'बाबा साहेब के सपनों के साथ खिलवाड़...', वीरेंद्र सचदेवा ने अरविंद केजरीवाल पर लगाया बड़ा आरोप

Virendra Sachdeva On Arvind Kejriwal: दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के मौके पर अरविंद केजरीवाल सरकार पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि पिछले 78 सालों में अगर किसी सरकार ने बाबा साहेब के सपनों को सबसे ज्यादा ठेस पहुंचाई, तो वो है केजरीवाल की सरकार. सचदेवा ने आरोप लगाया कि केजरीवाल ने दलितों और शोषित वर्गों के लिए सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें कीं, लेकिन उनके लिए कुछ किया नहीं.    "तस्वीरें लगाईं, काम नहीं किया"     सचदेवा ने तंज कसते हुए कहा कि केजरीवाल ने सचिवालय में बाबा साहेब की तस्वीरें तो टांग दीं, लेकिन दलितों और गरीबों के लिए बनी योजनाओं को लागू करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई. उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने दलित बस्तियों को बेहतर बनाने या उनके बच्चों की पढ़ाई के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया.    'पैसा आवंटित हुआ, लेकिन खर्च नहीं'   बीजेपी अध्यक्ष ने कुछ आंकड़े पेश करते हुए बताया कि 2020 से 2024 के बीच केजरीवाल सरकार ने दलित बस्तियों के लिए 260 करोड़ रुपये का बजट रखा, लेकिन खर्च किए सिर्फ 121 करोड़. बाकी पैसा कहां गया? सचदेवा का कहना है कि इतनी ही रकम तो केजरीवाल ने अपने "शीशमहल" और मंत्रियों के दफ्तरों को चमकाने में उड़ा दी.    'योजनाएं बनीं, लेकिन सिर्फ कागज पर'   सचदेवा ने तीन योजनाओं का जिक्र किया, जो केजरीवाल सरकार ने बाबा साहेब के नाम पर शुरू की थीं:     1. जय भीम मुख्यमंत्री प्रतिभा विकास योजना (अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए): इसके लिए 180 करोड़ रुपये रखे गए, लेकिन खर्च हुए सिर्फ 4.4 करोड़   2. जय भीम योजना (अल्पसंख्यक, पिछड़े और गरीब छात्रों के लिए): 250 करोड़ का बजट, लेकिन खर्च सिर्फ 4.2 करोड़.    3. मुख्यमंत्री विद्यार्थी प्रतिभा योजना : 461 करोड़ का बजट, लेकिन खर्च हुए केवल 32.2 करोड़.   सचदेवा ने सवाल उठाया कि कुल 891 करोड़ रुपये में से सिर्फ 40.80 करोड़ ही क्यों खर्च हुए? बाकी पैसा कहां गया?    केजरीवाल जवाब दें- सचदेवा   सचदेवा ने केजरीवाल से सीधा सवाल किया कि वो सामने आएं और दिल्ली के दलित, अल्पसंख्यक और गरीब तबके को बताएं कि उनके बच्चों की पढ़ाई और बेहतर जिंदगी के लिए जो पैसा रखा गया, वो गया कहां? उन्होंने कहा कि बाबा साहेब ने शिक्षा और बराबरी का सपना देखा था, लेकिन केजरीवाल ने उनके नाम का इस्तेमाल सिर्फ वोट लेने के लिए किया.   क्या है पूरा मामला?   सचदेवा का कहना है कि केजरीवाल सरकार ने 10 साल में दलितों और शोषित वर्गों के लिए सिर्फ दिखावा किया. होर्डिंग्स और तस्वीरों के पीछे छिपकर उन्होंने न तो दलित बस्तियों को बेहतर बनाया, न ही उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए कुछ किया. बीजेपी अध्यक्ष ने इसे बाबा साहेब के सपनों के साथ "धोखा" करार दिया.   बाबा साहेब की जयंती पर सवाल   आज जब पूरा देश बाबा साहेब की जयंती मना रहा है, सचदेवा ने कहा कि ये वक्त है केजरीवाल को जवाब देने का. दिल्ली के लोग जानना चाहते हैं कि जो योजनाएं उनके बच्चों के भविष्य के लिए बनी थीं, वो सिर्फ कागजों तक क्यों सिमट गईं ?  उन्होंने कहा कि बाबा साहेब का सपना था कि हर वर्ग को बराबरी मिले, शिक्षा मिले. क्या दिल्ली के लोग ये हक नहीं मांग सकते कि उनके लिए बनाई योजनाएं जमीन पर उतरें?   इसे भी पढ़ें: शिवराज चौहान ने अपने खेतों में लगवाए ड्रैगन फ्रूट, एवोकाडो और जैक फ्रूट, बताए खेती के फायदे    

Apr 14, 2025 - 21:37
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'बाबा साहेब के सपनों के साथ खिलवाड़...',  वीरेंद्र सचदेवा ने अरविंद केजरीवाल पर लगाया बड़ा आरोप
'बाबा साहेब के सपनों के साथ खिलवाड़...', वीरेंद्र सचदेवा ने अरविंद केजरीवाल पर लगाया बड़ा आरोप

‘बाबा साहेब के सपनों के साथ खिलवाड़...’, वीरेंद्र सचदेवा ने अरविंद केजरीवाल पर लगाया बड़ा आरोप

लेखिका: स्नेहा सिंह, टीम नेतानगरी

राजनीतिक बयानों और आरोपों के बीच दिल्ली में एक नया राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है। भाजपा के नेता वीरेंद्र सचदेवा ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि केजरीवाल सरकार ने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के सपनों के साथ खिलवाड़ किया है। इस लेख में हम इस विवाद की गहराई में जाने के साथ-साथ इसके संभावित परिणामों पर भी चर्चा करेंगे।

वीरेंद्र सचदेवा का बयान

वीरेंद्र सचदेवा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अरविंद केजरीवाल की सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि "दिल्ली में सत्ता में आते ही केजरीवाल ने विकास और सामाजिक न्याय को स्थापित करने की बजाय उस दिशा में कदम बढ़ाने की बजाय अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए काम किया है। बाबा साहेब का सपना था कि हर भारतीय को समान अधिकार मिले, लेकिन केजरीवाल सरकार इस सपने को अधूरा छोड़ रही है।"

आरोपों की पृष्ठभूमि

सचदेवा के आरोप के पीछे कई मुद्दे हैं। वे खासतौर पर शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के नाम पर उठाए गए केजरीवाल सरकार के किए गए वादों को निशाने पर ले रहे हैं। उनका कहना है कि लगातार वादों के बावजूद, असली सामाजिक और आर्थिक विकास नजर नहीं आ रहा है। वे यह भी कहते हैं कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए बाबा साहेब ने जो वैकल्पिक कदम उठाने की कोशिश की थी, उसकी अनदेखी हो रही है।

राजनीतिक प्रतिक्रिया

सचदेवा के इस बयान पर अन्य राजनीतिक पार्टियों ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने इस आरोप को राजनीति की नया तरीका बताया है, जिसको उन्होंने गंभीरता से नहीं लिया। AAP के प्रवक्ता का कहना है कि सचदेवा के बयान केवल ध्यान खींचने के लिए हैं और वे आम जनता के मुद्दों से भटकने का एक हिस्सा हैं।

समाजिक दृष्टि

दिल्ली की इस राजनीतिक गर्मागर्मी में समाज के विभिन्न वर्गों की प्रतिक्रियाएं भी सामने आई हैं। कई लोग यह मानते हैं कि जो बयान दिए जा रहे हैं, वे सिर्फ चुनावी रणनीति का एक हिस्सा हैं। वहीं, कुछ का कहना है कि इससे समाज में विभाजन हो सकता है, जिससे बाबा साहेब के विचारों को नुकसान पहुंच सकता है।

निष्कर्ष

वीरेंद्र सचदेवा के बयान ने एक बार फिर से उन मुद्दों को उजागर कर दिया है, जो भारतीय राजनीति में बेहद महत्वपूर्ण हैं। हालांकि, राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का खेल हमेशा से ही रहा है, लेकिन जब बात बाबा साहेब अंबेडकर जैसे ऐतिहासिक व्यक्तित्व की आती है, तो समाज पर उसका प्रभाव गहरा होता है। चुनाव के इस समय में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या यह बयान सही मायने में किसी सकारात्मक बदलाव की ओर ले जा पाता है या फिर सिर्फ राजनीतिक खेल का हिस्सा बनकर रह जाएगा।

अंत में, हमें चाहिए कि हम सभी समाज के अधिकारों और विकास के प्रति सजग रहें। हम सबको अपने अधिकारों की रक्षा करना चाहिए और सत्ता में बैठे लोगों से जवाबदेही मांगना चाहिए।

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