पहलगाम हमले के दो हफ्ते पूरे होने पर सरकार के रुख पर सुप्रिया सुले का बड़ा बयान, 'सर्वदलीय बैठक में...'
पहलगाम हमले के दो हफ्ते होने के बाद बाद बारामती से सांसद सुप्रिया सुले ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि जो हुआ उसका हम कड़ा विरोध करते हैं. हम जब सर्वदलीय बैठक में गए थे तब हमने सरकार को वादा किया था कि हम भारत सरकार के साथ हैं. '...भारत की एकता को कोई ठेस न पहुंचे' पिंपड़ी चिंचवाड़ में सोमवार (5 मई) को मीडिया से बातचीत में सुप्रिया सुले ने कहा, "पूरा विपक्ष ताकत के साथ सरकार के साथ खड़ा है. तभी ऐसी चर्चा हुई थी कि हम कोई भी विशेष टिप्पणी या कुछ नहीं कहेंगे, जिससे भारत को या भारत की एकता पर या भारत में आज जो हो रहा है, उसको कोई ठेस पहुंचे. इसलिए हम पूरी ताकत के साथ सरकार से साथ खड़े हैं, ये वायदा करके हम आए." 'थोड़े दिन हम जरूर रूकेंगे' बारामती से सांसद ने आगे कहा, "थोड़े दिन हम जरूर रूकेंगे और जब इस पर चर्चा होगी तो हम इस पर जो हमारे सवाल हैं या हर भारतीय के मन में हैं, उस पर पूरी तरह से स्पष्टीकरण सरकार से लेंगे." अजित पवार से जुड़े सवाल पर क्या बोलीं? इसके साथ ही उन्होंने उद्धव गुट के नेता विनायक राउत के बयान पर भी प्रतिक्रिया दी. दरअसल, विनायक राउत ने कहा था कि अगर अजित पवार को महाराष्ट्र का सीएम बनना है तो उन्होंने महाविकास अघाड़ी में शामिल हो जाना चाहिए. राउत के इस बयान पर प्रतिक्रिया पूछे जाने पर सुप्रिया सुले ने कहा, "एक सशक्त लोकतंत्र में हर एक को बोलने का अधिकार है और मांग करने का अधिकार है. इसमें गलत क्या है." लाडली बहना योजना पर भी दिया बयान क्या आपकी भी कोई मांग है, इस सवाल पर उन्होंने कहा, "मैं सांसद हूं और लोगों की सेवा करती हूं. मैं लोगों की सेवा करने के लिए आई हूं. जो लोग इस राज्य के तय करेंगे, मैं तो एक सेवक हूं." वहीं लाडली बहना योजना के 2100 रुपये के वादे पूरे न होने पर उन्होंने कहा कि मेरे पुराने भाषणों में इसका ही जिक्र है.

पहलगाम हमले के दो हफ्ते पूरे होने पर सरकार के रुख पर सुप्रिया सुले का बड़ा बयान, 'सर्वदलीय बैठक में...'
Netaa Nagari
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले को दो हफ्ते पूरे हो चुके हैं, और इस पर राजनीति तेज हो गई है। एनसीपी की नेता सुप्रिया सुले ने हाल ही में मीडिया से बात करते हुए सरकार के रुख पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि मामले में सरकार की पैनी नजर होनी चाहिए और सभी पार्टियों को मिलकर आवाज़ उठानी चाहिए।
सर्वदलीय बैठक की आवश्यकता
सुप्रिया सुले का मानना है कि पहलगाम हमले के बाद सभी राजनीतिक दलों को एकजुट होकर एक सर्वदलीय बैठक करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब तक हम सब एकजुट नहीं होंगे, तब तक इस तरह के मुद्दों को सुलझाना मुश्किल होगा।उन्होंने कहा, "सरकार को इस विषय में सक्रियता दिखानी चाहिए।"
सरकार का रुख क्या है?
सुप्रिया सुले ने आगे बताया कि वर्तमान में सरकार की कार्रवाई संतोषजनक नहीं है। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि आम जनता को सुरक्षा की मांग करनी आवश्यक है और इसके लिए राजनीतिक दलों को एकजुट होकर आवाज उठानी चाहिए। अपने बयान में उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा, "यदि सरकार समय पर कदम उठाने में विफल रही, तो परिणाम गंभीर हो सकते हैं।"
लोगों की चिंता
इस हमले के बाद सभी वर्गों में भय का माहौल बना हुआ है। स्थानीय लोगों ने सुरक्षा को लेकर अपनी चिंताएं व्यक्त की हैं। उनकी मांग है कि सरकार सुरक्षा उपायों को मजबूत करे और हमलावरों को कठोर सजा दी जाए। सुप्रिया सुले ने कहा कि लोगों की यह चिंता बहुत ही जायज़ है और सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए।
निष्कर्ष
सुप्रिया सुले के इस बयान ने पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा मामलों पर एक महत्वपूर्ण चर्चा छेड़ी है। यह आवश्यक है कि सभी राजनीतिक दल मिलकर इस मुद्दे को गंभीरता से लें और सरकार को मजबूर करें कि वह अपराधियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करे। इससे न केवल मौजूदा स्थिति को सुधारने में मदद मिलेगी, बल्कि आम जनता के बीच भरोसा भी मजबूत होगा।
कम शब्दों में कहें तो, सुप्रिया सुले ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि राजनीतिक बातें अक्सर जनता के हितों के लिए जरूरी होती हैं।
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