'मैंने फोन चेक किया तो…', बिहार के किसानों ने बताई 'पीएम किसान सम्मान निधि योजना' की सच्चाई
PM Kisan Samman Nidhi Yojana: भागलपुर से सोमवार (24 फरवरी) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'पीएम-किसान सम्मान निधि योजना' की 19वीं किस्त जारी की. पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट किया. उन्होंने पोस्ट में लिखा, "आज अपने किसान भाई-बहनों के लिए पीएम-किसान सम्मान निधि की 19वीं किस्त जारी करने का सौभाग्य मिला. मुझे बहुत संतोष है कि यह योजना देशभर के हमारे छोटे किसानों के बहुत काम आ रही है." 'पीएम-किसान सम्मान निधि योजना' की 19वीं किस्त जारी होने पर बिहार के किसानों ने पीएम मोदी का आभार जताया है. कुछ किसानों के साथ न्यूज एजेंसी आईएएनएस ने बातचीत की. उन्होंने इस योजना की सच्चाई बताई. किसान सीताराम मंडल ने कहा, "यह योजना बहुत अच्छी है, और इसमें कोई हेराफेरी नहीं की गई है. आगे कहा कि पैसा सीधे किसानों के खातों में जमा किया जाता है, जिससे किसानों को काफी लाभ होता है. यह योजना अच्छी तरह से काम कर रही है और जब समय-समय पर पैसा हमारे खातों में जमा हो जाता है. पहले की सरकारों में इस तरह की योजना नहीं थी, जिसकी वजह से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. कर्ज लेकर खेती करनी पड़ती थी. 'मैंने फोन चेक किया तो…' मनोरंजन प्रसाद सिंह और हरेराम केसरी ने भी इस योजना को बहुत अच्छा बताया. किसान भूपाल सिंह कहते हैं, "मैं यहां पीएम मोदी का भाषण सुनने आया था, जिसे सुनकर मुझे अच्छा लगा. वहीं, मैंने अपना फोन चेक किया तो देखा कि किसान सम्मान निधि योजना का पैसा क्रेडिट हो गया है. मैं पीएम मोदी का बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं." 'योजना से मिल रहा काफी लाभ' किसान सुरेश मंडल ने कहा, "मुझे 'पीएम-किसान सम्मान निधि योजना' का लाभ मिल रहा है. यह बहुत अच्छी योजना है. समय-समय पर बैंक खाते में पैसा जमा कर दिया जाता है. पहले काफी दिक्कत होती थी. कर्जा लेकर खेती करनी पड़ी थी. पीएम मोदी की योजना से काफी लाभ मिल रहा है. इस राशि से बीज-खाद खरीदते हैं. किसान कैलाश कुमार मंडल ने कहा, "परिवार को 'पीएम-किसान सम्मान निधि योजना' का लाभ मिल रहा है. यह बहुत अच्छी योजना है. खेती करने के लिए मदद मिल रही है." रवि कुमार ने कहा, "मेरा पूरा परिवार खेती पर निर्भर है. 'पीएम-किसान सम्मान निधि योजना' के तहत बैंक खाते में पैसा जमा हो रहा है. इस योजना से काफी राहत मिली है." यह भी पढ़ें- Watch: BJP की बैठक का वीडियो लीक! लालू-तेजस्वी के खिलाफ बन रही थी रणनीति? RJD 'गरम'

‘मैंने फोन चेक किया तो…’, बिहार के किसानों ने बताई 'पीएम किसान सम्मान निधि योजना' की सच्चाई
Netaa Nagari
लेखिका: सुषमा सिंह, नेहा शर्मा, टीम नेतानगरि
परिचय
बिहार के किसान अब 'पीएम किसान सम्मान निधि योजना' को लेकर अपनी सच्चाई उजागर कर रहे हैं। उनका कहना है कि जिस योजना का उन पर विश्वास था, वह वास्तविकता में एक बड़े प्रश्नचिन्ह के साथ सामने आई है। 'मैंने फोन चेक किया तो…' जैसे शब्द आज किसानों की जुबान पर हैं। आइए, जानते हैं इस योजना की सच्चाई और इसकी वास्तविकता के पीछे के तथ्य।
पीएम किसान सम्मान निधि योजना का उद्देश्य
पीएम किसान सम्मान निधि योजना का उद्देश्य किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इससे किसानों को उनकी आवश्यकताओं के लिए आर्थिक सहायता मिलती है, जिससे खेती से संबंधित खर्चे आसानी से पूर्ण हो सकें। इस योजना के तहत हर वर्ष किसानों को 6000 रुपये की राशि तीन किस्तों में दी जाती है। हालांकि, इस योजना की वास्तविकता अब किसानों के सामने कुछ और ही नजर आ रही है।
किसानों की शिकायतें
बिहार के किसानों ने बताई कि उन्हें इस योजना के लाभ के लिए कई बार आवेदन करने के बावजूद कोई सहायता नहीं मिल पाई। अधिकतर किसानों ने यह बताया कि उन्होंने अपनी जानकारी मोबाइल ऐप और वेबसाइट पर चेक की, मगर उन्हें कोई भी जानकारी नहीं मिली। कुछ किसानों ने तो यहां तक कहा कि उनका नाम सूची में ही नहीं है।
फोन चेक करने का अनुभव
किसानों का कहना है कि जब उन्होंने अपने फोन पर लाभार्थियों की सूची चेक की, तो उन्हें वहां पर कुछ भी नहीं मिला। एक किसान ने कहा, "मैंने अपने फोन पर चेक किया तो पाया कि मेरे नाम का कहीं कोई रिकॉर्ड नहीं है, जबकि मैंने सभी आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत किए थे।" इस प्रकार की बातें कई सामाजिक समूहों में चर्चा का विषय बन गई हैं।
सरकार की प्रतिक्रिया
किसानों की बढ़ती शिकायतों पर सरकार ने अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। सरकार का दावा है कि योजना के लाभार्थियों की सूची निरंतर अपडेट होती है। लेकिन यह तथ्य किसानों के अनुभवों के विपरीत है। इससे यह सवाल उठता है कि क्या सच में यह योजना किसानों के लिए कारगर साबित हो रही है? या इसके पीछे कोई और कारक है?
निष्कर्ष
बिहार के किसानों की पीड़ा सुनने के बाद यह स्पष्ट है कि 'पीएम किसान सम्मान निधि योजना' में कई कमियां हैं। इस योजना की सच्चाई और किसानों की समस्याओं को समझना आवश्यक है ताकि सरकार इस योजना को प्रभावी बना सके। अंत में, यह कहना उचित होगा कि किसानों की आवाज़ सुनकर ही किसी भी योजना की सफलता सुनिश्चित की जा सकती है।
हम उम्मीद करते हैं कि सरकार इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करेगी और जल्दी ही किसानों को उनकी हक का लाभ पहुंचाएगी।
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