बागपत: आदिनाथ के निर्वाण पर्व पर बड़ा हादसा, मानस्तम्भ परिसर में मचान ढहा, 50 से अधिक श्रद्धालु दबे
बागपत में भगवान आदिनाथ के निर्वाण लड्डू पर्व पर मानस्तम्भ परिसर में बना लकड़ी से बना मचान ढह गया है। बड़ी संख्या में लोग इसमें दब गए हैं।

बागपत: आदिनाथ के निर्वाण पर्व पर बड़ा हादसा, मानस्तम्भ परिसर में मचान ढहा, 50 से अधिक श्रद्धालु दबे
नेता नगरी द्वारा रिपोर्ट: बागपत में आदिनाथ के निर्वाण पर्व के दौरान एक दुखद हादसा हुआ है। मानस्तम्भ परिसर में मचान ढहने से 50 से अधिक श्रद्धालु दब गए हैं। यह घटना उस समय घटी जब लोग पर्व का आनंद ले रहे थे और श्रद्धा के साथ भगवान की पूजा कर रहे थे। इस हादसे ने सभी को हिला कर रख दिया है एवं स्थानीय प्रशासन ने त्वरित राहत कार्य शुरू कर दिया है।
हादसे का विवरण
जानकारी के अनुसार, जुलूस के समय मानस्तम्भ परिसर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुटे हुए थे। अचानक मचान गिरने से भीड़ में अफरातफरी मच गई। लोगों ने तत्काल मदद के लिए दौड़ लगाई और घटना की प्रतिक्रिया में फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस भी मौके पर पहुंची। स्थानीय लोगों का कहना है कि मचान निर्माण की स्थिति बहुत ही नाजुक थी, जिसके कारण यह गिर गया।
स्थानीय प्रशासन की ओर से कार्रवाई
जैसे ही हादसे की जानकारी मिली, स्थानीय प्रशासन ने राहत कार्य के लिए एनडीआरएफ की टीम को बुलवाया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने हादसे पर गहरी संवेदना व्यक्त की है और घायलों के उपचार की दिशा में त्वरित कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। सरकार ने पीड़ितों के लिए मुआवजे की भी घोषणा की है।
श्रद्धालुओं की प्रतिक्रिया
हादसे के बाद लोगों में भय और चिंता का माहौल है। श्रद्धालुओं का कहना है कि सुरक्षा मानकों का ध्यान नहीं रखा गया था, जिससे यह दुखद घटना घटी। कई परिवारों ने अपने प्रियजनों को खोया है, जो इस पर्व पर एकत्रित हुए थे। स्थानीय लोगों की शोक संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के प्रति हैं।
समाज की जिम्मेदारी
यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि जब हम धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं, तो सुरक्षा के दृष्टिकोण को ज्यादा प्राथमिकता देनी चाहिए। श्रद्धालुओं की जनसंख्या के अनुपात में संरचनाओं का निर्माण और सुरक्षा मानकों का पालन न केवल प्रशासन की बल्कि समाज की भी जिम्मेदारी बनता है।
निष्कर्ष
आदिनाथ के निर्वाण पर्व पर हुए इस बड़े हादसे ने सभी को सोचने पर मजबूर किया है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में ऐसे हादसे न हों। श्रद्धालुओं के प्रति संवेदनाएं प्रकट करने के साथ-साथ हम सभी को सतर्क रहने की आवश्यकता है। साथ ही, स्थानीय प्रशासन को भी जन सुरक्षा का ध्यान रखते हुए ऐसे आयोजन करने चाहिए। पीड़ित परिवारों के लिए हमारी प्रार्थना है कि उन्हें मजबूती मिले।
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