यमुना विवाद, हरियाणा CM बोले- बयान पर माफी मांगें केजरीवाल:हम मानहानि केस करेंगे; केजरीवाल ने कहा था- यमुना में जहर मिला रही हरियाणा सरकार
दिल्ली के पूर्व CM अरविंद केजरीवाल के यमुना नदी में जहर मिलाए जाने के बयान पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने उन्हें चुनौती दी है। सैनी ने कहा- वह अपने बयान के लिए हरियाणा और दिल्ली के लोगों से तुरंत माफी मांगें, नहीं तो हम उनके खिलाफ मानहानि का केस करेंगे। सैनी ने कहा कि हरियाणा के लोग यमुना की पूजा करते हैं। वे भला नदी के पानी में जहर क्यों मिलाएंगे। केजरीवाल ने खुद 28 नाले यमुना में डाल दिए और सोचा कि हरियाणा पर आरोप लगाकर बच जाऊंगा। केजरीवाल ने 2020 में वादा किया था कि अगर यमुना को दूषित होने से नहीं बचाया तो कभी वोट नहीं मांगूंगा। वह अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं। उधर, मंगलवार को दिल्ली की CM आतिशी ने मुख्य चुनाव आयुक्त को लेटर लिखकर पानी रोकने की मांग की है। उन्होंने कहा, 'हरियाणा से दिल्ली में प्रवेश करने वाली यमुना नदी के पानी में अमोनिया का स्तर सामान्य से 6 गुना अधिक है। यह स्तर मानव शरीर के लिए बहुत जहरीला है। इस पानी को दिल्ली के लोगों को नहीं दिया जा सकता। उनकी जान जोखिम में पड़ जाएगी।' दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारी आज यमुना का निरीक्षण करने के लिए जाएंगे। उधर, चुनाव आयोग ने हरियाणा सरकार को 28 जनवरी को तथ्यात्मक रिपोर्ट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। अब सिलसिलेवार ढंग से जानिए कैसे शुरू हुआ विवाद 27 जनवरी: केजरीवाल बोले- हरियाणा सरकार यमुना में जहर मिला रही केजरीवाल ने एक दिन पहले 27 जनवरी को हरियाणा की भाजपा सरकार पर यमुना के पानी को जहरीला करने का आरोप लगाया था। केजरीवाल ने कहा- दिल्ली के लोगों को पीने के लिए पानी हरियाणा और उत्तर प्रदेश से मिलता है। यमुना में हरियाणा से पानी दिल्ली में आता है। भाजपा की हरियाणा सरकार ने यमुना के पानी को जहरीला कर दिया है। हालांकि, जल बोर्ड ने उस पानी को दिल्ली में आने से रोक दिया। भाजपा सरकार ने पानी में ऐसा जहर मिलाया है, जिसे जल उपचार संयंत्रों द्वारा भी साफ नहीं किया जा सकता है। इससे दिल्ली के एक तिहाई हिस्से में पानी की कमी हो गई है। दिल्ली में अफरा-तफरी मचाने के लिए ऐसा किया गया है, ताकि दिल्ली के लोग मरें और इसका दोष AAP पर आए। 27 जनवरी: दिल्ली जल बोर्ड की CEO ने केजरीवाल का बयान खारिज किया दिल्ली जल बोर्ड की CEO शिल्पा शिंदे ने 27 जनवरी को मुख्य सचिव को पत्र लिखकर केजरीवाल के दावे को गलत बताया है। उन्होंने पत्र में लिखा- हरियाणा के कारण यमुना में अमोनिया को लेकर अरविंद केजरीवाल का बयान का कोई आधार नहीं है। इसमें बताए गए फैक्ट गलत और भ्रामक है। ऐसे गलत बयानों से दिल्लीवासियों में डर पैदा होता है। अन्य राज्यों के साथ संबंधों पर भी बुरा प्रभाव होता है। यह मामला उपराज्यपाल के संज्ञान में लाया जाए। विवाद पर भाजपा-कांग्रेस का बयान... भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी : 'जल बोर्ड ने भी कहा है कि ये पूरी तरह से गलत है। इससे पता चलता है कि आम आदमी पार्टी और केजरीवाल ने दूसरे राज्य की सरकार पर इतना घटिया स्तर का आरोप लगाने की कोशिश की है। ऐसा आरोप पाकिस्तान ने भी युद्ध के दौरान भारत पर नहीं लगाया था। मैं कह सकता हूं कि केजरीवाल द्वारा पानी पर दिया गया ये जहरीला बयान निश्चित रूप से दिल्ली के हर व्यक्ति के दिमाग को झकझोर रहा है कि राजनीति किस हद तक जा रही है। ये दिल्ली की इज्जत का सवाल है, अपनी हार को छुपाने के लिए एक गहरी साजिश के तहत ऐसी घटिया बातें कही जा रही हैं।' कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित : 'अरविंद केजरीवाल को बताना चाहिए कि पानी में किस तरह का जहर था? वह झूठ बोल रहे हैं और फिर भी उन्हें खुलेआम घूमने की इजाजत है। अगर कोई आम आदमी सरकार पर नरसंहार का आरोप लगाता है, तो वह अगले ही दिन जेल में होगा। मुझे आश्चर्य है कि हरियाणा पुलिस या दिल्ली पुलिस उसके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर रही? चुनाव आयोग कहां है? मुझे लगता है कि या तो दोनों पार्टियों (AAP-BJP) के बीच कोई अंदरूनी गठबंधन है या फिर इन राजनीतिक दलों को ऐसे गंभीर मुद्दों की चिंता नहीं है, भले ही लोग क्यों न घबरा जाएं।' दिल्ली CM बोलीं- यमुना में अमोनिया का स्तर 6 गुना ज्यादा हर बार उठता है यमुना का मुद्दा यमुना नदी में अमोनिया की मात्रा बढ़ने से अक्सर दिल्ली में जल आपूर्ति बाधित होती है। यमुना को स्वच्छ और अविरल बनाने के नाम पर वर्षों से राजनीति हो रही है। प्रत्येक चुनाव में यह मुद्दा बनता है। नदी को साफ करने के लिए वर्ष 1993 में पहला यमुना एक्शन प्लान बनाया गया। करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी स्थिति में कोई सुधार नहीं है। राजधानी में यमुना पल्ला से ओखला बैराज तक बहती है। -------------------------------------- यमुना विवाद से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... केजरीवाल ने दिल्ली की सड़कों-यमुना पर माफी मांगी:कहा- 2020 में किए वादे सरकार बनने पर पूरे करेंगे आम आदमी पार्टी (AAP) ने सोमवार को दिल्ली के लिए पार्टी की 15 गारंटियों का ऐलान किया। पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल ने 2020 में किए यमुना की सफाई, यूरोप की तरह दिल्ली की सड़कें और पानी की सप्लाई का वादा पूरा नहीं कर पाने पर माफी भी मांगी। पढ़ें पूरी खबर ...

यमुना विवाद, हरियाणा CM बोले- बयान पर माफी मांगें केजरीवाल:हम मानहानि केस करेंगे; केजरीवाल ने कहा था- यमुना में जहर मिला रही हरियाणा सरकार
Netaa Nagari
लेखक: सुनैना शर्मा, टीम नेता नगरी
परिचय
हाल ही में यमुना नदी को लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच विवाद बढ़ गया है। खट्टर ने केजरीवाल से मांग की है कि वे यमुना को लेकर दिए गए अपने बयान पर सार्वजनिक माफी मांगें। केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि हरियाणा सरकार यमुना में जहर मिला रही है, जिससे लोगों की सेहत पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। इस विवाद के पीछे क्या वजह है, आइए जानते हैं।
क्या है विवाद?
पिछले कुछ दिनों में केजरीवाल ने यमुना में प्रदूषण को लेकर बयान दिया था, जिसमें उन्होंने हरियाणा सरकार को निशाने पर लिया था। उनके अनुसार, यमुना का जल गुणवत्ता स्तर अत्यंत खराब है और सरकार की नीतियों के कारण यह स्थिति और बिगड़ रही है। खट्टर ने इस पर पलटवार करते हुए कहा है कि केजरीवाल के बयान से उनकी छवि को नुकसान पहुंचा है और वह मानहानि के लिए कानूनी कार्रवाई करेंगे।
हरियाणा CM का बयान
हरियाणा मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा, "केजरीवाल को अपने बयान पर माफी मांगनी चाहिए। यह न केवल हमारे राज्य के लिए बल्कि पूरे देश के लिए अपमानजनक है। हम यमुना की स्थिति को सुधारने के लिए कई योजनाओं पर काम कर रहे हैं।"
केजरीवाल का आरोप
अरविंद केजरीवाल ने कहा, "यदि हरियाणा सरकार ने यमुना में जहर नहीं मिलाया तो वे अपने दावों को साबित करें। हम लोगों के स्वास्थ्य के साथ किसी भी तरह का खिलवाड़ सहन नहीं करेंगे।"
कानूनी कार्रवाई की धमकी
हरियाणा के मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि यदि केजरीवाल अपने बयान पर माफी नहीं मांगते हैं, तो वे उनके खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कर सकते हैं। इस तरह के बयान केवल राजनैतिक खेल हैं, जो जनता को गुमराह करते हैं।
सार्वजनिक प्रतिक्रिया
इस विवाद पर आम जनता और कई राजनीतिक विशेषज्ञों की राय मिश्रित है। कई लोग केजरीवाल के प्रदूषण के आरोपों का समर्थन कर रहे हैं, जबकि अन्य खट्टर के बयान को उचित मानते हैं। लोग इस मामले में जागरूकता फैलाने की मांग कर रहे हैं ताकि यमुना को बचाया जा सके।
निष्कर्ष
यमुना विवाद ने एक बार फिर प्रदूषण की गंभीरता को उजागर किया है। राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के बीच जनता को सच्चाई और वास्तविकता को समझना होगा। दोनों नेताओं के बीच ये वाद-विवाद समाज के लिए तत्काल समाधान के बजाय लंबी कानूनी लड़ाइयों का हिस्सा बन सकता है। इसके परिणामस्वरूप यमुना और इसके पारिस्थितिकी तंत्र की हानि हो सकती है।
जानकारी के लिए और अपडेट्स के लिए, यहां विजिट करें netaanagari.com.
Keywords
यमुना विवाद, हरियाणा CM, केजरीवाल माफी, मानहानि केस, प्रदूषण, जल गुणवत्ता, यमुना में जहर, हरियाणा सरकार, राजनीतिक विवाद, Netaa NagariWhat's Your Reaction?






