माघी गणेशोत्सव में बड़ी बाधा, विसर्जन के लिए बप्पा को करना पड़ रहा इंतजार, जानें क्या है वजह?

Mumbai Maghi Ganpati Visarjan 2025: मुंबई शहर अपने गणेश उत्सव पर्व के लिए खासा मशहूर है. ऐसे में माघ महीने में भी गणपति बप्पा को विराजित करने और विसर्जन करने का पर्व मनाया जाता है , ऐसे में कई ऐसी गणपति मूर्तियां है जिनके विसर्जन का मुहूर्त और दिन बीत चुका है मंडल चौपाटी या कृत्रिम तलाव विसर्जन के लिए पहुंचे है, लेकिन बीएमसी ने उन्हें वापस लौटा दिया है. इसके पीछे की प्रमुख वजह है सरकार के कुछ सख्त नियम जिनके आगे मंडल को घुटने टेकने पड़ रहे हैं. दरअसल, मुंबई के कई गणेशोत्सव मंडलों और मूर्ति निर्माताओं में गुस्से की लहर पैदा हो गई. कोर्ट के आदेश के मुताबिक पीओपी की गणेश प्रतिमाओं पर प्रतिबंध लगाया गया है, जिसे बीएमसी ने लागू किया है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दिशा निर्देश 2020 को सख्ती से लागू किया जा रहा है. इसलिए, माघी गणेशोत्सव की पीओपी मूर्तियां को विसर्जन के लिए आने के बाद भी बीएमसी के निर्देशों के अनुसार उन्हें इन मूर्तियों को विसर्जित करने की अनुमति नहीं दी जा रही है.  चर्चा किए बिना लगा दिया गया रोक इसलिए, इन पीओपी गणपति प्रतिमाओं को गणेशोत्सव मंडल द्वारा एक बार फिर से मंडल में उन्हें ढक कर रखा गया है. मंडलों ने इस बात पर रोष व्यक्त किया है कि मंडलों या मूर्तिकारों के साथ नियमों या इसके कार्यान्वयन पर चर्चा किए बिना पीओपी की मूर्तियों को विसर्जन के लिए रोक दिया गया है. हम गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन कैसे करे ? क्या उन्हें यह सवाल बीएमसी और प्रशासन से पूछकर करना होगा. इसके अलावा आने वाले गणेश उत्सव में पीओपी गणेश प्रतिमा को लेकर क्या फैसले हैं? यह स्पष्ट न होने से मूर्तिकार भी असमंजस में हैं.सभी गणेश मंडल के पदाधिकारी और मूर्तिकार आज उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से भी मुलाकात की, ऐसे में ये देखना अहम होगा कि इस बैठक में कोई समाधान निकलता है या नहीं. आदित्य ठाकरे ने सरकार पर निशाना साधा गणपति विसर्जन रोके जाने के बाद ठाकरे पिता-पुत्र ने सरकार पर निशाना साधा है. आदित्य ठाकरे ने X पर पोस्ट कर सरकार पर मराठा हिंदू धर्म और हमारी मिट्टी की पहचान को मिटाने की कोशिश करने का आरोप लगाया. बॉम्बे हाई कोर्ट ने मूर्तियों और पीओपी के विसर्जन पर रोक लगा दी है. क्या हैं हाई कोर्ट के आदेश?  इस वर्ष माघी गणेश जयंती उत्सव पर कहीं भी पीओपी गणेश प्रतिमाएं बेचने की अनुमति न दें.  यदि ऐसा हो तो उन गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन न होने दें.  सीपीसीबी की गाइडलाइन का सख्ती से पालन करें.  पीओपी प्रतिबंध का फैसला रातों रात लागू नहीं किया गया है. तो फिर मूर्तिकार पीओपी की मूर्तियां क्यों बनाते रहे? इन नियमों का पालन करने का आदेश 30 जनवरी को जारी किया गया था. लेकिन उससे पहले कई मंडल अपने बप्पा को मंडप में लेकर आ चुके थे, अब बोर्ड ने यह रुख अपना लिया है कि संतोषजनक समाधान नहीं होने पर बप्पा का विसर्जन नहीं होगा. गणेशोत्सव हर गणेश भक्त के दिल में एक मधुर स्थान है. वही माघी गणेशोत्सव इस समय भक्ति और नियमों के विवाद में फंसा हुआ है. अब प्रार्थना की जा रही है कि विघ्नहर्ता जल्द से जल्द इस बाधा को दूर करें और विसर्जन संपन्न हो जाए. ये भी पढ़ें: मुंबई पुलिस को मिली धमकी, PM नरेंद्र मोदी के विमान पर आतंकी हमला होने का दावा

Feb 12, 2025 - 11:37
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माघी गणेशोत्सव में बड़ी बाधा, विसर्जन के लिए बप्पा को करना पड़ रहा इंतजार, जानें क्या है वजह?
माघी गणेशोत्सव में बड़ी बाधा, विसर्जन के लिए बप्पा को करना पड़ रहा इंतजार, जानें क्या है वजह?

माघी गणेशोत्सव में बड़ी बाधा, विसर्जन के लिए बप्पा को करना पड़ रहा इंतजार, जानें क्या है वजह?

लेखिका: साक्षी शर्मा, टीम नेता नगरी

माघी गणेशोत्सव हमेशा से श्रद्धालुओं के लिए एक खास अवसर रहा है। इस दौरान भक्त गणेश जी की प्रतिमाओं की स्थापना करते हैं और फिर भव्य विसर्जन के लिए निकलते हैं। लेकिन इस वर्ष इस भक्तिभाव में एक बड़ी बाधा आ गई है।

विसर्जन का इंतजार

आमतौर पर गणेशोत्सव के दौरान भव्य विसर्जनों का नजारा देखने को मिलता है। लेकिन इस बार बहुत से क्षेत्रों में बप्पा के विसर्जन में देरी हो रही है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि वातावरण में भारी बारिश के कारण जल स्तर बढ़ गया है और कई नदियाँ उफान पर हैं। जिसके चलते विसर्जन की रस्‍म पूरी करने में परेशानी हो रही है।

जल स्तर और सुरक्षा उपाय

इस वर्ष के गणेशोत्सव में पर्यावरण के कारण जल स्तर में वृद्धि ने भक्तों के मन में चिंता बढ़ा दी है। स्थानीय प्रशासन ने भक्तों के लिए सुरक्षा उपाय तैयार किए हैं, ताकि कोई अप्रिय घटना ना हो। कई स्थानों पर विसर्जन को सुरक्षित करने के लिए वैकल्पिक स्थान भी निर्धारित किए गए हैं ताकि भक्त अपने बप्पा को सही सलामती से विसर्जित कर सकें।

स्थानीय धार्मिक संगठनों की भूमिका

स्थानीय धार्मिक संगठनों ने भी इस समस्या को लेकर सक्रियता दिखाई है। उन्होंने भक्तों को मार्गदर्शन देने के लिए विभिन्न शिविर लगाए हैं। वे यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि सभी भक्त अपने बप्पा को श्रद्धा के साथ विसर्जित कर सकें। इसके साथ ही सामाजिक संगठनों और स्थानीय प्रशासन के सहयोग से सभी को सुरक्षित तरीके से बप्पा को विदाई देने का प्रयास किया जा रहा है।

समापन

इस वर्ष का माघी गणेशोत्सव जलवायु परिस्थितियों ने कई चुनौतियाँ पेश की हैं। फिर भी भक्तों का उत्साह कम नहीं हुआ है। सभी अपनी श्रद्धा और विश्वास के साथ बप्पा को विसर्जित करने के लिए तत्पर हैं। अब यह कर्तव्य बनता है कि हम पर्यावरण का ध्यान रखें और धार्मिक उत्सव को भी सुरक्षित तरीके से मनाएं। हम आशा करते हैं कि जल्द ही सभी भक्त अपने बप्पा को विदाई देने में सफल होंगे।

kam sabdo me kahein to, इस वर्ष माघी गणेशोत्सव में जल स्तर के कारण विसर्जन में देरी हो रही है, लेकिन भक्तों का उत्साह बरकरार है।

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