‘ये जो खैरात बांटने की...’, SC ने मुफ्त की रेवड़ियों पर जताई चिंता तो क्या बोले सांसद पप्पू यादव?

Bihar News: देश के सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को राजनीतिक पार्टियों द्वारा चुनाव के दौरान की जाने वाली मुफ्त की स्कीमों की घोषणाओं पर सवाल खड़े किए. जिसको लेकर कई राजनेताओं की प्रतिक्रिया आ रही है. इसी कड़ी में बिहार के पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव की भी प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा कि ये जो खैरात बांटने की परंपरा है, जनता के पैसों को लुटाने की परंपरा है. इससे प्रगति एकदम रुक सी गई है. आम लोगों ने कर्मयोगी होना छोड़ दिया है. अपने कर्त्तव्यों के रास्ते पर चलना छोड़ दिया है अपने दायित्व को समझना छोड़ दिया है. ‘SC ने जो कहा वो गलत नहीं’सांसद पप्पू यादव ने आगे कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने जो बात कहीं है वो गलत नहीं है. ये रुकना चाहिए. भारत की राजनीति पहले ऐसी नहीं थी कभी मुफ्त की रेवड़‍ियां नहीं बांटी गईं. विकास होता था स्कूल और इंदिरा आवास, पेंशन, छात्रवृति थी. हम वर्ग को लेकर जाते थे. हम मनरेगा की बात करते थे, लेकिन अब बात होती है हम इतना दे देंगे. सांसद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सही कहा है आम आदमी अब स्वयं विवेक से वोट नहीं डालता है. स्पष्ट है कि हमको जो ज्यादा देगा हम उसके लिए वोट डालेंगे. बीजेपी खूब प्रचार करती है जो दिखता है वो बिकता है वहीं बीजेपी करती है उससे ज्यादा पैसा तो किसी के पास नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने खड़े किए सवालबता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने मुफ्त की स्कीमों की घोषणाओं को लेकर कहा कि अब लोग काम करने से बच रहे हैं. देश के विकास में हिस्सा नहीं ले रहे. जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि मुफ्त में मिलने वाली चीजों की वजह से लोग काम करने से बचने लगे हैं. उन्हें मुफ्त में राशन और बिना काम किए पैसे मिल रहे हैं. एक अनुमान के अनुसार केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर 10000000000000 रुपये मुफ्त में बांट देती है, जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जाहिर की है. यह भी पढ़ें: बिहार में अगर अभी लोकसभा चुनाव हो तो कौन मारेगा बाजी? किसको होगा बड़ा नुकसान, सर्वे में चौंकाने वाला खुलासा

Feb 13, 2025 - 09:37
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‘ये जो खैरात बांटने की...’, SC ने मुफ्त की रेवड़ियों पर जताई चिंता तो क्या बोले सांसद पप्पू यादव?
‘ये जो खैरात बांटने की...’, SC ने मुफ्त की रेवड़ियों पर जताई चिंता तो क्या बोले सांसद पप्पू यादव?

‘ये जो खैरात बांटने की...’, SC ने मुफ्त की रेवड़ियों पर जताई चिंता तो क्या बोले सांसद पप्पू यादव?

Netaa Nagari – हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट ने मुफ्त राशन और रेवड़ियों को लेकर गहरी चिंता जाहिर की है। इस मुद्दे पर सांसद पप्पू यादव ने अपने विचार प्रस्तुत किए हैं। उनकी बातों में सामाजिक न्याय और राजनीतिक जिम्मेदारी की झलक देखने को मिली।

सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट किया कि मुफ्त सरकारी लाभ, जैसे राशन और रेवड़ियां बांटने की परिपाटी से समाज में असमानता बढ़ रही है। न्यायालय ने यह भी कहा कि इस तरह की नीतियों से लोग राजनीतिक लाभ के लिए सहिष्णु बने हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट के इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।

पप्पू यादव का बयान

पप्पू यादव ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, "ये जो खैरात बांटने की परंपरा है, वह सरासर गलत है। यह सिर्फ वोट बैंक की राजनीति है। हमें इस तरह की योजनाओं का पुनर्मुल्यांकन करने की आवश्यकता है।" उन्होंने कहा कि ये योजनाएं समाज में वास्तविक जरूरतमंदों तक नहीं पहुँच पा रही हैं।

राजनीतिक परिप्रेक्ष्य

पप्पू यादव ने आगे कहा कि सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए सही ढंग से पहचान की जानी चाहिए। "मैं यह मानता हूँ कि हमें लोगों की असली जरूरतों को समझने की आवश्यकता है।" उनके इस बयान में यह स्पष्ट होता है कि वे जरूरतमंदों के लिए सुनहरे अवसर की बात कर रहे हैं, न कि केवल चुनावी लाभ के लिए।

सामाजिक दुष्प्रभाव

भारतीय समाज में मुफ्त में मिलने वाली सेवाओं का बढ़ता चलन धीरे-धीरे आत्मनिर्भरता को खत्म कर रहा है। लोग सरकारी मदद के लिए निर्भर होते जा रहे हैं, जिससे उनकी सामाजिक जिम्मेदारियों में कमी आ रही है। यह समस्या केवल राजनीतिक स्तर पर ही नहीं, बल्कि व्यक्तिगत स्तर पर भी गंभीर हो सकती है।

निष्कर्ष

सुप्रीम कोर्ट के इस मुद्दे को उठाने के बाद सांसद पप्पू यादव की बातें निश्चित रूप से गंभीर प्रश्न उठाती हैं। हमें यह सोचने की आवश्यकता है कि हम किस दिशा में बढ़ रहे हैं। क्या हम सचमुच अपनी जिम्मेदारियों को समझ रहे हैं, या केवल राजनीतिक लाभ के लिए खैरात बांटने में लगे हैं? यह समय है कि हम अपने दृष्टिकोण को बदलें और समाज की वास्तविक जरूरतों को समझें।

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