केंद्र सरकार के फैसले पर अखिलेश यादव बोले- 'निरंकुशता के खिलाफ एकता की जीत'
UP News: केंद्र द्वारा अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक के मसौदे को संशोधित करने की बात कहने के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने सोमवार को वकीलों को बधाई दी. अखिलेश यादव ने सोमवार को ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए कहा,‘‘ प्रिय अधिवक्ताओ. निरंकुशता के खिलाफ एकता की जीत के लिए आपको बधाई हो. ‘एडवोकेट्स (अमेंडमेंट) बिल’ लाकर एक बार फिर से भाजपाई ये दिखाना चाहते थे कि वे अपनी मनमानी किसी पर भी थोप सकते हैं.’’ उन्होंने कहा,‘‘ जोड़-तोड़ या किसी भी तरह से बने या मिले बहुमत का मतलब यह नहीं होता कि आप जिसके लिए बदलाव ला रहे हैं उसी की उपेक्षा और हानि कर दें. परिवर्तन से प्रभावित होने वाले पक्ष को उस प्रक्रिया में शामिल करना ही लोकतांत्रिक परंपरा है. ऐसे तो पुराने राजा लोग भी अपने मन से शासन करते थे और फ़ैसले कर लेते थे.’’ सत्ता की हनक दिखाने के लिए नहीं- सपाअखिलेश यादव यादव ने कहा, ‘बहुमत यदि ‘एकाकीमत’ जैसा बनते दिखता है तो वह लोकतांत्रिक नहीं हो सकता. बदलाव यदि सहमति से होगा तभी सबके लिए लाभकारी होता है, ऐसे बदलाव को ही ‘सुधार’ कहते हैं और संशोधन सुधार के लिए किए जाते हैं, अपनी सत्ता की हनक दिखाने के लिए नहीं.’ उन्होंने कहा कि झूठे मुकदमे भाजपा की सियासी साजिश का बड़ा हिस्सा रहे हैं तथा उसके राज में न्यायिक प्रक्रिया भी राजनीति का शिकार हो गई है. सीएम योगी ने हर जिले और तहसील के लिए कर दिया बड़ा ऐलान, शिवपाल यादव की मांग भी पूरी सपा प्रमुख ने कहा कि भाजपा सरकार संशोधन नहीं, ‘लगाम’ लेकर आती है लेकिन वह भूल जाती है कि संगठन की एकजुट शक्ति के आगे कोई भी टिक नहीं पाता है, एकता बड़े-बड़े महारथियों का रथ पलट देती है. उन्होंने कहा,‘‘हम अधिवक्ताओं की न्यायोचित मांग के साथ मजबूती से खड़े थे, खड़े हैं और हमेशा खड़े रहेंगे.’’ बार निकायों द्वारा इसके विभिन्न प्रावधानों के विरोध के बीच, सरकार ने शनिवार को कहा था कि वह अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक के मसौदे को संशोधित करेगी.

केंद्र सरकार के फैसले पर अखिलेश यादव बोले- 'निरंकुशता के खिलाफ एकता की जीत'
Netaa Nagari - हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए विवादास्पद कदमों पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सख्त प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय निरंकुशता के खिलाफ एकता की जीत है।
आखिर क्या है मामला?
केंद्र सरकार ने हाल ही में कुछ नीतियों को लागू किया है जो कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों सहित विभिन्न राजनीतिक दलों में विवाद का कारण बन गया है। इस सुनवाई में, अखिलेश यादव ने एकजुटता के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि सभी राजनीतिक दलों को मिलकर इस निरंकुशता का सामना करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि लोकतंत्र की रक्षा करना हम सभी की जिम्मेदारी है।
अखिलेश यादव की प्रतिक्रियाएँ
अखिलेश ने आगे कहा, "सरकार का यह फैसला दर्शाता है कि वे लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति कितने असंवेदनशील हैं। हमें इस तरह के निरंकुश फैसलों के खिलाफ एकजुट होकर खड़ा होना होगा।" उन्होंने समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं को चेतावनी दी कि वे सरकार की नीतियों के खिलाफ जागरूकता फैलाएं और लोग इस पर संवेदनशील बनें।
निरोधात्मक उपाय और एकता की जरूरत
अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि इस स्थिति का समाधान सामूहिक प्रयास से ही संभव है। उन्होंने सभी विपक्षी दलों से अपील की कि वे एकजुट होकर इस निरंकुश प्रणाली के खिलाफ आवाज उठाएँ। उनका यह मानना है कि जब हम सब एकजुट होंगे, तब ही हम अपने संवैधानिक अधिकारों की रक्षा कर सकते हैं।
समाजवादी पार्टी की योजना
समाजवादी पार्टी ने इस मुद्दे को उठाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई है, जिसमें आम जन को इस विषय की गंभीरता के बारे में अवगत कराया जाएगा। अखिलेश यादव ने स्पष्ट किया कि पार्टी सिर्फ विरोध नहीं करेगी, बल्कि लोगों की आवाज भी उठाएगी।
निष्कर्ष
अखिलेश यादव का यह बयान केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान करता है। उन्होंने जो कहा वह केवल राजनैतिक विरोध नहीं है, बल्कि यह एक चेतावनी भी है कि वर्तमान समय में हमें एकजुट होकर निरंकुशता के खिलाफ खड़ा होना होगा। ऐसा करके ही हम अपने लोकतंत्र और उसके मूल्यों की रक्षा कर सकते हैं।
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लेखक: सिमा वर्मा, अनु मल्होत्रा, टीम नेटानगरी
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