₹1.88 लाख करोड़ की धरी गई GST चोरी, इस अवधि के दौरान हुआ गोलमाल, समझें पूरी बात

इस अवधि में 132 गिरफ्तारियां की गईं और 20,128 करोड़ रुपये की वसूली की गई। जीएसटी के तहत चार मुख्य स्लैब के तहत टैक्स लगाए जाते हैं - 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत।

Feb 10, 2025 - 16:37
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₹1.88 लाख करोड़ की धरी गई GST चोरी, इस अवधि के दौरान हुआ गोलमाल, समझें पूरी बात
₹1.88 लाख करोड़ की धरी गई GST चोरी, इस अवधि के दौरान हुआ गोलमाल, समझें पूरी बात

₹1.88 लाख करोड़ की धरी गई GST चोरी, इस अवधि के दौरान हुआ गोलमाल, समझें पूरी बात

Netaa Nagari

लेखक: साक्षी वर्मा, टीम नेतानगरी

परिचय

हाल ही में भारतीय राजस्व सेवा ने एक चौंकाने वाली रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें ₹1.88 लाख करोड़ रुपये की GST चोरी का पता चला है। इस धोखाधड़ी की अवधि पहली जनवरी 2020 से लेकर दिसंबर 2022 तक की बताई जा रही है। इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे और क्यों यह बड़ी चोरी हुई, इसके पीछे क्या कारण थे और इससे सरकार को क्या नुकसान हुआ।

GST चोरी का विवरण

GST यानी वस्तु एवं सेवा कर, जिसे भारत सरकार ने 2017 में लागू किया था, देश के कर प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। लेकिन हाल में सामने आई रिपोर्ट के अनुसार, कई कंपनियों ने अधिकारियों की नकारात्मकता और अधूरा अनुपालन का लाभ उठाते हुए बड़ा गोलमाल किया। रिपोर्ट के अनुसार, कई कंपनियां अपने टैक्स दावों को बढ़ा-चढ़ाकर दर्शाकर करोड़ों रुपये की GST चोरी कर रही थीं।

गोलमाल की प्रवृत्तियाँ

जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि कुछ कंपनियों ने फर्जी बिलिंग के जरिए लाभ उठाने का प्रयास किया। इनमें से कई कंपनियाँ वास्तविक बिक्री के प्रमाण को छिपाने के लिए विभिन्न तरीके अपनाती थीं। यह कहा जा रहा है कि यह चोरी एक संगठित स्ट्रीट में हो रही थी, जिसमें एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करने वाली कई कंपनियां शामिल थीं।

सरकार की प्रतिक्रिया

सरकार ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया है और संबंधित कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है। अतिरिक्त आयुक्त ने बताया कि इस संबंध में कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है और आगे की जांच जारी है। उन्होंने जोर दिया कि वह GST प्रणाली को सुव्यवस्थित और पारदर्शी बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

आसान भाषा में समझें

यदि सरल शब्दों में कहें तो, यह धोखाधड़ी भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिरता के लिए बड़ा खतरा है। इसका सीधा असर सरकार की आय पर पड़ता है, जिससे विकास योजनाओं में कमी आ सकती है। इसके माध्यम से न केवल सरकार को नुकसान होता है बल्कि सामान्य जनता को भी इसके दूरगामी प्रभावों का सामना करना पड़ता है।

निष्कर्ष

₹1.88 लाख करोड़ की GST चोरी देश में व्याप्त कर चोरी का एक बड़ा उदाहरण है। बिना किसी ठोस कार्रवाई के, ऐसे मामलों से निपटना असंभव है। हमें आशा है कि सरकार इस मामले में कठोर कदम उठाएगी और ऐसी धोखाधड़ी को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाएगी।

इस घटना ने हमें यह सिखाया है कि हमें अपने अधिकारों का उपयोग करना चाहिए और सरकार द्वारा लागू किए गए करों की पारदर्शिता पर ध्यान देना चाहिए।

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