दिल्ली में ईसाई समुदाय को नहीं दी गई 'पाम संडे' जुलूस की अनुमति, केंद्रीय मंत्री ने बताई वजह

Delhi Latest News: दिल्ली में एक कैथोलिक संस्था ने कहा है कि यहां ईसाई समुदाय की ओर से प्रत्येक 'पाम संडे' को मनाये जाने वाले एक प्रमुख धार्मिक आयोजन की अनुमति देने से पुलिस ने इनकार कर दिया. दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बताया कि अनुमति इसलिए नहीं दी गई कि यह एक 'गैर-पारंपरिक जुलूस' था और कहा कि पुलिस 'सुरक्षा चिंताओं' के कारण ऐसी अनुमति देने से इनकार कर सकती है. सूत्रों ने कहा, 'पारंपरिक जुलूस और गैर-पारंपरिक जुलूसों के लिए नियम हैं. (पाम संडे) जुलूस गैर-पारंपरिक जुलूस के अंतर्गत आता है, जिसके कारण अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया. आमतौर पर हम सभी समुदायों द्वारा गैर-पारंपरिक जुलूसों के लिए किए गए कई अनुरोधों को अस्वीकार कर देते हैं.' सभी जुलूसों पर लगाया गया प्रतिबंध- जॉर्ज कुरियन केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन ने कहा कि 'सुरक्षा कारणों' से जुलूस की अनुमति नहीं दी गई और यहां तक ​​कि शनिवार को होने वाले हनुमान जयंती शोभायात्रा को भी मंजूरी नहीं दी गई. अल्पसंख्यक कार्य राज्य मंत्री कुरियन ने कहा, 'इस प्रकार के सभी जुलूसों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.' कैथोलिक संस्था ने इस निर्णय की निंदा करते हुए इसे 'चौंकाने वाला और अनुचित' करार दिया. ईसाई समुदाय के लोगों का मानना है कि इस दिन (पाम संडे) प्रभु ईसा मसीह ने यरुशलम में प्रवेश किया था. ईसा मसीह के यरूशलम पहुंचने पर उनके अनुयायियों ने ताड़ के पेड़ के पत्ते लहराकर उनका स्वागत किया था. दिल्ली पुलिस ने जुलूस को लेकर तत्काल कोई जानकारी नहीं दी है. फैसला चौंकाने वाला और अनुचित- एसी माइकल 'प्रेसिडेंट ऑफ कैथोलिक एसोसिएशन ऑफ द आर्चडायोसिस ऑफ दिल्ली' (सीएएडी) के अध्यक्ष एसी माइकल ने एक बयान में कहा, 'यह बेहद चौंकाने वाला और अनुचित है. जुलूस हमेशा शांतिपूर्ण रहा है और अधिकारियों के साथ इसका समन्वय अच्छा रहा है. कानून-व्यवस्था और यातायात का हवाला देते हुए अनुमति नहीं दी गई. लेकिन जब अन्य लोग इसी तरह के आयोजनों के लिए मंजूरी लेते हैं तो यह बात लागू नहीं होती.' पिनराई विजयन ने की आलोचना केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने जुलूस निकालने की पुलिस द्वारा अनुमति नहीं दिये जाने की आलोचना की. विजयन ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी स्थित सेक्रेड हार्ट चर्च में 'कुरुथोला प्रदक्षिणम' (पाम संडे जुलूस) के लिए अनुमति नहीं देने का दिल्ली पुलिस का निर्णय निंदनीय है.

Apr 15, 2025 - 13:37
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दिल्ली में ईसाई समुदाय को नहीं दी गई 'पाम संडे' जुलूस की अनुमति, केंद्रीय मंत्री ने बताई वजह
दिल्ली में ईसाई समुदाय को नहीं दी गई 'पाम संडे' जुलूस की अनुमति, केंद्रीय मंत्री ने बताई वजह

दिल्ली में ईसाई समुदाय को नहीं दी गई 'पाम संडे' जुलूस की अनुमति, केंद्रीय मंत्री ने बताई वजह

Netaa Nagari

लेखिका: सिम्मी वर्मा, टीम नेता नागरी

परिचय

दिल्ली में, ईसाई समुदाय द्वारा मनाए जाने वाले 'पाम संडे' जुलूस को अनुमति न मिलने की खबर ने समुदाय में आक्रोश पैदा कर दिया है। केंद्रीय मंत्री ने इस फैसले की मंशा और कारणों को स्पष्ट किया है। यह मामला धार्मिक स्वतंत्रता और सुरक्षा के मुद्दों पर गंभीर चर्चा का विषय बन गया है।

पाम संडे क्या है?

पाम संडे ईसाई धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो ईसा मसीह के येरूशलेम में प्रवेश के दिन को मनाता है। इस दिन लोग विशेष पूजा-अर्चना करते हैं और जुलूस निकालते हैं। ईसाई समुदाय के लिए यह दिन विशेष धार्मिक महत्व रखता है और इसे उल्लास और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है।

जुलूस की अनुमति न मिलना

हाल ही में, दिल्ली पुलिस ने 'पाम संडे' जुलूस के लिए अनुमति देने से इंकार कर दिया। केंद्रीय मंत्री, जो इस मामले की निगरानी कर रहे थे, ने बताया कि सुरक्षा कारणों एवं अगले कुछ दिनों में होने वाले अन्य कार्यक्रमों के चलते यह निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि इस निर्णय का उद्देश्य समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

केंद्रीय मंत्री का बयान

केंद्रीय मंत्री ने कहा, "हम सभी धार्मिक विश्वासों का सम्मान करते हैं, लेकिन इस बार सुरक्षा उपायों को ध्यान में रखते हुए हमें यह कठिन निर्णय लेना पड़ा। हम सामुदायिक सद्भावना और शांति बनाए रखना चाहते हैं, और इसलिए इस जुलूस के आयोजन के लिए अनुमति नहीं दी गई।"

समुदाय की प्रतिक्रिया

इस निर्णय पर ईसाई समुदाय के नेताओं ने अपनी निराशा व्यक्त की है। उनका मानना है कि यह निर्णय धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन है। उन्होंने सरकार से अपील की है कि इस मामले पर पुनर्विचार किया जाए ताकि वे अपने धार्मिक कर्तव्यों को निभा सकें।

सुरक्षा तंत्र की चुनौतियाँ

दिल्ली में सुरक्षा तंत्र कई बार चुनौतीपूर्ण रहा है, खासकर जब भी कोई धार्मिक या सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। यह आवश्यक हो जाता है कि आयोजकों और पुलिस के बीच उचित संवाद हो ताकि सभी पक्षों की चिंताओं का समाधान किया जा सके।

निष्कर्ष

दिल्ली में 'पाम संडे' जुलूस के लिए अनुमति न मिलने का मामला केवल एक धार्मिक उत्सव से अधिक है। यह धार्मिक स्वतंत्रता, सुरक्षा और सामुदायिक संवाद के मुद्दों को छूता है। सभी समुदायों को एक साथ आने और आपसी समझ को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। हमें उम्मीद है कि स्वास्थ्य और सुरक्षा के साथ धार्मिक स्वतंत्रता का भी ध्यान रखा जाएगा।

अधिक अपडेट्स के लिए, देखें netaanagari.com.

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