भतीजे से इश्क और पैसे की लालच में बेटे को बनाया निशाना, छपरा में अपहरण मामले का खुलासा
Chhapra News: बिहार के छपरा में एक कलयुगी महिला ने इशक और पैसे की लालच में मां बेटे के प्यार को भी दरकिनार कर दिया. महिला ने अपने प्रेमी के साथ मिल कर अपने ही बेटे के अपहरण की पूरी साजिश रच दी और फिर किडनैपिंग को अंजाम दिया. छपरा में सारण के पुलिस अधीक्षक डॉ कुमार आशीष ने रविवार को मामले का खुलासा किया है. मां ने कराया बेटे का अपहरण पुलिस अधीक्षक डॉ कुमार आशीष ने बताया कि 28 फरवरी को सूचना मिली कि दिघवारा थाना क्षेत्र में राई पट्टी निवासी दीपक कुमार, पिता-अरविंद कुमार गुप्ता के भतीजे 13 वर्ष के आदित्य कुमार का अपहरण हो गया है. अपहरण से छोड़वाने के लिए 25 लाख रुपये की फिरौती की मांग की गई है. फिरौती नहीं देने की स्थिति में जान से मारने की धमकी दी गई है. इस मामले में पुलिस अधीक्षक डॉ कुमार आशीष ने जांच शुरू करवाई. लिखित आवेदन पर दिघवारा थाना कांड सं0-62/25, दिनांक 01.03.25, धारा-137 (2)/140 (1) बी०एन०एस० दर्ज किया गया. कुमार आशीष ने बताया कि तकनीकि अनुसंधान और सूचना संकलन में आसूचना संदेह के आधार पर अपहृत बालक की मां बबीता देवी को पूछताछ के लिए पुलिस थाना लाई और फिर बबीता देवी ने इस अपहरण की घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार की. मां ने बताया कि पैसे के लिए पटना के अपने प्रेमी नीतीश कुमार के साथ मिलकर षड़यंत्र के तहत अपने बेटे का अपहरण किया और पटना में अपने प्रेमी के पास उसे छुपाया. फिर गिरफ्तार बबीता देवी की निशानदेही पर अपहृत बालक आदित्य कुमार को बरामद किया गया. आरोपी नीतीश कुमार गिरफ्तार इसके बाद नीतीश कुमार उर्फ निक्कू को उसके घर से गिरफ्तार किया गया. उसके पास से फिरौती मांगने में प्रयोग की गई मोबाइल फोन और अभियुक्त बबीता देवी का मोबाइल फोन जब्त किया गया. ये भी पढ़ेंः पटना में सजी सुरों की महफिल, देश भर से आए सिविल सेवा अधिकारियों का दिखा जलवा

भतीजे से इश्क और पैसे की लालच में बेटे को बनाया निशाना, छपरा में अपहरण मामले का खुलासा
Netaa Nagari – छपरा में एक दिलचस्प अपहरण मामले का खुलासा हुआ है, जिसमें एक माँ ने अपने ही बेटे को अपने भतीजे के लिए यथासंभव कम पैसे के लालच में निशाना बनाया। यह मामला स्थानीय पुलिस के लिए एक चुनौती साबित हुआ, जिसे सुलझाने में गहन जांच करनी पड़ी। इस खबर को लेकर पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल है।
अपहरण की वारदात
घटना छपरा के एक गांव की है, जहाँ एक 10 वर्षीय बच्चे का अपहरण किया गया था। बच्चे का माता-पिता पहले से ही परेशान थे, क्योंकि बच्चे के अचानक गायब होने से परिवार में चिंताएं बढ़ गईं। इसके बाद पुलिस की मदद से जब जांच शुरू हुई, तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने अपहरण की सच्चाई जानने के लिए गाँव के आसपास के क्षेत्रों की गहन तलाशी ली। जांच से पता चला कि बच्चे की माँ अपने भतीजे से इश्क कर बैठी थी और पैसे की लालच में अपने ही बेटे को नुकसान पहुँचाने की योजना बनाई थी। इस मामले में उचित दिशा में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने आरोपी माँ को गिरफ्तार कर लिया। सतत प्रयासों की वजह से बच्चे को सुरक्षित ढूंढ निकाला गया।
रिश्तों में खटास
इस घटना से यह भी स्पष्ट होता है कि कभी-कभी व्यक्तिगत रिश्तों में खटास और लालच हानिकारक परिणाम ला सकती है। यह मामला समाज में रिश्तों की जटिलता को उजागर करता है। परिवार के इस संकट ने यह सोचने पर मजबूर किया कि किस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है जब स्वार्थ और मोहमाया का जाल बुन लिया जाता है।
समाज के लिए एक संदेश
इस तरह की घटनाएं हमें यह बताते हैं कि हमें अपने परिवार के रिश्तों की कदर करनी चाहिए और अपने बच्चो को सुरक्षित रखने का हर संभव प्रयास करना चाहिए। पुलिस और स्थानीय सामाजिक संगठनों द्वारा यह बेहद महत्वपूर्ण है कि वे लोगों को जागरूक करें और इस प्रकार के मामलों को रोकने के लिए उपाय बताएं।
निष्कर्ष
भतीजे से इश्क और पैसे की लालच में अपने बच्चे को ठिकाने लगाने का मामला न केवल एक क्राइम स्टोरी है, बल्कि यह एक अवश्य विचारणीय सामाजिक मुद्दा भी है। समाज को यह समझने की जरूरत है कि व्यक्तिगत स्वार्थ और अधर्म के परिणाम इतने गंभीर हो सकते हैं।
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