38वें राष्ट्रीय खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन का साक्षी बन रहा उत्तराखंड, जानें क्या बोले CM धामी
38th National Games: राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड अपनी धरती पर खिलाड़ियों के उत्कृष्ट प्रदर्शन का साक्षी बन रहा है. खास बातें उत्तराखंड की उन सार्थक पहल से भी जुड़ी हैं, जिनके प्रभावी संदेश देश-दुनिया तक पहुंच रहे हैं. ग्रीन गेम्स की थीम को जमीन पर उतारने के लिए उत्तराखंड के प्रयास सबसे खास हैं, जिनकी तारीफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कर चुके हैं. महिला स्वास्थ्य, लोक संस्कृति, पर्यटन, रोमांच से जुडे़ अन्य संदेशों की अपनी अलग जगह है. राष्ट्रीय खेलों में शुभंकर के चयन में भी उत्तराखंड की हरित पहल के दर्शन हो रहे हैं. हिमालयी क्षेत्रों में पाए जाने वाले राज्य पक्षी मोनाल को शुभंकर बनाकर उत्तराखंड ने यह पहल की है. खेलों में जीतने वाले खिलाड़ियों के लिए पदक ई-वेस्ट से तैयार कराए गए हैं. साथ ही, पदक जीतने वाले विजेताओं के नाम से खेल वन की स्थापना उत्तराखंड कर रहा है. इसके लिए 2.77 हेक्टेयर जमीन को इन दिनों तैयार किया जा रहा है, जहां पर 1600 रूद्राक्ष के पौधे रोपे जाएंगे. खेलों से जुडे़ आमंत्रण पत्र वेस्ट मटेरियल से तैयार कराए गए, जबकि खेल स्थलों पर एक जगह से दूसरी जगह पर जाने के लिए ई-रिक्शा उपलब्ध कराए गए हैं, ताकि प्रदूषण न होने पाए. सोलर पैनल के प्रयोग से लेकर पानी के लिए रीयूसबल वॉटर बॉटल की व्यवस्था से प्रभावी संदेश निकल रहे हैं. स्पोर्ट्स वेस्ट भी है बहुत काम की चीज राष्ट्रीय खेलों के दौरान ई-वेस्ट ही नहीं, बल्कि बेकार खेल सामग्रियों का भी बेहतर इस्तेमाल किया गया है. आयोजन स्थल पर कई जगहों पर स्पोर्ट्स वेस्ट मटेरियल से प्रतीक तैयार किए गए हैं. इनमें भागता हुआ खिलाड़ी और मोनाल पक्षी प्रमुख हैं. ई-वेस्ट से बनाए गए भारीभरकम टाइगर भी आकर्षण का केंद्र है. साइकिल के इस्तेमाल से दो-दो संदेश राष्ट्रीय खेलों के आयोजन स्थलों पर साइकिल उपलब्ध कराकर एक नहीं दो-दो संदेश दिए गए हैं. पहला संदेश पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण का है, तो दूसरे संदेश में फिट रहने की बात है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय खेलों के उद्घाटन के मौके पर लोगों से फिटनेस पर ध्यान देने का आह्वान किया था. महिला खिलाड़ियों को अलग वैलकम किट राष्ट्रीय खेलों में भाग लेने वाली महिला खिलाड़ियों को अलग वैलकम किट देकर भी उत्तराखंड ने अलग संदेश देने का प्रयास किया है. यह संदेश महिला स्वास्थ्य से जुड़ा है, जिसके अंतर्गत महिला खिलाड़ियों के वैलकम किट में सेनेटरी पैड व अन्य सामान उपलब्ध कराए गए हैं. धर्म-अध्यात्म की भूमि में योग-मलखंब देवभूमि उत्तराखंड में हो रहे राष्ट्रीय खेलों में योग व मलखंब जैसे पारंपरिक खेल भी मेडल टेली में शामिल हैं. इससे पहले, गोवा में हुए राष्ट्रीय खेलों में ऐसा नहीं था. उत्तराखंड ने इन दो खेलों को राष्ट्रीय खेलों में शामिल कराने के लिए ठोस पैरवी की थी. लोक संस्कृति, पर्यटन, पहाड़ सबके संदेश उत्तराखंड ने राष्ट्रीय खेलों को बडे़ शहरों तक सीमित नहीं रखा, बल्कि टिहरी, अल्मोड़ा जैसे ठेठ पर्वतीय शहरों तक भी पहुंचा दिया. इसके अलावा, खाने से लेकर तमाम कलाकृतियों में लोक संस्कृति की झलक दिख रही है. खाने में झंगोरा, गहथ की दाल व अन्य व्यंजन परोसे जा रहे हैं, वहीं पर्वतीय कला एपण के दर्शन पोस्टर, बैनरों से लेकर तमाम जगहों पर हो रहे हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राष्ट्रीय खेलों के दौरान उत्तराखंड ने कई ऐसी पहल की हैं, जिनके माध्यम से पूरे देश में ठोस व प्रभावी संदेश जा रहे हैं. विशेष रूप से ग्रीन गेम्स की थीम को अमल में लाने के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए गए हैं. उत्तराखंड की पहल के साथ देशभर से आए खिलाड़ी व मेहमान जुड़ रहे हैं, ये हर्ष का विषय है. दिल्ली चुनाव में मायावती की BSP का सूपड़ा साफ या मिलेगी जीत? जानें सबसे सटीक एग्जिट पोल

38वें राष्ट्रीय खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन का साक्षी बन रहा उत्तराखंड, जानें क्या बोले CM धामी
Netaa Nagari
देहरादून: 38वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन उत्तराखंड में हो रहा है और इस बार समूचे उत्तराखंड ने शानदार प्रदर्शन का एक अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया है। राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में इन खेलों के संदर्भ में अपने विचार साझा किए। उनके मुताबिक, खेलों का आयोजन न केवल खिलाड़ियों के लिए एक प्लेटफार्म है, बल्कि यह युवाओं को अपने खेल कौशल को उभड़ने का एक शानदार अवसर भी देता है।
खेलों में उत्तराखंड का योगदान
उत्तराखंड ने पिछले कुछ वर्षों में खेलों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को साबित किया है। सीएम धामी ने कहा, "हमारा उद्देश्य केवल खेलों में प्रतियोगिता करना नहीं है, बल्कि हम इस राज्य के खिलाड़ियों को विश्व स्तर पर पहचान दिलाना चाहते हैं।" उनका मानना है कि बेहतर प्रशिक्षण और संसाधनों के माध्यम से युवा खिलाड़ियों को उत्कृष्टता की ओर प्रेरित किया जा सकता है।
खेलों की तैयारी और आयोजन स्थल
38वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन कई स्थानों पर हो रहा है, जहां विभिन्न खेलों के लिए उच्च स्तर की सुविधाएं मौजूद हैं। धामी ने बताया कि राज्य सरकार ने खिलाड़ियों की सुविधाओं का ध्यान रखते हुए विशेष रूप से तैयारी की है। "हमने सुनिश्चित किया है कि खिलाड़ी किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करें।", उन्होंने कहा।
CM धामी के शब्दों में प्रेरणा
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा, "खेल न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं, बल्कि ये मानसिक मजबूती भी प्रदान करते हैं। खिलाड़ी ही हमारे समाज के वास्तविक नायक होते हैं।" उनके अनुसार, खेलों के माध्यम से समाज में एकता और सहयोग का संदेश भी जाता है।
समाजिक दृष्टिकोण
स्टेट खेलों के आयोजन से न केवल खेल का स्तर बढ़ता है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था में भी सुधार होता है। धामी ने कहा कि इस बार खेलों की मेज़बानी से उत्तराखंड एक नई ऊंचाई पर पहुंचेगा। उन्होंने खिलाड़ियों के उत्साह की सराहना की और कहा कि प्रतियोगिता का यह स्तर निश्चित रूप से राष्ट्रीय खेलों की गुणवत्ता को बढ़ाएगा।
निष्कर्ष
38वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन उत्तराखंड के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्रेरणादायक बातें युवाओं को खेलों की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रही हैं। खेलों में उत्कृष्टता का उदाहरण प्रस्तुत करना ने केवल उत्तराखंड को एक नई पहचान दी है बल्कि इससे युवा पीढ़ी को भी प्रेरित किया है।
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