यूपी में टूटेगी अखिलेश और राहुल की दोस्ती? जानें क्या है दिल्ली का कनेक्शन!

Delhi Election: दिल्ली के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस अलग-अलग चुनाव लड़ रही है. समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने दिल्ली में अरविंद केजरीवाल को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है. वह AAP के कार्यक्रम 'महिला अदालत' में भी शामिल हुए थे. इतना ही नहीं अब अखिलेश यादव दिल्ली में केजरीवाल के साथ घूमेंगे और आम आदमी पार्टी के लिए वोट मांगेंगे. क्या दिल्ली में अखिलेश और केजरीवाल की दोस्ती यूपी में अखिलेश और राहुल की दोस्ती में दरार नहीं डालेगी?  आठ महीने पहले ही लोकसभा चुनाव के दौरान अखिलेश यादव और राहुल गांधी एक ही मंच पर प्रचार करते हुए दिखाई देते थे. राहुल गांधी ने तो कन्नौज में अखिलेश यादव के लिए भी वोट मांगे थे, लेकिन अखिलेश यादव अब अपने नए सियासी जोड़ीदार अरविंद केजरीवाल के पक्ष में प्रचार करने के लिए अपनी पूरी टीम के साथ दिल्ली आ रहे हैं.  अरविंद केजरीवाल और अखिलेश यादव आज (गुरुवार) को रिठाला में रोडशो करेंगे. इसके अलावा समाजवादी पार्टी के कई सांसद भी दिल्ली में बीजेपी और कांग्रेस के खिलाफ आम आदमी पार्टी के लिए वोट मांगते नजर आएंगे, लेकिन केजरीवाल और अखिलेश के बीच की ये पॉलिटिकल ट्यूनिंग कांग्रेस को रास नहीं आ रही है.  कांग्रेस ने अखिलेश-केजरीवाल की दोस्ती पर क्या कहा? उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता हरीश रावत ने कहा कि अखिलेश यादव ने पहले ही साफ कर दिया था कि वो दिल्ली में कांग्रेस की बजाय केजरीवाल का साथ देंगे क्योंकि अखिलेश का मानना है कि दिल्ली में कांग्रेस से ज्यादा केजरीवाल दमदार हैं और वही दिल्ली में बीजेपी को पटखनी देने का माद्दा रखते हैं.  अखिलेश को लेकर मची खींचतान पर बीजेपी का तंज दरअसल अखिलेश यादव ने महिला अदालत में शामिल होकर कहा था कि मैं आपको बधाई देता हूं कि अरविंद केजरीवाल जी कि इतना कुछ होने के बावजूद आपका हौसला कम नहीं हुआ. कांग्रेस और AAP के बीच अखिलेश को लेकर मची खींचतान को बीजेपी इंडिया गठबंधन का खात्मा बता रही है.  नकवी बोले- कहते थे आवाज दो हमको हम एक हैं बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि गुनाहों के गटर पर गठबंधन का शटर लगाया था. कहते थे आवाज दो हमको हम एक हैं अब खुद ही आपस में लड़ रहे हैं. सिर्फ समाजवादी पार्टी ही नहीं बल्कि तृणमूल कांग्रेस भी कांग्रेस को अलग-थलग करने के लिए दिल्ली में केजरीवाल को समर्थन कर रही है. ये भी पढ़ें- अखिलेश यादव ने दिया AAP को समर्थन तो संदीप दीक्षित भड़के, कहा- 'वो वहीं जाते हैं, जहां...'

Jan 30, 2025 - 08:37
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यूपी में टूटेगी अखिलेश और राहुल की दोस्ती? जानें क्या है दिल्ली का कनेक्शन!
यूपी में टूटेगी अखिलेश और राहुल की दोस्ती? जानें क्या है दिल्ली का कनेक्शन!

यूपी में टूटेगी अखिलेश और राहुल की दोस्ती? जानें क्या है दिल्ली का कनेक्शन!

लेखक: प्रिया शर्मा, टीम नेतानगरी

उत्तर प्रदेश की राजनीति में हमेशा चौंकाने वाले मोड़ आते रहते हैं। हाल ही में, समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव और कांग्रेस के नेता राहुल गांधी के रिश्ते में दरार की खबरें सामने आ रही हैं। क्या ये दोस्ती अब टूटने वाली है? जानिए इस खेल के पीछे का सच, और कैसे दिल्ली का कनेक्शन इस स्थिति को और जटिल बना सकता है।

क्या है दोस्ती की शुरुआत?

अखिलेश यादव और राहुल गांधी की दोस्ती का परछाई 2017 विधानसभा चुनाव के समय से है। दोनों नेताओं ने मिलकर उत्तर प्रदेश में बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोला था। उस समय, दोनों दलों का एक साथ आना कार्यकर्ताओं में एक नई ऊर्जा का संचार कर गया था। लेकिन अब परिस्थितियाँ कुछ और ही संकेत दे रही हैं।

दिल्ली का कनेक्शन

दिल्ली में एक बैठक के दौरान, यह चर्चा हुई थी कि कांग्रेस अपने वादों को लेकर सख्त हो सकती है। सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी का मानना है कि अखिलेश यादव ने पार्टी के साथ पर्याप्त सहयोग नहीं किया है। इस पर अखिलेश ने अपनी नाराजगी व्यक्त की है, जिससे दोनों नेताओं के बीच फासला बढ़ता जा रहा है।

यूपी चुनावों पर असर

अगर यह दोस्ती सच में टूटती है, तो इसका सीधा असर यूपी के आगामी चुनावों पर पड़ेगा। एनडीए और महागठबंधन की रणनीतियाँ बदल सकती हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अगर राहुल और अखिलेश के बीच विवाद बढ़ता है, तो इसका फायदा बीजेपी को मिल सकता है।

एक नई दिशा की तलाश

इन घटनाक्रमों के बीच, क्या अखिलेश और राहुल दोनों एक नई दिशा की तलाश करेंगे? राजनीतिक गलियारों में चर्चाएँ तेज़ हो गई हैं, और दोनों दलों के कार्यकर्ताओं में चिंता का माहौल है। क्या हालात सामंजस्य में बदलेंगे या यह दोस्ती अब इतिहास बन जाएगी? इसके लिए सभी की निगाहें आगामी दिनों पर टिकी हुई हैं।

निष्कर्ष

अखिलेश और राहुल की दोस्ती के टूटने का अंदेशा यूपी की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है। जैसा कि दिल्ली का कनेक्शन भी भारत की राजनीति में अहम भूमिका निभा रहा है, हमें देखना होगा कि आगे क्या होता है। इसी संदर्भ में, राजनीतिक বিশ्लेषकों की भविष्यवाणियाँ और जनता की प्रतिक्रियाएँ महत्वपूर्ण होंगी।

कम शब्दों में कहें तो, यूपी में अखिलेश और राहुल के रिश्ते में आई दरार चुनावी समीकरणों को प्रभावित कर सकती है। अधिक जानकारी के लिए, विजिट करें netaanagari.com.

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