दिल्ली आग हादसा-जान गंवाने वाले शख्स ने 3 को बचाया:पत्नी, बेटे और 6 महीने के बच्चे को निकाला; बेटी-भतीजे के साथ बालकनी से कूदना पड़ा

दिल्ली के द्वारका सेक्टर-13 स्थित शबद अपार्टमेंट की सातवीं मंजिल के फ्लैट में मंगलवार को आग लग गई थी। इससे बचने के लिए एक शख्स ने दो बच्चों के बालकनी से छलांग लगा दी। शख्स की मौके पर ही जान चली गई जबकि बच्चों की अस्पताल में मौत हो गई। तीनों की पहचान यश यादव (35 साल), आशिमा (बेटी, 12 साल) और शिवम (भतीजा, 10 साल) के रूप में हुई है। चश्मदीदों ने बताया यश समय रहते घर से बाहर निकल आए थे। बाहर आने पर पता चला कि पत्नी ममता (33 साल), बड़ा बेटा आदित्य (18 साल), बेटी आशिमा, भतीजा शिवम और पत्नी की बहन का छह महीने का बच्चा अंदर फंसा है। इसके बाद वे घर में घुसे और उन्हें ढूंढते हुए बालकनी तक पहुंचे। तब तक आग पूरे घर में फैल चुकी थी। यश ने किसी तरह पत्नी, बेटा और छह माह के बच्चे को नीचे की मंजिल के फ्लैट की बालकनी में उतार दिया। वे बेटी और भतीजे को भी नीचे उतारने की कोशिश में थे। जब बालकनी में लपटों से बचना असंभव हो गया तो वे दोनों बच्चों के साथ नीचे कूद पड़े। इससे उनकी और बच्चों की जान चली गई। त्रासदी की 4 तस्वीरें... 1996 में दिल्ली गए थे यश यादव यश उत्तर प्रदेश में एटा जिले के जैथरा थाना क्षेत्र के शाहबाजपुर गांव के रहने वाले थे। वे 1996 में अपने परिवार के साथ दिल्ली आए थे। वह दिल्ली में फ्लेक्स, रूम डिजाइनिंग और एडवर्टाइजिंग का काम करते थे। उनके पास शबद अपार्टमेंट की नौवीं और दसवीं मंजिल पर फ्लैट था। दोनों फ्लैट एक सीढ़ी के जरिए आपस में जुड़े हैं। जिसमें यशपाल पत्नी ममता और बेटी आशिमा के साथ रहते थे। बहन के यहां भंडार, रिश्तेदार यश से मिलने पहुंचे थे दिल्ली में रहने वाली यशपाल की एक बहन के घर मंगलवार को कथा के बाद भंडारा था। इस वजह से रिश्तेदार यश के घर पर भी जुटे हुए थे। ग्राम प्रधान धर्मेंद्र ने बताया, आग लगने के बाद यशपाल करीब एक से डेढ़ घंटे तक फायर सर्विस की मदद मांगते रहे। दस रिश्तेदारों को उन्होंने बाहर निकाल लिया था, लेकिन खुद दो बच्चों के साथ फंस गए। इस घटना पर स्थानीय लोगों ने गुस्सा जाहिर किया। आरोप लगाया कि फायर ब्रिगेड की लापरवाही से तीनों की जान चली गई। आग काफी ऊंचाई पर लगी थी। सीढ़ी वाली गाड़ी आने के बाद आग पर पानी की बौछार की गई। लेकिन, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। पोस्टमॉर्टम के बाद शवों को एटा लाया जाएगा। जहां अंतिम संस्कार किया जाएगा। वीडियो में देखे सातवें फ्लोर पर लगी आग... नांगलोई में 6 लोगों ने दूसरी मंजिल से कूदकर जान बचाई थी दिल्ली के नांगलोई में फरवरी में दो मंजिला घर में आग लग गई। दोनों मंजिल आग की चपेट में आ गईं। इस दौरान कई लोग बिल्डिंग में फंस गए। 6 लोगों ने बिल्डिंग के सेकेंड फ्लोर से कूदकर जान बचाई। हालांकि, उन्हें चोट आई है। सभी अस्पताल में एडमिट हैं। घायल लोगों में दो महिलाएं, तीन युवक और एक नाबालिग हैं। बताया जा रहा है ये हादसा गैस लीक होने की वजह से हुआ। घटना का वीडियो अब सामने आया है। -------------------------------------------------- आग लगने से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें... अहमदाबाद की हाई राइज बिल्डिंग में लगी आग, एक बच्ची बाल-बाल बची अहमदाबाद के खोखरा इलाके में आज एक हाई राइज बिल्डिंग की चौथी फ्लोर में आग लग गई। हालांकि, समय रहते ही फायर ब्रिगेड की टीम ने वहां, फंसे सभी 18 लोगों का रेस्क्यू कर लिया। आग किसी घर में नहीं, बल्कि इलेक्ट्रिक कुकर में लगी थी, जिससे चारों ओर धुआं फैल गया था। पूरी खबर पढ़ें... मुंबई के स्क्वायर मॉल में आग, 100 दुकानें खाक; बेसमेंट में मौजूद इलेक्ट्रॉनिक शोरूम से उठी आग मुंबई से लगे बांद्रा में स्क्वायर मॉल बिल्डिंग में अप्रैल में आग लग गई थी, जिसमें 100 के करीब दुकानें जल गईं। अधिकारियों के मुताबिक शुरुआत में आग 4 मंजिला मॉल के बेसमेंट में मौजूद इलेक्ट्रॉनिक शोरूम मे लगी थी। जो धीरे-धीरे चौथे फ्लोर तक पहुंची। पूरी खबर पढ़ें...

Jun 11, 2025 - 09:37
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दिल्ली आग हादसा-जान गंवाने वाले शख्स ने 3 को बचाया:पत्नी, बेटे और 6 महीने के बच्चे को निकाला; बेटी-भतीजे के साथ बालकनी से कूदना पड़ा
दिल्ली आग हादसा-जान गंवाने वाले शख्स ने 3 को बचाया:पत्नी, बेटे और 6 महीने के बच्चे को निकाला; बेटी-भतीजे के साथ बालकनी से कूदना पड़ा

दिल्ली आग हादसा-जान गंवाने वाले शख्स ने 3 को बचाया:पत्नी, बेटे और 6 महीने के बच्चे को निकाला; बेटी-भतीजे के साथ बालकनी से कूदना पड़ा

दिल्ली के द्वारका सेक्टर-13 में स्थित शबद अपार्टमेंट की सातवीं मंजिल पर मंगलवार को आग लगने की एक दुखद घटना ने सामूहिक हृदय विदारक बना दिया। इस हादसे में एक बहादुर पिता ने अपनी पत्नी, बेटे और एक 6 महीने के बच्चे को बचाने के लिए अपनी जान को जोखिम में डाल दिया। यह घटना न केवल पीड़ित परिवार के लिए एक त्रासदी है बल्कि उन सभी के लिए एक महत्वपूर्ण चेतावनी भी है जो अग्नि सुरक्षा के संदर्भ में लापरवाह हैं।

पारिवारिक त्रासदी

हादसा तब हुआ जब आग शबद अपार्टमेंट के एक फ्लैट में तेजी से फैलने लगी। यश यादव, 35 वर्ष, जो उत्तर प्रदेश के एटा जिले के रहने वाले थे, ने अपने परिवार के अन्य सदस्यों की जान बचाने के लिए आत्मीयता का एक भव्य उदाहरण प्रस्तुत किया। उनके परिवार में उनकी पत्नी ममता (33 वर्ष), बड़ा बेटा आदित्य (18 वर्ष), बेटी आशिमा (12 वर्ष), भतीजा शिवम (10 वर्ष), और एक 6 महीने का बच्चा शामिल था। यश ने बताया, "जब मैंने देखा कि मेरे परिवार के सदस्य अंदर फंसे हुए हैं, तो मैं अपने डर को दरकिनार कर आया।"

दुखद घटनाक्रम

आग लगने के बाद यश ने बिना समय गंवाए अपनी पत्नी, बेटे और 6 महीने के बच्चे को बालकनी से नीचे उतारने का प्रयास किया। उन्होंने पहले ही 10 रिश्तेदारों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया था। ज्यों-ज्यों अग्नि ने पूरे घर को घेर लिया, यश ने अपनी दो बच्चों—आशिमा और शिवम—को भी बचाने का प्रयास किया। लेकिन जब बालकनी में लपटों का सामना करना असंभव हो गया, तो यश को अपने बच्चों के साथ नीचे कूदने के लिए मजबूर होना पड़ा। इस खतरनाक निर्णय के परिणामस्वरूप उनकी और बच्चों की जान चली गई, जबकि उनकी पत्नी और बाकी सदस्य सुरक्षित बच गई।

स्थानीय प्रतिक्रिया और अग्नि सुरक्षा चिंताएँ

इस घटना ने स्थानीय समुदाय में गहरा आक्रोश पैदा किया है। सामुदायिक लीडर धर्मेंद्र ने आरोप लगाया कि आग की सेवा में विलंब और बैकअप योजना की कमी के कारण यह त्रासदी घटी। "एक से डेढ़ घंटे तक यश एयर सर्विस की मदद मांगते रहे। वे केवल दो बच्चों को बचाने में सफल नहीं हुए," उन्होंने कहा।

इस दर्दनाक घटना से सीखना

यश की पत्नी ममता ने अपने परिवार के सदस्यों की जान बचाने के लिए उनके साहस को कभी नहीं भुलाने की बात कही। यह घटना परिवार की सहनशक्ति को प्रभावी तरीके से दिखाती है, जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी एक-दूसरे का साथ नहीं छोड़ा। साथ ही, यह भी एक महत्वपूर्ण समय है जब हमें अग्नि सुरक्षा के मुद्दों पर गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है। इस त्रासदी से हमें सिखने की जरूरत है कि हमें हमारे परिवेश की सुरक्षा के लिए कठोर कदम उठाने चाहिए।

इस घटना की अब पोस्टमॉर्टम के बाद शवों को एटा लाने की योजना है, जहां अंतिम संस्कार किया जाएगा।

दिल्ली में हाल के दिनों में आग लगने की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं, जिससे सुरक्षा मानकों के पुनरावलोकन की आवश्यकता महसूस हो रही है। इसलिए, सभी को अग्नि सुरक्षा के उल्लंघनों के प्रति जागरूक रहना और सावधान रहना चाहिए।

वास्तव में, यह घटना हमें यह याद दिलाती है कि हमारी जान की कीमत हमारी सुरक्षा में निहित है। अपने आस-पास के लोगों के लिए हमारी जिम्मेदारी है कि हम उन्हें सुरक्षित रखने के लिए जागरूक रहें। यदि आप और अधिक अपडेट चाहते हैं तो हमें विजिट करें netaanagari.

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