दिल्ली विधानसभा चुनाव अपडेट्स:विदेश मंत्री जयशंकर बोले- दिल्ली में मूलभूत सुविधाएं भी नहीं, देश के बाहर यह मानने में शर्मिंदगी होती है
दिल्ली विधानसभा चुनाव से चार दिन पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आम आदमी पार्टी की सरकार पर लोगों को बेसिक सुविधाएं मुहैया न कराने का आरोप लगाया। जयशंकर ने कहा कि उन्हें देश के बाहर यह बात स्वीकार करने में शर्म आती है कि दिल्ली में लोगों को केंद्र सरकार की तरफ से दी जा रहीं मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। दिल्ली की साउथ इंडियन कम्युनिटी से ‘विकसित दिल्ली-विकसित भारत’ विषय पर चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि जब भी मैं विदेश जाता हूं, मैं दुनिया से एक बात छिपाता हूं। मुझे विदेश में यह बताने में शर्म महसूस होती है कि राजधानी में रह रहे लोगों को घर नहीं मिल रहे, गैस सिलेंडर नहीं मिल रहे, जल जीवन मिशन के तहत पाइप वाला पानी नहीं मिल रहा और न ही आयुष्मान भारत योजना का लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बीते दशक में दिल्ली बहुत पीछे रह गई है। दिल्ली के नागरिकों को पानी, बिजली, गैस सिलेंडर और स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। उन्होंने दिल्ली की जनता से अपील की कि वे दिल्ली की सरकार बदलने के लिए वोट करें। दिल्ली में 5 फरवरी को वोटिंग, 8 फरवरी को रिजल्ट दिल्ली में 5 फरवरी को सभी 70 सीटों पर वोटिंग होगी। वहीं, 8 फरवरी को नतीजे घोषित किए जाएंगे। 70 विधानसभा सीटों के लिए कुल 699 उम्मीदवार मैदान में हैं। विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 23 फरवरी को खत्म हो रहा है।

दिल्ली विधानसभा चुनाव अपडेट्स: विदेश मंत्री जयशंकर बोले- दिल्ली में मूलभूत सुविधाएं भी नहीं, देश के बाहर यह मानने में शर्मिंदगी होती है
लेखक: प्रिया शुक्ला, टीम नेतानगरी
दिल्ली विधानसभा चुनाव के साथ-साथ दिल्ली की मौलिक समस्याओं पर चर्चा एक बार फिर से गर्म होने लगी है। हाल ही में, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि दिल्ली में मूलभूत सुविधाओं की कमी है, जिसका असर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की छवि पर पड़ता है। उनके इस बयान ने राजनीतिक गलियारे में हलचल मचा दी है।
दिल्ली में मूलभूत सुविधाओं का संकट
जयशंकर ने साफ तौर पर कहा कि देश की राजधानी में आवास, स्वास्थ्य सेवाएं और परिवहन जैसी आवश्यक सुविधाओं की कमी है। उन्होंने कहा, "जब मैं विदेश में होता हूं और लोग मुझसे दिल्ली के बारे में पूछते हैं, तो मुझे शर्मिंदगी महसूस होती है क्योंकि मैं सही तरीके से इसका प्रतिनिधित्व नहीं कर पाता।"
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दिल्ली को एक ऐसी राजधानी के रूप में उभरने की आवश्यकता है जो सुविधाओं में समृद्ध हो, जिससे भारतीय नागरिकों को गर्व हो सके। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ऐसे मुद्दे चुनावी रुख को प्रभावित कर सकते हैं।
आगामी चुनावों पर असर
दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर, मतदाता यह तय कर रहे हैं कि कौन सी पार्टी इन समस्याओं को हल कर सकेगी। जयशंकर के इस बयान ने मुख्य विपक्षी दलों को भी सक्रिय कर दिया है। वे इसे मौजूदा सरकार की विफलता के रूप में पेश करने की कोशिश कर रहे हैं।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह मुद्दा आगामी चुनावों में महत्वपूर्ण हो सकता है, जहाँ मतदाता यह सोचेंगे कि उनके प्रतिनिधि किस हद तक दिल्ली की मूलभूत सुविधाओं को बहाल कर सकते हैं।
स्थानीय समस्याओं का समाधान कैसे निकलेगा?
दिल्ली की जनता अब उन उपायों की तलाश में है जो उनकी समस्याओं का ठोस समाधान ला सकें। चाहे वह बुनियादी सेवाओं की उपलब्धता हो, स्वास्थ्य का सुधार हो या शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि, लोगों को यह जानने की जरूरत है कि उनके चुने हुए प्रतिनिधि इन मुद्दों को कैसे सुलझाने की योजना बनाते हैं।
जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, सभी दल अपनी चुनावी रणनीतियों को तैयार कर रहे हैं, ताकि वे मतदाताओं को यह विश्वास दिला सकें कि वे इन मूलभूत समस्याओं को हल करने में सक्षम हैं।
निष्कर्ष
विदेश मंत्री जयशंकर के बयान ने दिल्ली की मूलभूत सुविधाओं की समस्या को एक बार फिर से उजागर किया है। चुनावों से पहले इन मुद्दों पर खुलकर चर्चा करना आवश्यक है ताकि दिल्ली की छवि को सुधारने में मदद मिल सके। इसके अलावा, चुनावी प्रक्रियाएं भी यह तय करेंगी कि अगली सरकार इन समस्याओं के समाधान में कितनी कुशल होगी।
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