कांग्रेस के पीएम मोदी से 4 सवाल:पूछा- प्रधानमंत्री पॉलिटिकल पार्टियों के लीडर्स से कब मिलेंगें, उन्हें विश्वास में कब लेंगे
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बुधवार को पीएम मोदी से 4 सवाल किए। जिसमें सर्वदलीय बैठक आयोजित करने, ऑपरेशन सिंदूर पर समीक्षा समिति गठित करना, मानसून सत्र के दौरान 2 दिवसीय चर्चा और पहलगाम हमले के आतंकियों को पकड़ने के लिए की गई कोशिश के सवाल शामिल हैं। रमेश ने कहा- 32 देशों की यात्रा से लौटे से 7 डेलिगेशन के 51 सांसदों से पीएम का मिलना ठीक है। यह उनका विशेषाधिकार है और ये कोई आश्चर्य की बात नहीं है। लेकिन हमारे पास केवल चार आसान सवाल हैं। हम चाहते हैं कि पीएम इन सवालों का जवाब दें। MANREGA पर कांग्रेस का सरकार पर निशाना कांग्रेस ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MANREGA) पर कहा- केंद्र सरकार 'तीन आसान चरणों में MANREGA को कैसे खत्म किया जाए' पर काम कर रही है। रमेश ने X पर मीडिया रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट शेयर किया। इसमें दावा किया गया है कि पहली बार सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGS) के तहत वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही के लिए अपने सालाना आवंटन के 60 प्रतिशत पर खर्च की सीमा तय की है। रमेश ने बताया- केंद्र सरकार कैसे MANREGA को 3 चरणों में खत्म कर रही चरण I: एक दशक से मनरेगा को पर्याप्त फंडिंग न देना, जिससे मजदूरी दर स्थिर बनी रही और लंबित भुगतान की राशि लगातार बढ़ती गई। जो इस वित्तीय वर्ष की शुरुआत में 21,000 करोड़ रुपए तक पहुंच चुकी है। चरण II: वित्त मंत्रालय की मासिक/त्रैमासिक व्यय योजना (Monthly/Quarterly Expenditure Plan) लागू करना, जिसके तहत वित्तीय वर्ष के पहले छह महीनों में मनरेगा के कुल बजट का केवल 60% खर्च करने की सीमा तय कर दी गई है। चरण III: जब लंबित भुगतान निपटाने के बाद बजट की गुंजाइश न बचे, तो मनरेगा लाभार्थियों को काम देना लगभग बंद कर दो। रमेश ने कहा - पहला और दूसरा कदम लागू कर चुकी रमेश ने कहा कि केंद्र सरकार पहला और दूसरा कदम लागू कर चुकी। तीसरा कदम अब जल्द ही सामने आने वाला है। उन्होंने कहा कि मनरेगा मजदूरी को बढ़ाकर 400 रुपए प्रतिदिन किया जाना चाहिए। आधार आधारित भुगतान ब्रिज सिस्टम (ABPS) को जरूरी नहीं बनाया जाना चाहिए। मजदूरी का भुगतान 15 दिनों की वैधानिक अवधि के भीतर किया जाना चाहिए और भुगतान में किसी भी देरी की भरपाई की जानी चाहिए। जयराम ने कहा था- शाह का कश्मीर-मणिपुर में शांति का दावा निराधार जयराम रमेश ने 10 जून को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर में शांति स्थापित करने के दावे को विचित्र बताया था। उन्होंने कहा था कि शाह के जम्मू-कश्मीर-मणिपुर में शांति को लेकर किए गए दावे बेतुके और निराधार हैं। ये दावे वास्तव में उनकी अपनी बड़ी विफलताओं से ध्यान हटाने के लिए किए गए हैं। उन्होंने कहा था कि मणिपुर अभी भी जल रहा है। यहां कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब है। राज्य में राष्ट्रपति शासन पूरी तरह विफल साबित हुआ है। आम लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी और आजीविका की बदहाली ने उनमें पीड़ा, निराशा और गुस्सा पैदा किया है। जिसे हर जगह महसूस किया जा सकता है। पूरी खबर पढ़ें... ...................... खड़गे बोले- मोदी ने 11 साल में 33 गलतियां की:मैंने अब तक ऐसा PM नहीं देखा, वोट के लिए गरीबों-युवाओं को मूर्ख बनाते हैं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र में मोदी सरकार के 11 साल के कार्यकाल पर सवाल उठाए हैं। खड़गे ने बुधवार को कहा कि बीते 11 सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 33 गलतियां की हैं। मैं 65 साल से राजनीति में हूं, लेकिन उनके जैसा झूठ बोलने वाला प्रधानमंत्री कभी नहीं देखा। पूरी खबर पढ़ें...

कांग्रेस के पीएम मोदी से 4 सवाल: पूछा- प्रधानमंत्री राजनीतिक पार्टियों के लीडर्स से कब मिलेंगे, उन्हें विश्वास में कब लेंगे
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भारत की राजनीति में हाल के दिनों में एक नया मोड़ आया है, जिसमें कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चार महत्वपूर्ण सवाल पूछे हैं। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ये सवाल बुधवार को उठाए, जिसमें विभिन्न कार्यों की मांग की गई है। उनका मानना है कि देश में राजनीतिक संवाद को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। इसे लेकर उन्होंने प्रधानमंत्री के सामने सीधी चुनौती रखी है।
चार महत्वपूर्ण सवाल
रमेश ने कांग्रेस की ओर से चार प्रमुख सवाल पूछे हैं:
- क्या प्रधानमंत्री सर्वदलीय बैठक आयोजित करेंगे?
- क्या ऑपरेशन सिंदूर पर समीक्षा समिति गठित की जाएगी?
- क्या मानसून सत्र के दौरान दो दिवसीय चर्चा का आयोजन होगा?
- क्या पहलगाम हमले के आतंकियों को पकड़ने के लिए ठोस कार्रवाई की जाएगी?
उन्होंने यह भी कहा कि हाल ही में 32 अन्य देशों की यात्रा से लौटा प्रधानमंत्री अगर 51 सांसदों से मिलने का समय निकाल सकते हैं, तो उन्हें इन सवालों का भी जवाब देना चाहिए। रमेश ने यह भी ज़ोर दिया कि संवाद के लिए स्थान बनाना होगा।
MANREGA पर कांग्रेस का निशाना
इसके साथ ही, कांग्रेस ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MANREGA) का भी मुद्दा उठाया है। रमेश का आरोप है कि केंद्र सरकार इस योजना को खत्म करने के लिए विभिन्न कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि ये कदम तीन चरणों में लागू किए जा रहे हैं:
- पहला चरण: मनरेगा को आवश्यक फंडिंग न देना।
- दूसरा चरण: वित्त मंत्रालय की मासिक व्यय योजना लागू करना।
- तीसरा चरण: बजट की कमी के कारण मनरेगा लाभार्थियों को काम देने में कटौती करना।
रमेश ने सुझाव दिया कि मजदूरी को 400 रुपये प्रतिदिन किया जाए और आधार आधारित भुगतान प्रणाली को जरूरी नहीं बनाया जाना चाहिए।
खड़गे और मोदी की आलोचना
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी मोदी सरकार के 11 साल के कार्यकाल की आलोचना की है। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री ने इस दौरान 33 गलतियां की हैं और उनके जैसे झूठ बोलने वाला कोई नेता नहीं देखा। खड़गे का कहना है कि मोदी वादों के बावजूद गरीबों और युवाओं को खामोश कर रहे हैं।
निष्कर्ष
हालात को देखते हुए यह स्पष्ट है कि कांग्रेस ने मोदी सरकार के खिलाफ एक सुनियोजित रणनीति बनाई है। देश की राजनीति में संवाद की आवश्यकता है, और जब ये चार सवाल उठाए गए हैं, तो यह सवाल उठाता है कि क्या प्रधानमंत्री अपने उत्तरदायित्व को सही तरीके से निभा रहे हैं। चुनावी समय में यह मुद्दे और भी मायने रखते हैं, और इन सवालों के जवाब मिलना महत्वपूर्ण है।
कुल मिलाकर, इन सवालों के जवाब न मिल पाने की स्थिति में, कांग्रेस एक मोर्चा खोल सकता है, जो भविष्य की राजनीतिक दिशा को प्रभावित कर सकता है। राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए, यह जरूरी है कि राजनीतिक नेता एक-दूसरे से संवाद करें और जनता की समस्याओं का समाधान करें।
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