उत्तराखंड में सड़क दुर्घटनाएं बढ़ीं, 9 महीनों में आंकड़ा 1747 पहुंचा, रोकने से लिए उठाए कई कदम

Uttarakhand News: उत्तराखंड में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है. परिवहन विभाग द्वारा यातायात नियमों को सख्ती से लागू करने और सड़क सुरक्षा के लिए कई कदम उठाने के बावजूद दुर्घटनाओं की संख्या में कमी नहीं आ रही है. वर्ष 2023 में जहां कुल 1691 सड़क हादसे हुए थे, वहीं इस वर्ष दिसंबर माह तक ही 1747 दुर्घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं. अभी 31 मार्च तक के आंकड़े आना बाकी हैं, जिससे यह संख्या और बढ़ सकती है. आंकड़ों के अनुसार, 2024 में अब तक 1090 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 1547 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं. पिछले वर्षों की तुलना में यह संख्या बढ़ती ही जा रही है. परिवहन विभाग द्वारा सड़क हादसों को रोकने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं. ऑटोमेटेड फिटनेस टेस्टिंग लेन का संचालन किया जा रहा है, जिससे गाड़ियों की फिटनेस को सुनिश्चित किया जा सके. वर्तमान में ये देहरादून, रुद्रपुर, हल्द्वानी, विकासनगर, रुड़की और हरिद्वार में संचालित हैं, जबकि टनकपुर में प्रक्रिया जारी है. 41 जगहों पर चार्जिंग स्टेशन लगाने की तैयारीपर्वतीय क्षेत्रों में सड़क सुरक्षा को लेकर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. पिथौरागढ़, अल्मोड़ा और उत्तरकाशी में ऑटोमेटेड फिटनेस टेस्टिंग सेंटर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है, जबकि पौड़ी में भूमि चयन और डीपीआर तैयार करने का कार्य जारी है. राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए परिवहन विभाग ईवी चार्जिंग स्टेशनों का विस्तार कर रहा है. गढ़वाल मंडल में पहले ही 25 चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जा चुके हैं, जबकि अब कुमाऊं मंडल में 41 जगहों पर चार्जिंग स्टेशन लगाने की प्रक्रिया चल रही है. परिवहन निगम ने अपनी बस सेवाओं में सुधार और अनुशासन बनाए रखने के लिए रोडवेज बसों में जीपीएस (GPS) ट्रैकिंग सिस्टम लगाने का निर्णय लिया है. इस नई व्यवस्था से बसों की लाइव लोकेशन ट्रैक की जा सकेगी और किसी भी बस के अनाधिकृत मार्गों पर जाने की संभावना को रोका जा सकेगा. महाकुंभ में गंगा जल की शुद्धता को लेकर यूपी सरकार का दावा, बताया- कैसी है पानी की गुणवत्ता? तकनीकों को अपनाने पर जोरपरिवहन निगम ने अपनी कार्यशालाओं में पारदर्शिता और सुव्यवस्थित संचालन के लिए इन्वेंट्री मैनेजमेंट सिस्टम लागू करने का भी निर्णय लिया है. इसके तहत, एनआईसी (NIC) के सहयोग से एक विशेष सॉफ्टवेयर विकसित किया जा रहा है, जिससे निगम की कार्यशालाओं में उपलब्ध भंडारों को कंप्यूटराइज्ड किया जाएगा. उत्तराखंड परिवहन निगम ने आगामी वित्तीय वर्ष में अपनी आय को 700 करोड़ रुपये से अधिक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है. इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए नई बस सेवाओं को शुरू करने, बेड़े का विस्तार करने और डिजिटल ट्रैकिंग जैसी तकनीकों को अपनाने पर जोर दिया जा रहा है. उत्तराखंड में सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या सुरक्षा व्यवस्था और यातायात नियमों के पालन को लेकर गंभीर प्रश्न खड़े कर रही है. हालांकि, परिवहन विभाग कई सुधारात्मक कदम उठा रहा है, लेकिन इनका प्रभाव तभी दिखेगा जब सभी वाहन चालक और नागरिक यातायात नियमों का कड़ाई से पालन करेंगे. प्रशासन ने जनता से अपील की है कि वे सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन करें और यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने में सहयोग दें.

Feb 21, 2025 - 08:37
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उत्तराखंड में सड़क दुर्घटनाएं बढ़ीं, 9 महीनों में आंकड़ा 1747 पहुंचा, रोकने से लिए उठाए कई कदम
उत्तराखंड में सड़क दुर्घटनाएं बढ़ीं, 9 महीनों में आंकड़ा 1747 पहुंचा, रोकने से लिए उठाए कई कदम

उत्तराखंड में सड़क दुर्घटनाएं बढ़ीं, 9 महीनों में आंकड़ा 1747 पहुंचा, रोकने से लिए उठाए कई कदम

नेता Nagari द्वारा प्रस्तुत, इस लेख में हम उत्तराखंड में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं पर चर्चा करेंगे। पिछले 9 महीनों में, यहां सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में अत्यधिक वृद्धि हुई है, जो चिंताजनक है। इस वर्ष 1747 दुर्घटनाएं हुईं, जिसमें कई लोगों की जानें गईं। इस समस्या को रोकने के लिए राज्य सरकार ने कई ठोस कदम उठाए हैं।

दुर्घटनाओं का मुख्य कारण और स्थिति

उत्तराखंड एक पर्यटन स्थल है, लेकिन सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े इसे एक अनिश्चित स्थान बना रहे हैं। पिछले साल की तुलना में, इस वर्ष सड़क दुर्घटनाओं में 15% की वृद्धि हुई है। अधिकांश दुर्घटनाएं तेज रफ्तार, सड़क की खराब स्थिति, और यातायात नियमों की अनदेखी के कारण हो रही हैं। राज्य में लगातार हो रही हादसों से जनजीवन पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।

सरकार के उपाय

पारिस्थितिकी के देखते हुए, उत्तराखंड सरकार ने सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता दी है। कई उपाय किए गए हैं, जैसे कि:

  • परिवहन विभाग द्वारा नियमित रूप से सड़क की स्थिति की जांच करना।
  • यातायात पुलिस की संख्या में वृद्धि करना और उन्हें प्रशिक्षण प्रदान करना।
  • छोटे और बड़े दोनों तरह के वाहनों के लिए विशेष ट्रैफिक नियम लागू करना।
  • सड़क सुरक्षा अभियान चलाना जो लोगों को जागरूक करे।

इन उपायों के साथ, सरकार ने दुर्घटनाओं को कम करने के लिए नई तकनीकियों का भी उपयोग किया है। विशेष रूप से, सीसीटीवी कैमरों की स्थापना की जा रही है ताकि अपराधियों और लापरवाह ड्राइवरों पर नजर रखी जा सके।

जनता की भूमिका

सरकार के प्रयासों के साथ-साथ, नागरिकों का सहयोग भी अत्यंत आवश्यक है। नागरिकों को चाहिए कि वे यातायात नियमों का पालन करें, सुरक्षा उपकरणों का उपयोग करें और सड़क पर सावधानी बरतें। उनका सहयोग सड़क दुर्घटनाओं को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

निष्कर्ष

उत्तराखंड में सड़क दुर्घटनाएं एक गंभीर मुद्दा बनती जा रही हैं और इसे हल करने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा। सरकार के द्वारा उठाए गए कदम संतोषजनक हैं, लेकिन बिना जनता के सहयोग के वास्तविक बदलाव संभव नहीं है। हमें एक जिम्मेदार नागरिक बनकर सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए। अधिक जानकारी और अपडेट्स के लिए, netaanagari.com पर जाएं।

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