'कल रात 8 बजे से पहले दें सबूत', ECI ने यमुना का पानी जहरीला होने का दावा करने पर केजरीवाल से मांगा जवाब

Delhi Assembly Elections 2025: केंद्रीय चुनाव आयोग (ECI) ने आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से हरियाणा सरकार पर लगाए गए आरोपों का सबूत पेश करने का निर्देश दिया है. केजरीवाल ने हाल ही में हरियाणा सरकार पर यमुना नदी के पानी में "जहर मिलाने" का आरोप लगाया था. चुनाव आयोग ने केजरीवाल से कहा है कि वह अपने बयान का ठोस सबूत पेश करें. उन्हें अपना जवाब देने के लिए कल बुधवार (29 जनवरी, 2025) की रात 8:00 बजे तक का समय दिया गया है. दरअसल, अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि हरियाणा सरकार की ओर से यमुना में औद्योगिक कचरा मिलाया जा रहा है, जिससे दिल्ली का पानी प्रदूषित हो रहा है. इस बयान के बाद भाजपा और आप के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है. वहीं, चुनाव आयोग ने इस बयान को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि चुनाव के दौरान ऐसे आरोपों के लिए पर्याप्त साक्ष्य पेश करना आवश्यक है. क्या बोला चुनाव आयोग? चुनाव आयोग ने बीजेपी और कांग्रेस के की ओर से मिली शिकायतों का जिक्र करते हुए कहा कि इन शिकायतों में कहा गया है कि आपकी ओर से लगाए गए आरोप काफी गंभीर है, जिससे सामाजिक समरसता खराब हो सकती है. आपसी वैमनस्य फैल सकता है और पड़ोसी राज्यों की सरकारों के बीच माहौल खराब हो सकता है. केंद्रीय चुनाव आयोग ने अरविंद केजरीवाल से कहा कि वह अपने आरोप को प्रमाणित करें, जिसमें उन्होंने हरियाणा सरकार के ऊपर यमुना के पानी में जहर घोलने का आरोप लगाया था. चुनाव आयोग ने दिल्ली जल बोर्ड की रिपोर्ट पर भी संज्ञान लेते हुए कहा कि दिल्ली जल बोर्ड की रिपोर्ट में भी आप की ओर से लगाए गए आरोपों की पुष्टि नहीं होती है. बीजेपी की चुनाव आयोग से श‍िकायतबीजेपी ने चुनाव आयोग में अपनी श‍िकायत में कहा, "केजरीवाल ने अपने दावों के समर्थन में कोई सबूत नहीं द‍िया है. बिना किसी ठोस सबूत के एक चुनी हुई सरकार के खिलाफ ऐसे गंभीर आरोप लगाकर उन्होंने न केवल आपराधिक कानून का उल्लंघन किया है, बल्कि दो राज्यों के लोगों के बीच मतभेद पैदा करने की कोश‍िश की है. इससे द‍िल्‍ली में तनाव पैदा हो सकता है". आरोपों पर दिल्ली जल बोर्डदिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) की सीईओ शिल्पा शिंदे ने दिल्ली के मुख्य सचिव धर्मेंद्र को लिखे पत्र में केजरीवाल के आरोपों का खंडन किया और कहा कि यह दावा "तथ्यात्मक रूप से गलत, आधारहीन और भ्रामक है."  अमित शाह का पलटवारइससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कालकाजी विधानसभा क्षेत्र में एक जनसभा को संबोधित करते हुए अरविंद केजरीवाल के आरोपों पर जमकर निशाना साधा था. उन्होंने केजरीवाल को दिल्ली के लोगों को यह बताने की चुनौती दी कि यमुना में जो जहर मिलाया गया है, उसका नाम क्या है. केंद्रीय गृह मंत्री ने आगे कहा, "वह दिल्ली आधिकारिक आदेश दिखाएं, जिसमें केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों को बचाने के लिए यमुना के "जहरीले" पानी को दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने के लिए कहा था. अमित शाह ने अपने हमले में कहा, "केजरीवाल जी, हार-जीत तो चुनाव प्रक्रिया का हिस्सा है. मासूमियत दिखाते हुए आपने हरियाणा सरकार पर (यमुना में) जहर मिलाने का आरोप लगाया और दिल्ली के लोगों को डराने की कोशिश की. राजनीति इससे ज्यादा गंदी नहीं हो सकती."  बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 5 फरवरी को वोट डाले जाएंगे और 8 फरवरी को काउंटिंग (मतगणना) होगी.  यह भी पढ़ें:- केजरीवाल ने PM मोदी को लिखी चिट्ठी, किसानों-मिडिल क्लास का लोन माफ करने की मांग

Jan 28, 2025 - 22:37
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'कल रात 8 बजे से पहले दें सबूत', ECI ने यमुना का पानी जहरीला होने का दावा करने पर केजरीवाल से मांगा जवाब
Delhi Assembly Elections 2025: केंद्रीय चुनाव आयोग (ECI) ने आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मु

“कल रात 8 बजे से पहले दें सबूत”, ECI ने यमुना का पानी जहरीला होने का दावा करने पर केजरीवाल से मांगा जवाब

लेखिका: स्नेहा शर्मा, टीम नेटानगरी

दिल्ली में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है जब चुनाव आयोग (ECI) ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक विशेष आदेश जारी किया है। ECI ने कहा है कि उन्हें यमुना नदी के पानी को जहरीला बताने के संबंध में, कल रात 8 बजे तक सबूत पेश करने होंगे। यह मामला उस समय उठकर आया जब केजरीवाल ने कुछ दिनों पहले एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि यमुना का पानी न केवल प्रदूषित है, बल्कि यह मानव स्वास्थ्य के लिए भी खतरा बन चुका है।

ECI के आदेश का महत्व

चुनाव आयोग का यह कदम दिल्ली विधानसभा चुनावों के संदर्भ में महत्वपूर्ण है। आयोग ने यह आदेश राज्य में चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने के मकसद से किसी भी प्रकार की असत्य या भ्रामक जानकारी देने को रोकने के लिए जारी किया है। दिल्ली में स्वास्थ्य और प्रदूषण के मुद्दे पहले से ही चर्चा का विषय बने हुए हैं, ऐसे में यह मामला और गरमाया हुआ है।

केजरीवाल का बयान और प्रतिक्रिया

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हालिया प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि, "यमुना का पानी इतना जहरीला हो गया है कि इसे पीना स्वास्थ्य के लिए घातक साबित हो सकता है।" उनके इस बयान के बाद में ECI ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सबूत मांगने का फैसला लिया। कई राजनीतिक विश्लेषक इसे केजरीवाल सरकार के लिए राजनीतिक चुनौती मान रहे हैं।

जानकारी का संकलन

यमुना का प्रदूषण लंबे समय से एक समस्या बना हुआ है, लेकिन राजनीतिक दावे और उनके आधार पर सबूत की मांग अब एक नई बहस को जन्म दे रही है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने कहा है कि वे अपने दावों का समर्थन करने के लिए पर्याप्त प्रमाण पेश करेंगे। हालांकि, यह सवाल अभी भी अनुत्तरित है कि क्या यह चुनावी रणनीति का हिस्सा है या वास्तव में समस्या विकराल है।

सार्वजनिक प्रतिक्रिया

दिल्ली की जनता में इस मुद्दे को लेकर विभिन्न विचार हैं। कुछ लोग केजरीवाल की बातों का समर्थन कर रहे हैं, जबकि अन्य उन्हें राजनीतिक लाभ के लिए ऐसे दावे करने का आरोप लगा रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी इस विषय पर बहस छिड़ी हुई है, और कई यूजर्स ने ECI के आदेश की सराहना की है। आम जनता का मानना है कि उन्हें सही जानकारी मिलनी चाहिए ताकि वे अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रह सकें।

निष्कर्ष

यमुना का पानी जहरीला होने के केजरीवाल के दावे ने एक बार फिर प्रदूषण से संबंधित मुद्दों को उजागर कर दिया है। ECI का ताजा आदेश यह दर्शाता है कि चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखना कितना महत्वपूर्ण है। भविष्य में यह देखना दिलचस्प होगा कि केजरीवाल अपना जवाब कैसे प्रस्तुत करते हैं और जनता की राय क्या होती है। क्या यह सिर्फ एक राजनीतिक खेल है या यथार्थ में यमुना का पानी वाकई खतरनाक है? समय ही बताएगा।

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