दिल्ली के नए मंत्री आशीष सूद का कपूरथला कनेक्शन:शेखूपुर गांव से हैं पुश्तैनी रिश्ते, दादा यहीं रहते थे; पिता का जन्म भी यहीं हुआ
दिल्ली की नई सरकार में मंत्री बने आशीष सूद का पंजाब के कपूरथला से गहरा नाता है। 58 वर्षीय व्यवसायी आशीष सूद की जड़ें कपूरथला के सुल्तानपुर लोधी रोड स्थित गांव शेखूपुर से जुड़ी हैं। हालांकि आशीष का जन्म दिल्ली में हुआ, लेकिन उनके दादा शेखूपुर के मूल निवासी थे। उनके पिता का जन्म भी इसी गांव में हुआ था। भाजपा के वरिष्ठ नेता और प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य उमेश शारदा ने बताया कि उनकी पहली मुलाकात आशीष से 2014 में अमृतसर में हुई थी। शारदा के अनुसार, जब आशीष ने अपना परिचय देते हुए कहा कि वह कपूरथला से हैं, तब से दोनों के बीच गहरी दोस्ती हो गई। आशीष पहली बार कपूरथला आए तो शारदा उन्हें शेखूपुर के सूदां मोहल्ले में उनका पैतृक घर दिखाने ले गए। आशीष ने शेखूपुर स्थित माता भद्रकाली मंदिर और श्री सत्यनारायण मंदिर में मत्था टेका था। 2016 में वह दोबारा कपूरथला आए। शारदा के मुताबिक, आशीष को अपने पैतृक गांव से गहरा लगाव है और वह जमीनी नेता हैं। हाल ही में मंत्री बनने पर शारदा ने उन्हें बधाई दी। आशीष ने माता भद्रकाली मंदिर में फिर से जाने की इच्छा जताई है।

दिल्ली के नए मंत्री आशीष सूद का कपूरथला कनेक्शन: शेखूपुर गांव से हैं पुश्तैनी रिश्ते, दादा यहीं रहते थे; पिता का जन्म भी यहीं हुआ
Netaa Nagari
लेखक: स्नेहा शर्मा, टीम नेतानगरी
परिचय
दिल्ली के नए मंत्री आशीष सूद का कपूरथला से एक गहरा रिश्ता है। यह रिपोर्ट उनके पुश्तैनी गांव शेखूपुर की यात्रा करते हुए उनके परिवार की जड़ों को उजागर करती है। आशीष सूद के दादा और पिता का जीवन इस गांव में बीता है, जिससे उनकी विरासत का परिचय मिलता है।
कपूरथला का शेखूपुर गांव
शेखूपुर गांव, कपूरथला जिले का एक ऐतिहासिक गांव है, जहाँ आशीष सूद के दादा निवास करते थे। यहां की संस्कृति, परंपराएं और स्थानीय जीवनशैली ने सूद परिवार को गहराई से प्रभावित किया। यह गांव उन लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है जो अपनी जड़ों को पहचानना चाहते हैं।
आशीष सूद का परिवार
आशीष सूद का जन्म दिल्ली में हुआ, लेकिन उनके माता-पिता ने सेमी-ऑर्डर से शेखूपुर गांव में अपने पूर्वजों की मूल भूमि का अनुभव किया। उनके दादा परिवार के सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों में से थे और उन्होंने गांव में सामाजिक कार्यों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सूद के पिता का जन्म भी इसी गांव में हुआ था, जिससे परिवार का नाता और भी मजबूत हो जाता है।
राजनीतिक सफर और सांस्कृतिक जड़ें
दिल्ली में आशीष सूद की राजनीति में सक्रियता ने उन्हें न केवल जनता का प्रिय बनाया है, बल्कि उनके सांस्कृतिक जड़ों से भी जोड़ा है। वे अक्सर अपने गांव का दौरा करते हैं और स्थानीय लोगों के साथ जोड़कर काम करने का महत्व समझते हैं। उनका मानना है कि अपनी जड़ों को पहचानना और अपने पूर्वजों की परंपराओं को जारी रखना बहुत जरूरी है।
निष्कर्ष
आशीष सूद का कपूरथला से संबंध उनके जीवन और करियर में एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह न केवल उनकी पहचान को दर्शाता है बल्कि उन्हें अपनी सांस्कृतिक विरासत के प्रति संवेदनशील भी बनाता है। उनके अनुभव और ज्ञान का लाभ उन्हें आगे बढ़ने में मदद करेगा। इस प्रकार के सामाजिक जुड़ाव से नेता और उनके समुदाय के बीच का संबंध और भी प्रगाढ़ होगा।
आशीष सूद के इस अद्भुत सफर को जानने के लिए उनके जीवन के इस पहलू को ध्यान में रखकर आगे की कार्रवाई करना आवश्यक है। ऐसी कहानियाँ हमेशा याद दिलाती हैं कि हम कहाँ से आए हैं और हमें कहाँ जाना है।
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