हू-ब-हू लगती थी श्रीदेवी की परछाई, 3 साल के करियर में चख लिया था स्टारडम का स्वाद, 19 की उम्र में निगल गया काल
19 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कहने वाली ये हसीना बॉलीवुड की सबसे पसंदीदा एक्ट्रेस बन गई थीं। इनकी मौत के बाद 12 फिल्में आज तक नहीं बन सकीं। तीन साल के छोटे से करियर में सफल होने वाली ये एक्ट्रेस कौन थीं, चलिए आपको बताते हैं।

हू-ब-हू लगती थी श्रीदेवी की परछाई, 3 साल के करियर में चख लिया था स्टारडम का स्वाद, 19 की उम्र में निगल गया काल
Netaa Nagari टीम की रिपोर्ट: भारतीय फिल्म उद्योग की सबसे प्रतिभाशाली और महान अभिनेत्री श्रीदेवी की परछाई ने अपने करियर की शुरूआत बहुत जल्दी की थी, लेकिन उसकी जर्नी एक त्रासदी में समाप्त हो गई। इस लेख में हम उनकी अद्भुत प्रतिभा, शानदार करियर और असमय निधन के बारे में चर्चा करेंगे।
श्रीदेवी: किशोरावस्था की अदाकारा
श्रीदेवी का जन्म 13 अगस्त, 1963 को तमिलनाडु में हुआ। उन्होंने अपनी पहली फिल्म 'कन subsidi' 1975 में की थी, जब वह केवल 4 साल की थीं। उनके अभिनय की क्षमता ने उन्हें युवा आयु में ही मशहूर कर दिया। हालांकि, यह युवा अदाकारा केवल 19 साल की उम्र में आई थी जब उसने फिल्म 'मौसम' में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस फिल्म ने उसे फिल्म उद्योग में एक महत्वपूर्ण पहचान दिलाई।
तीन सालों में चखा स्टारडम का स्वाद
श्रीदेवी के करियर में लगभग तीन सालों का समय था, जिसमें उन्होंने कई सफल फिल्में की। उन्होंने बॉलीवुड में 'हिम्मतवाला', 'जंजीर', और 'चलबाज़' जैसी फिल्मों से दर्शकों का दिल जीत लिया। उनकी अदाकारी में जोश और ऊर्जा दिखाई देती थी, जो दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देती थी। इस समय में, उन्होंने कई अवार्ड्स भी जीते थे और एक प्रतिष्ठित अदाकारा के रूप में अपने को स्थापित किया।
काल का ग्रास: त्रासदी का सामना
हालांकि, 19 साल की उम्र में उन्हें अचानक काल ने निगल लिया। कभी-कभी, प्रतिभा और सफलता की राह में आने वाली कठिनाइयां असहनीय होती हैं। श्रीदेवी की अदाकारी की चमक को उनके असमय निधन ने धूमिल कर दिया। 24 फरवरी 2018 को दुबई में उनके निधन की खबर ने पूरे देश को झकझोर दिया। उनकी यादें आज भी उनके प्रशंसकों और शुभचिंकों के दिलों में जिंदा हैं।
किस तरह हम श्रीदेवी को याद कर सकते हैं?
श्रीदेवी की फिल्मों का हर प्रशंसक हृदय से प्यार करता है। उनके द्वारा निभाए गए किरदार हमेशा हमारे साथ रहेंगे। हमें चाहिए कि हम उनकी यादों को संजोएं और उनके योगदान को सम्मान दें। उनके जैसी प्रतिभा शायद ही कभी हो।
निष्कर्ष
श्रीदेवी ने हमें दिखाया कि असली प्रतिभा की कोई उम्र नहीं होती। उनकी कला और संघर्षों की कहानी हमें हमेशा प्रेरित करती रहेगी। आज भी, उनकी फिल्मों में देखी गई भावनाएँ जीवन के कई पहलुओं को बयान करती हैं। जब हम उनके कार्यों को देखते हैं, तो हमें महसूस होता है कि वो कभी चुराई नहीं जा सकती।
जो लोग उन्हें पसंद करते हैं, उनके लिए श्रीदेवी एक नायक की तरह बनी रहेंगी। उनके गीत, नृत्य और अभिनय हमेशा याद किए जाएंगे।
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