दिल्ली में महिला मुख्यमंत्री बनाने की चर्चा, क्या CM योगी की तरह BJP तोड़ेगी ये बड़ा मिथक?
Delhi CM News: दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत के बाद से ही अगला मुख्यमंत्री बनाए जाने को लेकर अटकलों का दौर जारी है. बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व लगातार मुख्यमंत्री पद के लिए नामों पर मंथन कर रहा है. संभावना जताई जा रही है कि दिल्ली में नए सीएम को लेकर बीजेपी हमेशा की तरह कोई चौंकाने वाला फैसला ले सकती है. वहीं, दिल्ली में महिला विधायक को सीएम बनाए जाने की चर्चा आम हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में मिली प्रचंड जीत के बाद से लगातार तीसरी बार केंद्र की सत्ता में काबिज हुई बीजेपी और उसके नेता अब तक कई चुनावी और राजनीतिक मिथकों को तोड़ चुके हैं. हालांकि, दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों से साफ है कि राज्य के सियासी इतिहास ने एक बार फिर से खुद को दोहरा दिया है. दिल्ली में महिला सीएम रहते ही सत्ताधारी पार्टी को एक बार फिर से हार का सामना करना पड़ा है. दिल्ली की सत्ता में महिला विधायक के हाथ में मुख्यमंत्री पद की कमान रहने के दौरान ही पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है. बीजेपी की दिवंगत नेत्री सुषमा स्वराज से लेकर AAP विधायक आतिशी तक के मामले ये मिथक खुद को दोहराता रहा है. यहां तक कि दिल्ली की तीन बार सीएम रहीं शीला दीक्षित भी इस मिथक को तोड़ नहीं सकीं. सुषमा स्वराज, शीला दीक्षित और आतिशी तक को मिथक ने दिया झटका 1993 में दिल्ली की सत्ता में आई बीजेपी की सरकार में तीन मुख्यमंत्री रहे. इनमें पहले CM मदन लाल खुराना रहे, उनके बाद साहिब सिंह वर्मा के हाथ में राज्य की बागडोर सौंपी गई. चुनाव से पहले बीजेपी की दिग्गज नेत्री सुषमा स्वराज को दिल्ली में सीएम बनाया गया. 1998 में सुषमा स्वराज के नेतृत्व में लड़े गए चुनाव में बीजेपी सत्ता से बाहर हो गई. इसी तरह से कांग्रेस नेत्री शीला दीक्षित के लगातार तीन बार मुख्यमंत्री रहने के बाद भी इतिहास ने खुद को दोहराया. 15 साल तक दिल्ली की सत्ता पर काबिज रहने के बावजूद 2013 में महिला सीएम होने के मिथक ने शीला दीक्षित को भी नहीं बख्शा. अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने शीला दीक्षित को सत्ता से बाहर कर दिया. दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में भी इस मिथक ने खुद को दोहराया. 2013 में दिल्ली के सीएम की कुर्सी पर काबिज हुए अरविंद केजरीवाल ने 2025 में AAP विधायक आतिशी को मुख्यमंत्री बनाया. हालांकि, केजरीवाल लगातार चुनावी रैलियों में खुद को ही अगले मुख्यमंत्री के तौर पर पेश करते रहे, इसके बावजूद महिला सीएम होने के मिथक ने आम आदमी पार्टी को सत्ता से बाहर कर दिया. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी तोड़ा बड़ा मिथक उत्तर प्रदेश की राजनीति में एनसीआर क्षेत्र में शामिल नोएडा को लेकर एक बड़ा सियासी मिथक रहा था. सियासी अंधविश्वास के चलते करीब तीन दशक तक यूपी का कोई भी मुख्यमंत्री नोएडा नहीं आता था. हालांकि, 2017 में यूपी के सीएम बने योगी आदित्यनाथ ने इस मिथक को तोड़ दिया. 2017 में ही उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी के साथ नोएडा में एक कार्यक्रम में शामिल होकर इस मिथक को तोड़ा. इसके बाद से अब तक सीएम योगी एक दर्जन से ज्यादा बार नोएडा आ चुके हैं. क्या महिला सीएम वाला दांव खेलेगी बीजेपी? दिल्ली विधानसभा में बीजेपी की चार महिला विधायक रेखा गुप्ता, शिखा राय, पूनम शर्मा और नीलम पहलवान ने जीत दर्ज की है. इन चारों महिला विधायकों के नामों की अटकलें दिल्ली के अगले सीएम के लिए लगाई जा रही हैं. हालांकि, महिला मुख्यमंत्री के नाम से जुड़ा ये बड़ा मिथक बीजेपी तोड़ेगी या नहीं, ये आने वाला समय ही बताएगा. हालांकि, आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को हराकर जाइंट किलर बने प्रवेश वर्मा का नाम इस रेस में सबसे आगे होने का दावा किया जा रहा है. इसके अलावा और भी कई नाम चर्चा में शामिल हैं. ये भी पढ़ें: 2030 तक भारत होगा मालामाल! जानें क्या है 'मिशन 500', ट्रंप-पीएम मोदी की बैठक के बाद हुआ ऐलान

दिल्ली में महिला मुख्यमंत्री बनाने की चर्चा, क्या CM योगी की तरह BJP तोड़ेगी ये बड़ा मिथक?
लेखिका: स्नेहा शर्मा, टीम नेता नगरी
दिल्ली में अगले चुनावों की तैयारियों के बीच एक नई चर्चा ने ज़ोर पकड़ लिया है। क्या भारतीय जनता पार्टी (BJP) अगले चुनावों में एक महिला मुख्यमंत्री को मैदान में उतारेगी? CM योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा ने उत्तर प्रदेश में एक बड़ा मिथक तोड़ते हुए योगीं को मुख्यमंत्री बनाया, और अब दिल्ली में भी ऐसा करने की संभावना जताई जा रही है।
महिला नेतृत्व: दिल्ली की जरूरत
दिल्ली में पिछले कुछ वर्षों से महिला नेतृत्व की आवश्यकता को महसूस किया जा रहा है। महिलाएं न केवल समाज के हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं, बल्कि राजनीतिक सत्ताओं में भी अपनी जगह बनाना चाहती हैं। इस संदर्भ में भाजपा को अब एक मजबूत महिला नेता की तलाश है जो दिल्ली की मुख्यमंत्री बन सके।
योगी आदित्यनाथ का मॉडल
CM योगी आदित्यनाथ ने अपने कार्यकाल में कई नकारात्मक धारणाओं को तोड़ा है। उन्होंने अपने कार्य में सक्रियता और विकास की नीति अपनाई, जिसने उन्हें जनता के बीच लोकप्रिय बना दिया। अगर भाजपा दिल्ली में एक महिला मुख्यमंत्री उतारती है, तो यह भारतीय राजनीति में एक नया अध्याय लिख सकता है।
महिला मुख्यमंत्री की संभावित उम्मीदवार
राजनीतिक गलियारों में कुछ नामों की चर्चा हो रही है। इनमें पूर्व विधायक, पार्टी की महिला मोर्चा की अध्यक्ष, या किसी भी अन्य सार्वजनिक जीवन में सक्रिय महिला नेता शामिल हो सकती हैं। हालांकि, यह देखना होगा कि भाजपा किस चेहरे को सामने लाती है।
राजनीतिक समीकरण और चुनौतियाँ
दिल्ली में महिला मुख्यमंत्री बनाने की सोच के पीछे कुछ महत्वपूर्ण राजनीतिक समीकरण भी हैं। चुनावों में जनसंख्या के बड़े हिस्से को ध्यान में रखते हुए भाजपा को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनका निर्णय सही हो। क्योंकि यदि वे गलत उम्मीदवार का चयन करते हैं, तो इसका असर चुनाव परिणामों पर पड़ सकता है।
निष्कर्ष
दिल्ली में महिला मुख्यमंत्री बनाने की चर्चा न केवल चुनावी रणनीति का हिस्सा है, बल्कि यह समाज में महिलाओं की स्थिति और शक्ति को भी दर्शाती है। अगर भाजपा इस दिशा में कदम उठाती है, तो यह न केवल पार्टी के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है, बल्कि यह भारतीय राजनीति में एक नया संदेश भी भेजेगा। भविष्य ही बताएगा कि भाजपा इस मिथक को तोड़ने में सफल होगी या नहीं।
महिलाओं की भागीदारी और नेतृत्व को उपयुक्त मंच मिलना चाहिए। क्या दिल्ली में आने वाला चुनाव ऐतिहासिक बनने जा रहा है? समय ही बताएगा।
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