Delhi Election: 'कौन सा और कितना मिलाया?' यमुना में जहर के दावों पर केजरीवाल से चुनाव आयोग ने फिर पूछे सवाल
Delhi Election: यमुना में जहर मिला हुआ पानी दिल्ली भेजने के अरविंद केजरीवाल के दावों पर चुनाव आयोग ने फिर से जवाब मांगा है. EC ने उनसे दावों पर पहले जवाब मांगा था. अब जब केजरीवाल ने सफाई दी तो चुनाव आयोग उनके जवाब से असंतुष्ट नजर आया. इस बार उनसे तथ्य आधारित जवाब देने को कहा गया है. कल यानी 31 जनवरी की सुबह 11 बजे तक अरविंद केजरीवाल को अपना पक्ष रखने का आदेश दिया गया है. चुनाव आयोग ने क्या-क्या पूछा? हरियाणा सरकार ने यमुना के पानी में कौन सा जहर मिलाया? ऐसे सबूत पेश करें जो स्थापित करते हैं कि किस तरह का जहर मिलाया गया और वह कितनी मात्रा में था? उस पानी को पीने से कैसे लोगों की सामूहिक हत्या हो सकती है? वह कौन सा स्थान है जहां पानी में जहर पाया गया? दिल्ली जल बोर्ड के कौन से इंजीनियर को कब और कहां पानी में जहर की शिकायत मिली? अगर जहरीला पानी आ रहा था तो कौन सी तकनीक के इस्तेमाल से उस पानी को दिल्ली में आने से रोकने की कोशिश की गई? क्या है पूरा मामला?दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में दावा किया था कि हरियाणा सरकार जहर मिला हुआ पानी दिल्ली भेज रही है. दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार को बदनाम करने के लिए बीजेपी ऐसी साजिश रच रही है. दिल्ली जल बोर्ड इंजीनियरों की सतर्कता की वजह से ही इसे रोका जा सका है. चुनाव आयोग ने केजरीवाल के इन दावों पर उनसे सबूत मांगे थे. इसके जवाब में अरविंद केजरीवाल ने अपने 14 पन्नों के लेटर में कहा था कि दिल्ली में हरियाणा से पानी आता है. यह इतना प्रदूषित आ रहा है कि लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक हो सकता है. यमुना में अमोनिया का लेवल इतना बढ़ गया है कि प्यूरिफिकेशन प्लांट्स पूरी क्षमता से काम नहीं कर सकते. यह भी पढ़ें... Budget 2025: आय कम-खर्च ज्यादा, घर चलाना हुआ मुश्किल, आगे और बुरा होगा; प्री बजट सर्वे में सामने आया लोगों का गुस्सा

Delhi Election: 'कौन सा और कितना मिलाया?' यमुना में जहर के दावों पर केजरीवाल से चुनाव आयोग ने फिर पूछे सवाल
Netaa Nagari
लेखक: साक्षी वर्मा, रिया यादव, टीम नेतानागरी
परिचय
दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर, यमुना नदी में जल प्रदूषण को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर चुनाव आयोग ने एक बार फिर सवाल उठाए हैं। ‘कौन सा और कितना मिलाया?’ यह सवाल विशेष रूप से यमुना में कथित तौर पर जहर मिलाने के दावों को लेकर किया गया है। यह मामला अब चुनावी माहौल में हलचल पैदा कर रहा है, जिससे राजनीतिक तापमान और बढ़ गया है।
चुनाव आयोग के सवाल
चुनाव आयोग की तरफ से की गई कड़ी पूछताइयों ने केजरीवाल प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। आयोग ने यह जानने की कोशिश की है कि आखिर किस तरह से यमुना में प्रदूषण की समस्या को नियंत्रित किया जा रहा है। क्या जानबूझकर पानी में हार्मफुल तत्व मिलाए जा रहे हैं? यह सवाल नहीं सिर्फ विरोधी पार्टियों के लिए, बल्कि आम जनता के लिए भी महत्वपूर्ण है।
यमुना नदी का प्रदूषण
यमुना नदी का जल स्तर और उसकी गुणवत्ता पिछले कुछ वर्षों में लगातार गिरती जा रही है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, यमुना का जल मुख्य रूप से औद्योगिक उत्सर्जन और घरेलू अपशिष्ट के कारण प्रदूषित हो रहा है। इससे आम जनता की सेहत पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। ताजा रिपोर्ट्स से पता चला है कि यमुना में सैकड़ों तरह के हानिकारक रसायन मौजूद हैं।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
इस मुद्दे पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ भी तेज़ हो गई हैं। विपक्षी दलों ने केजरीवाल सरकार पर आरोप लगाया है कि वे इस गंभीर समस्या को नजरअंदाज कर रहे हैं। कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने इस मामले में केजरीवाल का घेराव किया है। उन्होंने चुनाव आयोग से अपील की है कि चुनावी प्रक्रिया के दौरान इस मुद्दे को प्राथमिकता दी जाए।
निष्कर्ष
दिल्ली विधानसभा चुनाव के इस माहौल में यमुना नदी में जल प्रदूषण का मुद्दा न केवल राजनीतिक है, बल्कि यह आम जनता के स्वास्थ्य के लिए भी एक गंभीर चिंता का विषय है। चुनाव आयोग द्वारा पूछे गए सवालों को ध्यान में रखते हुए, यह आवश्यक है कि केजरीवाल सरकार जनता की भलाई के लिए ठोस कदम उठाए। आगे बढ़ते हुए, यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मुद्दे का चुनावी राजनीति पर कैसा प्रभाव पड़ता है।
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