मुरादाबाद में पुलिस ने पकड़ा फर्जी विजिलेंस अधिकारी, नीली बत्ती लगाकर लोगों पर झाड़ता था रौब
Moradabad News: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में पुलिस ने एक फर्जी विजिलेंस अधिकारी को गिरफ्तार किया है, जो अपनी कार पर नीली फ्लैशर बत्ती लगा कर फर्जी आई कार्ड के जरिये लोगों पर रौब झाड़ता था और विवादित मामलो में खुद को एसआईबी अफसर बताकर लोगों का अपहरण कर उन्हें डरा धमका कर फैसले करा रूपये ऐंठ लेता था. बीते दिनों जब मुरादाबाद के सिविल लाइन थाना क्षेत्र में जूडो कोच का नीली बत्ती लगी कार से अपहरण करने का मामला सामने आया तो पुलिस ने मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के बाद मामले की गहनता से जांच शुरू कर दी थी, जिसके बाद पुलिस ने आज घटना का खुलासा करते हुए इस फर्जी विजिलेंस अधिकारी को नीली बत्ती लगी कार के साथ गिरफ्तार किया है. पुलिस ने फर्जी अधिकारी को गिरफ्तार कियाघटना मुरादाबाद के सिविल लाइन थाना क्षेत्र के सोनकपुर स्टेडियम की है, जहां पर सुहैल नाम के जूडो कोच ने खुद को नीली बत्ती लगी कार से अपहरण करने का आरोप लगाया था. सुहैल द्वारा पुलिस को बताया गया था कि आरोपी उसे नीली बत्ती लगी कार में बैठाकर बिजनौर ले गए थे और उसके साथ मारपीट भी की थी. इस मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए फर्जी विजिलेंस अधिकारी कुलदीप शर्मा को गिरफ्तार कर मामले का खुलासा कर दिया. पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार आरोपी कुलदीप शर्मा जनपद बुलंदशहर के गुलावठी का रहने वाला है और वर्तमान में वह पल्लवपुरम जनपद मेरठ में रह रहा था. आईडी कार्ड से लेकर गाड़ी की फ्लैश लाइट तक फर्जीपुलिस द्वारा की गई पूछताछ में कुलदीप शर्मा ने बताया कि वह कोई भी विजिलेंस अधिकारी नहीं है, उसने विजिलेंस अधिकारी का फर्जी आईडी कार्ड बना रखा है और अपनी गाड़ी पर फ्लैश लाइट भी फर्जी लगा रखी है. जनता में रौब झाड़ने के लिए ये सब किया गया है. वह अपने आप को बड़ा अधिकारी बताकर लोगों के जमीन व रुपयों के लेनदेन के मामले के निपटारे कराता था और उन लोगों से अच्छी खासी रकम ऐंठ लेता था. उसने आगे बताया कि कहीं से जानकारी मिली थी कि सुहैल अहमद तथा आफाक अहमद का बिजनौर में जमीन को लेकर विवाद चल रहा है. इसीलिए इन लोगो से सम्पर्क करके अपने आपको विजिलेंस का उच्च अधिकारी बताकर इन लोगों का समझौता कराने की बात की थी और वह सुहैल को समझौता करने के लिए अपने साथ बिजनौर लेकर गया था. और वहां पर अपने फर्जी पद का प्रभाव दिखाते हुए इन लोगों का आपस में समझौता करा दिया था. इस मामले में मुरादाबाद एसपी ने क्या बोला?यह लोग जमीन के विवाद को खत्म करके जमीन की रजिस्ट्री कराने के लिये रजिस्ट्री कार्यालय चले भी गये थे. परंतु फैसलेनामे में लिखे कुछ बिंदुओं को लेकर दोनों पक्षों की बात फिर बिगड़ गयी थी, सुहैल ने फैसला अपने पक्ष में न होता देख पुलिस को फोन करके बुला लिया था. पुलिस के आने से पहले ही कुलदीप शर्मा वहां से फरार हो गया था. मुरादाबाद के एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने बताया कि बीती 10 मार्च को एक मुकदमा थाना सिविल लाइन पर दर्ज हुआ था. जिसमें सुहैल नाम के वादी ने आरोप लगाया था कि उसको बीती 7 मार्च को सोनकपुर स्टेडियम से किडनैप किया गया और बिजनौर ले जाकर उसे प्रताड़ित किया गया. जब इस मामले की गहराई से छानबीन की गई तो पता चला कि सुहैल सोनकपुर स्टेडियम से एक नीली बत्ती लगी हुई कार में खुद बैठकर गया था. इसका कोई अपहरण नहीं हुआ था और इसका बिजनौर में कोई जमीनी विवाद चल रहा था जबकि न्यायालय में विचाराधीन भी है. पुलिस ने आरोपी के पास से एक महिंद्रा कार की बरामद कुलदीप शर्मा ने दोनों पार्टियों के बीच में आकर खुद को बड़ा अधिकारी बताया था और दोनों का फैसला करने का प्रयास कर रहा था. गिरफ्तार किया गया व्यक्ति किसी सरकारी जॉब में होने की बात बता रहा था, जहां से उसे बर्खास्त किया गया था. जिसके बाद ये अपने आप को एसआईबी (SIB) ऑफिसर बताया था और इसने अपनी एक फर्जी आईडी बना रखी थी. जिसमें पुलिस यूनिफॉर्म पहने फोटो भी लगा रखा था. उसने जो अपना फर्जी आई कार्ड बनवाया था उसमें अपना नाम दिव्य प्रकाश शुक्ला रखा हुआ था. जबकि इसका नाम कुलदीप शर्मा है. पुलिस ने आरोपी के पास से एक महिंद्रा कार, एक फर्जी आई कार्ड, एक आधार कार्ड और 1230 रुपये बरामद किए हैं. यह भी पढ़ें- अखिलेश यादव बोले- 'महाकुंभ में हुई मौतों और गायब हुए लोगों की जानकारी क्यों नहीं दे रही सरकार'

मुरादाबाद में पुलिस ने पकड़ा फर्जी विजिलेंस अधिकारी, नीली बत्ती लगाकर लोगों पर झाड़ता था रौब
नीता नागरी की टीम द्वारा
मुरादाबाद में हाल ही में एक फर्जी विजिलेंस अधिकारी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, जिसने नीली बत्ती लगाकर लोगों में आतंक फैला रखा था। यह घटना हमारे समाज में बढ़ते अपराध और लोगों की सुरक्षा में गंभीर सवाल उठाती है। आइए, जानते हैं इस मामले के सभी पहलुओं के बारे में।
मामले की जानकारी
सूत्रों के अनुसार, आरोपी ने एक अदने से अधिकारी के रूप में खुद को प्रस्तुत किया था और लोगों को अपनी शक्तियों का अहसास कराते हुए उनके साथ गलत व्यवहार किया। वह अक्सर पुलिस बैरियर के पास नीली बत्ती वाली गाड़ी में घूमता था और सामान्य नागरिकों को अपने प्रभाव में लाने के लिए धमकाता था।
पुलिस की भूमिका
पुलिस ने गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए इस शातिर आरोपी को मुरादाबाद के एक भीड़भाड़ वाले इलाके से पकड़ा। पुलिस की टीम ने कई लोगों की शिकायतों के बाद आरोपी की गतिविधियों पर नज़र रखी थी, जिसके परिणामस्वरूप उन्होंने सफलतापूर्वक उसे गिरफ्तार किया।
अपराधी की पहचान
गिरफ्तार हुए व्यक्ति की पहचान खालिद अली के रूप में हुई है। खालिद ने पहले खुद को विजिलेंस अधिकारी बताकर कई लोगों से पैसे वसूल किए और विभिन्न प्रकार के अपराध किए। पुलिस उसके खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई कर रही है।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
स्थानीय निवासियों ने इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे फर्जी अधिकारियों से लोगों को सतर्क रहना चाहिए। उन्होंने मुरादाबाद पुलिस की कार्रवाई की प्रशंसा की और उनकी तत्परता की सराहना की।
निष्कर्ष
इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि समाज में जागरूकता और पुलिस की तत्परता के माध्यम से ही हम ऐसे मामलों पर काबू पा सकते हैं। इससे पहले भी कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां फर्जी अधिकारी समाज में खौफ पैदा कर रहे थे। जिनका पुलिस द्वारा समय पर निपटारा किया गया। किसी भी संदिग्ध व्यक्ति के बारे में जानकारी पुलिस को देने से इन अपराधों पर काबू पाया जा सकता है।
इस प्रकार की घटनाएं हमें यह सिखाती हैं कि हमें अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति सजग रहना चाहिए। अगर आप किसी फर्जी ऑफिशियल से मिले हैं, तो तत्काल पुलिस से संपर्क करें।
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