दिल्ली में CM के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में क्यों नहीं पहुंचे चिराग पासवान? जानें जवाब
दिल्ली का चुनाव निपट गया. अब बिहार की बारी है. साल के अंत में बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं लेकिन सियारी पारा अभी से चरम पर है. आरजेडी ने एनडीए की एकजुटता पर ही सवाल उठा दिए. दरअसल, दिल्ली में सीएम रेखा गुप्ता के शपथ समारोह के कार्यक्रम में एनडीए के अहम सहयोगी बिहार के सीएम नीतीश कुमार, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी नदारद रहे. 'यही एनडीए की सच्चाई है' आरजेडी के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवल किशोर ने कहा कि क्षेत्रीय दल बीजेपी से डरे हुए हैं कि नीतीश कुमार का हाल महाराष्ट्र के एकनाथ शिंदे जैसा न हो जाए. बीजेपी छोटी पार्टियों को निपटा देगी. उन्होंने कहा कि बीजेपी दिल्ली की जीत को बहुत बड़ी सफलता के तौर पर दिखाने का प्रयास कर रही है. दिल्ली में शपथ ग्रहण समारोह को NDA की ताकत के तौर पर दिखाने का प्रयास कर रही है. लेकिन सच्चाई यह है कि बिहार में जहां विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, वहां के बीजेपी के अपने घटक दल जैसे नीतीश कुमार दिल्ली में शपथ ग्रहण समारोह में नहीं आए. ललन सिंह और संजय झा को भेजा. केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान मौजूद नहीं रहे. केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी नहीं आये. यही एनडीए की सच्चाई है. बीजेपी का शक्ति प्रदर्शन बता दें कि गुरुवार (20 फरवरी) को दिल्ली में सीएम रेखा गुप्ता का शपथ ग्रहण समारोह था. पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत बीजेपी के तमाम बड़े नेता और एनडीए के सहयोगी दलों के प्रमुख मौजूद थे. इसको एनडीए के शक्ति प्रदर्शन के तौर पर बीजेपी ने पेश करने की कोशिश की. क्यों नहीं पहुंचे सीएम नीतीश कुमार? बिहार के सीएम नीतीश कुमार प्रगति यात्रा पर हैं. इसलिए उन्होंने जेडीयू की तरफ से केंद्रीय मंत्री ललन सिंह एवं कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा को शपथ ग्रहण समारोह में भेजा. चिराग पासवान क्यों नदारद? वहीं केंद्रीय मंत्री एवं लोजपा राम विलास प्रमुख चिराग पासवान दुबई में हैं. इस कारण वह नहीं आए न उनकी पार्टी से कोई पहुंचा. केंद्रीय मंत्री एवं हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी भी शपथ ग्रहण समारोह में नहीं आए न उनकी पार्टी से कोई पहुंचा. वैसे मांझी बार बार ज्यादा सीटों के लिए BJP पर दबाव बना रहे हैं. केंद्रीय मंत्रिमंडल छोड़ने की धमकी दी थी. PM मोदी ने जब बिहार के NDA सांसदों से मुलाकात की तब भी मांझी मौजूद नहीं थे. वैसे मांझी ने कहा था कि हम मजबूती से NDA में हैं. लेकिन शपथ ग्रहण समारोह में चुनावी राज्य बिहार के सहयोगी दलों का नहीं जाना RJD को NDA को घेरने का मौका दे दिया. Nitish Kumar: 2025 के चुनाव से पहले RJD के साथ जाएंगे नीतीश कुमार? एक बयान से मच गया सियासी बवाल

दिल्ली में CM के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में क्यों नहीं पहुंचे चिराग पासवान? जानें जवाब
Netaa Nagari
दिल्ली में हाल ही में हुए मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में चिराग पासवान की अनुपस्थिति ने सभी को चौंका दिया। जबकि इस कार्यक्रम में अनेक राजनीतिक नेता और पार्टी के बड़े नेता उपस्थित रहे, चिराग यात्री का यह निर्णय किसी रहे वह सवाल उठाता है। आइए, इस विषय पर विस्तृत चर्चा करते हैं।
चिराग पासवान का राजनीतिक महत्व
चिराग पासवान लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के प्रमुख हैं और उनकी राजनीतिक छवि हमेशा से मजबूत रही है। वे अपने पिता रामविलास पासवान के राजनीतिक विरासत को संभाल रहे हैं। इसके अलावा, चिराग ने विभिन्न मुद्दों पर अपनी बात रखने की हिम्मत दिखाई है, यही कारण है कि उनकी अनुपस्थिति ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी।
अनुपस्थिति का कारण
चिराग पासवान ने हाल ही में बातचीत में स्पष्ट किया कि उनका कार्यक्रम में न पहुंचना व्यक्तिगत कारणों की वजह से है। उन्होंने कहा, "मैं अपने परिवार के साथ कुछ समय बिताना चाहता था। इसके अलावा मुझे अपने निर्वाचन क्षेत्र के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना था।" हालांकि, कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह एक रणनीति भी हो सकती है, जिसमें चिराग अपने आप को मौजूदा राजनीतिक समीकरण से दूर रख कर अपनी स्वतंत्रता को प्रस्तुत करना चाहते हैं।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
चिराग की अनुपस्थिति पर विभिन्न पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। कुछ ने इसे उनकी कमजोर स्थिति के रूप में देखा, तो कुछ ने इसे उनके स्वतंत्र विचारधारा का प्रतीक माना। वहीं, उनके समर्थकों का मानना है कि चिराग का चुनाव समयबद्धता भारी निर्णय ले सकता है, जिससे वे बेहतर ढंग से अपनी पार्टी को आगे बढ़ा सकें।
क्या है भविष्य की योजना?
चिराग पासवान ने बताया कि वे आने वाले समय में अपनी पार्टी को और मजबूत करने के लिए कई योजनाएं बना रहे हैं। उन्होंने कहा, "हम अगले चुनावों के लिए रणनीति बनाएंगे और जनता के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेंगे।" उनके इस दृष्टिकोण से यह स्पष्ट होता है कि वे अभी भी राजनीतिक दौड़ में सक्रिय रहना चाहते हैं।
निष्कर्ष
दिल्ली में CM के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में चिराग पासवान की अनुपस्थिति ने जहाँ एक कनफ्यूजन पैदा किया है, वहीं उन्हें अपने राजनीतिक लक्ष्यों के प्रति और अधिक स्पष्ट दृष्टिकोण रखने का अवसर भी दिया है। उनके विचार से यह साफ है कि वे परिवार और व्यक्तिगत जीवन को ध्यान में रखते हुए अपने व्यवसायिक लक्ष्यों को भी पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं। आने वाले समय में शायद उनकी योजनाएँ और चुनावी रणनीतियाँ महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
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