वित्त मंत्री ने पहनी मधुबनी पेंटिंग वाली साड़ी, गिफ्ट करने वाली दुलारी देवी ने किया धन्यवाद, जानें क्या कहा?
Nirmala Sitharaman Mithila Saree : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संसद में मधुबनी पेंटिंग वाली साड़ी पहनकर बजट पेश किया. वित्त मंत्री को मधुबनी दौरे के समय पद्मश्री दुलारी देवी उन्हें वो साड़ी गिफ्ट की थी. मिथिला परंपरा के अनुसार निर्मला सीतारमण को बेटी मानकर खोइछा दिया गया था. वित्त मंत्री द्वारा मधुबनी पेंटिंग वाली साड़ी पहनने पर मधुबनी पेंटिंग कलाकारों ने खुशी जताई है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 29 नवंबर 2024 को मधुबनी जिले के सौराठ में मिथिला चित्रकला संस्थान पहुंची थी. इस दौरान 2021 में पदमश्री से सम्मानित बिहार के मधुबनी के रांटी गांव निवासी दुलारी देवी ने उन्हें मधुबनी पेंटिंग वाली साड़ी भेंट की थी. बजट सत्र के दौरान निर्मला सीतारमण द्वारा साड़ी पहनने पर दुलारी देवी की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री के मधुबनी पेंटिंग वाली साड़ी पहनने से यहां के कलाकारों सहित मिथिलांचल में हर्ष है. दुलारी देवी ने किया वित्त मंत्री का धन्यवाद दुलारी देवी ने बताया कि ये साड़ी बनाने में करीब एक माह समय लगा था. जिस पर मिथिलांचल की पहचान मछली सहित अन्य आकृति बनाई गई है. इस साड़ी में वित्त मंत्री को बजट पेश करते देख उन्हें बहुत खुशी हुई. उन्होंने कहा कि उनको लगा कि मधुबनी पेंटिंग के कलाकारों को इसके द्वारा सम्मान दिया गया है. उन्होंने कहा कि ये कलाकारों के सम्मान का उचित इनाम है. इससे कलाकारों के मनोबल को बढ़ावा मिलेगा. दुलारी देवी ने वित्त मंत्री को पूरे मिथिला, बिहार और देश की तरफ से धन्यवाद दिया. कई महिलाओं को मिल चुका सम्मानबता दें कि सरकार की तरफ से मधुबनी जिले के रांटी और जितवारपुर गांव को शिल्प गांव की मान्यता दी गई है. इस गांव का विकास मधुबनी पेंटिंग के कलाकारों की उत्कृष्ट पेंटिंग को प्रोत्साहित करने और कलाकारों को आगे बढ़ाने के किया जाता रहा है. भारत सरकार के द्वारा यहां के कलाकारों को भी प्रोत्साहित किया जाता रहा है. यहां के कलाकारों को राज्य पुरस्कार, राष्ट्रीय पुरस्कार, पद्मश्री व अन्य सम्मान मिल चुके हैं. जितवारपुर की सीता देवी, जगदंबा देवी, रांटी की महासुन्दरी देवी, गोदावरी दत्ता, बउआ देवी और दुलारी देवी सहित कई कलाकारों को मधुबनी पेंटिंग की कला के लिए पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया गया है. सैकड़ों साल पहले हुई मिथिला पेंटिंग की शुरुआतविश्वभर में मिलने वाली मिथिला पेंटिंग की कलाकृतियां मधुबनी जिले में ही मुख्य रूप से बनाई जाती है. इसकी शुरुआत सैकड़ो वर्ष पूर्व मधुबनी जिले में कलाकारों ने की थी. जिसके बाद लगातार इसकी मांग बढ़ने लगी. इसके बाद यहां के कलाकारों ने इसे व्यवसाय के रूप में विकसित कर लिया. इस क्षेत्र में हजारों की संख्या में मधुबनी पेंटिंग के कलाकार है जो विभिन्न क्षेत्रों में पेंटिंग बनाकर अपना जीवन यापन कर रहे हैं. वित्त मंत्री द्वारा मधुबनी पेंटिंग की साड़ी पहनकर बजट पेश करने पर मधुबनी पेंटिंग कलाकारों, मिथिलांचल सहित मिथिला चित्रकला संस्थान में खुशी की लहर है. यह भी पढ़ें: बिहार के 10 जिलों में घने कोहरे का अलर्ट, 15 फरवरी से मौसम में आएगा ये बदलाव

वित्त मंत्री ने पहनी मधुबनी पेंटिंग वाली साड़ी, गिफ्ट करने वाली दुलारी देवी ने किया धन्यवाद, जानें क्या कहा?
Netaa Nagari - वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में मधुबनी पेंटिंग वाली एक साड़ी पहनी, जिसे उन्हें बिहार की प्रसिद्ध कलाकार दुलारी देवी ने भेंट किया। यह साड़ी न केवल रंगों की खूबसूरती से सजी थी, बल्कि इसके पीछे की कहानी भी दिलचस्प है। इस साड़ी ने न केवल वित्त मंत्री का ध्यान खींचा, बल्कि कला और संस्कृति के महत्व को भी उजागर किया। इस लेख में हम जानेंगे इस घटना की पूरी कहानी और दुलारी देवी का धन्यवाद कि उनकी कला को कैसे सराहा गया।
दुलारी देवी की कला का महत्व
दुलारी देवी, मधुबनी पेंटिंग की जानी-मानी कलाकार हैं, जिन्होंने अपने अनूठे स्टाइल और परंपराओं को नए स्तर पर पहुंचाया है। उन्होंने जब यह साड़ी बनाई, तो उनका उद्देश्य केवल एक वस्त्र तैयार करना नहीं था, बल्कि बिहार की संस्कृति को भी प्रचारित करना था। उनकी पेंटिंग्स में शानदार डिज़ाइन और चित्रण हैं, जो दर्शाते हैं कि कैसे भारतीय संस्कृति और परंपराएं आज भी जीवित हैं।
वित्त मंत्री का बयान
साड़ी पहनने के बाद, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दुलारी देवी की कला की प्रशंसा करते हुए कहा, "यह साड़ी मेरे लिए केवल एक गिफ्ट नहीं है, बल्कि यह हमारे देश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। मधुबनी पेंटिंग्स ने हमारी कला को वैश्विक पहचान दिलाई है और इससे न केवल कलाकारों को पहचान मिली है, बल्कि इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिला है।”
दुलारी देवी का धन्यवाद
दुलारी देवी ने इस अवसर पर कहा, "मैं बहुत खुश हूं कि मेरी कला को इतनी बड़ी पहचान मिली है। मेरे लिए यह एक सपना सच होने जैसा है। मैं वित्त मंत्री का धन्यवाद करती हूं कि उन्होंने मेरे काम को महत्वपूर्ण समझा और इसे पहनकर गर्व का अनुभव किया।" उनकी आंखों में खुशी और गर्व झलक रहा था, जब उन्होंने अपनी साड़ी को लेकर हुई सराहना के बारे में बताया।
संस्कृति और कला का संगम
यह घटना केवल एक साड़ी पहनने की नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और कला के के आत्मसमान की कहानी है। इससे हमें यह समझने को मिलता है कि कला केवल सौंदर्य का प्रतिनिधित्व नहीं है, बल्कि यह हमारे इतिहास, संस्कृति और समाज का भी अनिवार्य हिस्सा है। ऐसे मौकों पर जब हमारी संस्कृति को मान्यता मिलती है, तो हर भारतीय का सीना गर्व से फूल उठता है।
निष्कर्ष
इस प्रकार, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा मधुबनी पेंटिंग वाली साड़ी पहनना केवल एक फैशन स्टेटमेंट नहीं बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर की एक मूल्यवान पहचान है। दुलारी देवी ने हमेशा अपनी कला के माध्यम से बिहार का नाम रोशन किया है, और इस बार उनकी कला को एक नई ऊँचाई मिली है। हमें उम्मीद है कि ऐसे क्षण और भी पैदा होंगे जहां हमारी कला और संस्कृति को मान्यता मिलेगी।
समाचार लेख के माध्यम से, हम यह जानने में सफल रहे कि एक साड़ी पहनकर कला को कैसे पहचाना जाता है। साथ ही, दुलारी देवी की मेहनत और साधना को भी सराहा गया है। इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारतीय कला अब केवल सीमाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह विश्व मंच पर भी अपनी पहचान बना रही है।
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