हिमाचल प्रदेश की बेरोजगारी दर में हुआ इजाफा, सरकार ने सदन में पेश किया आंकड़ा
Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश में बेरोजगारों की संख्या लगातार बढ़ रही है. वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्रदेश की बेरोजगारी दर 4 फीसद, 2022-23 में 4.4 फीसद थी. 2023-24 में हिमाचल की बेरोजगारी दर बढ़कर 5.4 फीसद हो गई है. आंकड़ों के मुताबिक एक साल में बेरोजगारी बढ़ने की दर एक फीसद है. विधानसभा में सरकार ने बेरोजगारी का आंकड़ा रखा. विधायक जनक राज ने प्रश्न किया था. सरकार ने सदन में बेरोजगारी का आंकड़ा पेश किया. विधानसभा रिकॉर्ड के मुताबकि हिमाचल प्रदेश में रजिस्टर्ड बेरोजगार युवकों की संख्या 6 लाख 32 हजार 505 है. जानकारों का कहना है कि बेरोजगारों की संख्या और भी ज्यादा हो सकती है. गैर पंजीकृत बेरोजगारों की प्रदेश में सटीक आंकड़ा नहीं बताया जा सकता. हिमाचल की क्या है बेरोजगारी दर? सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी या CMIE के अनुसार, मार्च 2022 में हिमाचल की बेरोजगारी दर 12.1 फीसद दर्ज की गई है जबकि देश की 7.6 फीसद है. इस तरह हिमाचल अधिक बेरोजगारी वाले देश के टॉप-6 प्रदेश में शुमार हो गया है. इस समय हिमाचल प्रदेश में 178294 अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के 38510 और सामान्य वर्ग के 325787 लोग बेरोजगार हैं. 12वीं तक की पढ़ाई किए 2,84,782 बेरोजगार है, स्नातक 1,18,945 और स्नातकोत्तर 72,4,33 युवा बेरोजगार हैं. दसवीं पास 1,39, 323 बेरोजगार हैं. विधानसभा में पेश हुआ आंकड़ा दसवीं से नीचे 16,803 जबकि 239 अनपढ़ बेरोजगार हैं. सबसे ज्यादा बेरोजगारों की संख्या कांगड़ा में 1,32, 420 और मंडी में 1,30, 358 है. प्रश्नकाल के दौरान बेरोजगारी पर विधायक जनक राज, राकेश जमवाल, त्रिलोक जमवाल की तरफ से पूछे गए सवाल के जवाब में खुलासा हुआ है. विधायक जनक राज ने कहा है कि बेरोजगारों की बढ़ती संख्या सत्तापक्ष ही नहीं बल्कि विपक्ष के लिए भी चिंता का विषय है. उन्होंने रोजगार के अवसर तलाशने पर जोर दिया. ये भी पढ़ें- 'एक ऐसा बड़ा अधिकारी है जो...,' हिमाचल में इस IPS अधिकारी के एक पोस्ट से पुलिस महकमे में सनसनी

हिमाचल प्रदेश की बेरोजगारी दर में हुआ इजाफा, सरकार ने सदन में पेश किया आंकड़ा
लेखिका: स्नेहा शर्मा, टीम नेतानगरी
हाल ही में हिमाचल प्रदेश में बेरोजगारी दर में वृद्धि के मामले में चिंताजनक आंकड़े प्रस्तुत किए गए हैं। राज्य सरकार ने विधानसभा में इस मुद्दे पर चर्चा करते हुए स्पष्ट जानकारी दी है कि किस प्रकार बेरोजगारी दर में बढ़ोत्तरी हुई है। यह आंकड़े न केवल राज्य की आर्थिक स्थिति का संकेत देते हैं, बल्कि युवाओं की रोजगार संभावनाओं पर भी गंभीर प्रभाव डालते हैं।
बेरोजगारी दर का वर्तमान आंकड़ा
राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, हिमाचल प्रदेश की बेरोजगारी दर वर्तमान में 8.5 प्रतिशत है, जो पिछले वर्ष इसी समय 6.2 प्रतिशत थी। यह औसत से काफी अधिक है और यह दर्शाता है कि राज्य में रोजगार के अवसर कम हो रहे हैं। विशेष रूप से, युवाओं के बीच बेरोजगारी की स्थिति बेहद चिंताजनक है।
सरकार की योजनाएँ
सरकारी प्रतिनिधियों ने सदन में यह भी बताया कि बेरोजगारी की इस समस्या का समाधान करने के लिए विभिन्न योजनाएँ बनाई जा रही हैं। इनमें कौशल विकास, प्रशिक्षण कार्यक्रम, और स्वरोजगार के अवसर शामिल हैं। सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में बेरोजगारी की दर को कम करके 5 प्रतिशत तक लाया जाए।
युवाओं की प्रतिक्रिया
इस वृद्धि पर नकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, कई युवाओं ने सवाल उठाए हैं कि सरकार ने रोजगार सृजन के लिए क्या ठोस कदम उठाए हैं। युवा संघों का मानना है कि अगर ऐसे ही हालात रहे, तो आने वाली पीढ़ी को रोजगार पाने में बेहद कठिनाई होगी। यहाँ तक कि कई छात्रों ने अपने भविष्य के प्रति चिंता व्यक्त की है और रोजगार के अवसरों में कमी को लेकर चिंतित हैं।
आर्थिक विशेषज्ञों की राय
आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्थिति केवल हिमाचल प्रदेश की ही नहीं, पूरे देश की है। उन्होंने सुझाव दिया है कि सरकार को रोजगार सृजन के लिए नए औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना पर जोर देना चाहिए। इसके अलावा, प्रवासी कामकाजी लोगों के लिए रोजगार की योजनाएँ तैयार की जानी चाहिए।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर, हिमाचल प्रदेश में बेरोजगारी दर का इजाफा एक गंभीर समस्या है जिसका समाधान सरकार के लिए प्राथमिकता होनी चाहिए। उम्मीद है कि सरकार अपने वादों को पूरा कर सकेगी और युवाओं को अधिक अवसर प्रदान कर सकेगी। इसके बिना, राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार होना मुश्किल है।
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