ष
चुनाव आयोग और राजनीतिक दलों के बीच की ये बहस लोकतंत्र को सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकती है। अब देखना यह है कि क्या आयोग अपने कार्यों में सुधार करता है या यह केवल एक राजनीतिक खेल के रूप में रह जाएगा। आम आदमी पार्टी के इस मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करने से चुनाव आयोग को फिर से अपनी भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करेगा।
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