Indore: कैम्पस में नहीं मिली होली की इजाजत, प्रिंसिपल समेत 150 लोगों को बनाया बंधक
Indore News: इंदौर के एक कॉलेज को चार छात्र नेताओं को निष्कासित करना पड़ गया. उसकी वजह बहुत ही हैरान करने वाली है. इन छात्र नेताओं ने कॉलेज परिसर में होली मनाने की इजाजत ना दिए जाने पर महिला प्रिंसिपल और प्रोफेसर समेत 150 लोगों को बंधक बना लिया था. यह जानकारी कॉलेज के अधिकारी ने दी है. यह घटना सोमवार को गवर्मेंट होल्कर साइंस कॉलेज में हुई. इसके बाद जिला प्रशासन ने जांच के आदेश दिए. कॉलेज की प्रिंसिपल अनामिक जैन ने कहा कि अनुशासन समिति ने चार छात्र नेताओं को घटना के संबंध में निष्कासित कर दिया है और उनसे ट्रांसफर सर्टिफिकेट लेने के लिए कहा गया है. जिला प्रशासन ने अपनी जांच में चारों छात्रों को दोषी पाया था. अंदर चल रही थी मीटिंग, गेट बंद कर बिजली काटी जांच रिपोर्ट के हवाले से अधिकारियों ने बताया कि स्टूडेंट्स ने 23 फरवरी को एक पोस्टर लगाया था जिसमें बिना प्रिंसिपल की इजाजत लिए सात मार्च को होली आयोजित करने की बात कही गई थी. आदेश मिलने पर पोस्टर को हटा दिया. चार छात्र नेताओं ने इसके खिलाफ प्रदर्शन किया और कॉलेज के यशवंत हॉल पहुंच गए. और बाहर से बंद कर दिया और इतना ही नहीं पावर सप्लाई भी बंद कर दिया. हंगामे के कारण हॉल में फंसे रहे स्टाफ जांच में इसे अनुशासनहीन व्यवहार करार दिया गया है और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की अनुशंसा की गई. जब स्टूडेंट्स ने यशवंत हॉल को बाहर से बंद किया तब वहां एक बैठक चल रही थी जिसमें 150 लोग मौजूद थे. इस बैठक में प्रिंसिपल, प्रोफेसर और कॉलेज के अन्य स्टाफ भी थी. छात्रों के हंगामे के कारण वे आधे घंटे उसमें फंसे रहे. कॉलेज में कुछ स्टूडेंट्स ने 7 मार्च को 'होल्कर का होली फेस्ट' आयोजित करने का मन बनाया था जिसके लिए 150 रुपये एंट्री फीस थी. इसमें डीजे परफॉर्म करता और रेन डांस होता. इसको सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने वाला कोचिंग क्लास स्पॉन्सर कर रहा था. कॉलेज प्रशासन द्वारा अनुमति ना दिए जाने के बाद भी स्टूडेंट्स ने पोस्टर लगा दिया था. ये भी पढ़ें- 'अगर यूनियन कार्बाइड के कचरे में जहर नहीं है तो...', जीतू पटवारी ने दी मोहन यादव सरकार को बड़ी चुनौती

Indore: कैम्पस में नहीं मिली होली की इजाजत, प्रिंसिपल समेत 150 लोगों को बनाया बंधक
Netaa Nagari
लेखिका: सुषमा शर्मा, टीम नेटानगरी
परिचय
इंदौर के एक कॉलेज परिसर में होली का जश्न मनाने की अनुमति नहीं मिलने के बाद, छात्रों ने कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ अनोखा विरोध प्रदर्शन किया। इस विरोध में कॉलेज के प्रिंसिपल समेत 150 से अधिक लोगों को बंधक बना लिया गया। इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं और स्थानीय प्रशासन को भी सक्रिय किया है।
घटनाक्रम का विवरण
सोमवार को कॉलेज के छात्रों ने जब प्रिंसिपल से होली मनाने की अनुमति मांगी, तो उन्हें इससे मना कर दिया गया। इसके बाद गुस्साए छात्रों ने प्रिंसिपल और कॉलेज के वरिष्ठ अधिकारियों को कक्षाओं के अंदर ही बंधक बना लिया। छात्रों का तर्क था कि यह उनकी संस्कृति और परंपरा का हिस्सा है, जिसे उन्हें मनाने का अधिकार है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
इस घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय प्रशासन मौके पर पहुंच गया। पुलिस और कॉलेज के वरिष्ठ अधिकारी छात्रों के बीच बातचीत करने के लिए पहुंचे। उन्होंने छात्रों से अनुरोध किया कि वे बंधक बनाए गए लोगों को तुरंत रिलीज करें और होली के जश्न को सुरक्षित तरीके से मनाने का आग्रह किया।
बंदूक रखकर शांति की अपील
पुलिस द्वारा समझाने के बाद अंततः छात्रों ने बंधक बनाए गए लोगों को छोड़ दिया। इस बारे में पुलिस ने कहा कि सभी छात्र सही मायनों में अपनी भावनाओं को व्यक्त करना चाहते थे, लेकिन उन्हें सही तरीके से अपनी बात रखनी चाहिए थी।
निवेदन और सुरक्षा
इस घटना के बाद कॉलेज प्रबंधन ने भविष्य में ऐसी स्थिति से बचने के लिए उचित कदम उठाने का आश्वासन दिया है। प्रिंसिपल ने छात्रों को समझाते हुए कहा कि त्योहारों को मनाने का अपना एक सांस्कृतिक महत्व है, लेकिन उसके साथ ही सुरक्षा भी प्राथमिकता होनी चाहिए।
निष्कर्ष
इस घटना ने न केवल छात्रों के अधिकारों का सवाल उठाया है, बल्कि प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान खड़ा किया है। क्या सही तरीके से अपनी आवाज़ उठाना छात्रों का हक नहीं है? यह प्रश्न अब इंदौर के विकासशील शैक्षणिक वातावरण में विचारणीय है।
इस प्रकार की घटनाएँ हमें यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि हमें कैसे एक दूसरे का सम्मान करना चाहिए और अपनी परंपराओं को मनाने के लिए एक उचित स्थान कैसे ढूंढना चाहिए।
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