राजस्थान में आठवीं आर्थिक गणना शुरू, राज्य स्तरीय समन्वय समिति भी गठित, क्या होगा काम?

Economic Census in Rajasthan: एक तरफ जहां जनगणना की तैयारी चल रही है. वहीं, अब आठवीं आर्थिक गणना शुरू हो गई है. जानकारी के अनुसार केंद्रीय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के निर्देशानुसार राज्य में आर्थिक एवं सांख्यिकी निदेशालय द्वारा आठवीं आर्थिक गणना 2025-26 का आयोजन किया जाएगा.  मुख्य सचिव सुधांशु पंत की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय समन्वय समिति का गठन किया गया है. जो आर्थिक गणना के तहत प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों में संलिप्त औद्योगिक इकाइयों की गणना की जाएगी. उद्यम की स्थिति, प्रकृति, स्वामित्व, वित्तीय प्रबंधन, और रोजगार आदि से संबंधित सूचनाएं इकट्ठा की जाएगी. क्या होगा इसमें काम?जानकारी के अनुसार समन्वय समिति द्वारा तैयारी और प्रगति की समीक्षा, समस्याओं का समाधान, प्रगणकों और पर्यवेक्षकों की तैनाती, डाटा कवरेज, डेटा की शुद्धता पर रिपोर्ट, जिला स्तरीय समन्वय समिति से प्राप्त फीडबैक की समीक्षा कर समस्याओं का समाधान किया जाएगा. इस गणना के बाद के कई बड़े असर दिख सकेंगे. किसे-किसे किया गया शामिल?राज्य स्तरीय समन्वय समिति में वित्त विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, उद्योग विभाग, राजस्व विभाग, स्वायत शासन विभाग के प्रमुख शासन सचिव, सहकारिता विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग, श्रम विभाग, सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग के शासन सचिव, आयोजना एवं सांख्यिकी विभाग के विशिष्ठ सचिव, पंचायती राज विभाग के शासन सचिव एवं आयुक्त, सूचना और जनसम्पर्क विभाग के आयुक्त और संयुक्त सचिव, NSSO (उत्तरी अंचल) के उप महानिदेशक, NSSO (क्षेत्रीय कार्यालय) के उप महानिदेशक, एम.एस.एम.ई (डी.आई), भारत सरकार के निदेशक सदस्य होंगे. समिति का प्रशासनिक विभाग आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग को बनाया गया है. ये भी पढ़ें: राजस्थान: फरवरी में पेश होने वाले बजट के लिए विशेषज्ञों से ली गई सलाह, बड़ी घोषणाओं की है उम्मीद

Jan 28, 2025 - 14:37
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राजस्थान में आठवीं आर्थिक गणना शुरू, राज्य स्तरीय समन्वय समिति भी गठित, क्या होगा काम?
Economic Census in Rajasthan: एक तरफ जहां जनगणना की तैयारी चल रही है. वहीं, अब आठवीं आर्थिक गणना शुरू हो गई है. जानकारी

राजस्थान में आठवीं आर्थिक गणना शुरू, राज्य स्तरीय समन्वय समिति भी गठित, क्या होगा काम?

लेखिका: सुषमा वर्मा, टीम नेता नागरी

परिचय

राजस्थान में हाल ही में आठवीं आर्थिक गणना की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस गणना का उद्देश्य राज्य की आर्थिक स्थिति को समझना और विकास योजनाओं को प्रभावी बनाना है। साथ ही, राज्य स्तरीय समन्वय समिति का गठन भी किया गया है जिसका मुख्य कार्य इस गणना की सही और सटीक जानकारी एकत्रित करना होगा। क्या आप जानना चाहते हैं कि यह गणना किस प्रकार काम करेगी और इससे राज्य को क्या लाभ होगा? आइए, जानते हैं इस लेख में।

आर्थिक गणना का महत्व

आर्थिक गणना, किसी भी राज्य की आर्थिक स्थिति का एक महत्वपूर्ण मापदंड होती है। यह विभिन्न क्षेत्रों में विकास की दिशा निर्धारित करने में मदद करती है। राजस्थान की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि, उद्योग और सेवा क्षेत्र पर आधारित है। आर्थिक गणना के माध्यम से इन दोनों क्षेत्रों की स्थिति, विकास की आवश्यकताएँ और रोजगार के अवसरों की पहचान करना आसान होगा।

राज्य स्तरीय समन्वय समिति का गठन

राज्य सरकार ने आर्थिक गणना को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए राज्य स्तरीय समन्वय समिति का गठन किया है। इस समिति में विभिन्न विभागों के अधिकारी शामिल होंगे जो विभिन्न पहलुओं की निगरानी करेंगे। समिति का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि गणना में संज्ञान और डेटा एकत्र करने की प्रक्रिया सही और पारदर्शी हो।

गणना की प्रक्रिया

आठवीं आर्थिक गणना की प्रक्रिया में कई चरण शामिल होंगे। पहले चरण में, ग्राम पंचायतों और नगर निगमों में डेटा एकत्रित किया जाएगा। इसके बाद, दूसरे चरण में संकलित आंकड़ों की संचानना की जाएगी। इस प्रक्रिया को सरल और सुविधाजनक बनाने के लिए तकनीकी समाधानों का उपयोग किया जाएगा। इससे गणना की सटीकता और समयबद्धता में सुधार होगा।

राज्य को होने वाले लाभ

आर्थिक गणना के परिणामों से राज्य सरकार को अनेक लाभ होंगे। यह योजनाएँ तैयार करने में मदद करेगी, जैसे कि स्वरोजगार, छोटे व्यवसायों का विकास और रोजगार के अवसर। इसके अतिरिक्त, यह सरकार को नीतियों को संशोधित करने और आवश्यकताओं के अनुसार बजट आवंटित करने में भी सहायता करेगी।

निष्कर्ष

राजस्थान में आठवीं आर्थिक गणना एक महत्वपूर्ण कदम है जो इस राज्य की आर्थिक स्थिति को बेहतर समझने और सुधारने में सहायक होगी। राज्य स्तरीय समन्वय समिति का गठन इस प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाएगा। हम सभी को इस गणना के परिणामों का बेसब्री से इंतज़ार है, क्योंकि यह आगे चलकर राज्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा।

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