बिहार में अब भैंस के नाम पर साइबर ठगी, पशु विभाग के नाम पर जाल में फंसाया, फिर…
Banka Cyber Fraud: देश भर में साइबर ठगी का जाल ऐसे फंस रहा है कि लोगों को जाल में फंसाने के लिए ठग एक से एक कहानी बना रहे हैं. ताजा मामला बिहार के बांका से आया है जहां भैंस के नाम पर एक व्यक्ति से ठगी कर ली गई है. इस मामले में पीड़ित शख्स ने बीते गुरुवार (06 फरवरी) को बांका के साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई. कहा है कि उसके साथ 49 हजार 500 रुपये की ठगी हुई है. पूरा मामला नवादा बाजार सहायक थाना क्षेत्र के मीरनगर गांव का है. इस गांव के रहने वाले रूपेश कुमार यादव ने शिकायत दर्ज कराई है. रूपेश ने बताया कि एक फरवरी को उसे एक नंबर (8306546977) से फोन आया. फोन करने वाले ने कहा कि वो पशुपालन विभाग से बोल रहा है. भैंस दिलाने की बात कहते हुए उसने आधार कार्ड और फोटो मांगा. इस पर रूपेश ने अपना आधार कार्ड और पासपोर्ट साइज फोटो भेज दिया. इसके बाद उक्त साइबर ठगों ने रूपेश का एक परमिशन कार्ड बनाया. कहा कि भैंस को शाम में गाड़ी पर लोड कर भेज दिया जाएगा. इसके लिए उन्होंने रूपेश से पांच हजार रुपये मोबाइल नंबर 7722805546 पर भेजने को कहा. …और धीरे-धीरे इस तरह करके मांगे गए रुपये साइबर ठग ने अगले दिन फिर फोन किया. कहा कि रास्ते में कुछ दिक्कत आ गई है इसलिए 12 हजार 500 रुपये और भेजने होंगे. रूपेश ने फिर पैसे भेज दिए. इसके बाद साइबर ठगों ने रूपेश से 12 हजार 500 रुपये और फिर इसके बाद 17 हजार 500 रुपये और भेजने को कहा. रूपेश ने ये पैसे भेज दिए. इसके बाद ठग ने एक घंटे बाद 18 हजार रुपया और मांगा. इस पर रूपेश को ठगी का एहसास हुआ. उसने 18 हजार रुपये नहीं भेजे. इस पर ठग ने कहा कि दो हजार रुपये भेज दो. भैंस दो घंटे में घर पहुंच जाएगा. इसके बाद रूपेश ने 2 हजार रुपये भी भेज दिए, लेकिन मवेशी नहीं आया. रूपेश ने दोबारा फोन किया तो तो ठग ने 18 हजार मांगे और मना करने पर गाली-गलौज करने लगा. इस तरह रूपेश से कुल 49 हजार 500 रुपये ठग लिए गए. बांका डीएसपी मुख्यालय सह साइबर थानाध्यक्ष विनोद कुमार ने बताया कि मामले की जांच कराई जा रही है. जल्द इसका उद्भेदन हो जाएगा. उन्होंने लोगों को साइबर ठगी के मामलों से बचने के लिए सतर्क रहने की बात कही. यह भी पढ़ें- गोपालगंज में 6 साल के बेटे को पिता ने मार डाला, स्कूल से बुलाकर लाया और काटी गर्दन, चौंका देने वाली वजह बताई

बिहार में अब भैंस के नाम पर साइबर ठगी, पशु विभाग के नाम पर जाल में फंसाया, फिर…
लेखिका: सुमित्रा देवी, टीम Netaa Nagari
बिहार में साइबर ठगी के नए मामले सामने आ रहे हैं। पशु विभाग के नाम पर ठगों ने भैंस खरीदने के इच्छुक लोगों को जाल में फंसा लिया है। इससे लोगों के मन में डर और असुरक्षा की भावना बढ़ती जा रही है। यहां हम जानेंगे कि कैसे यह ठगी काम करती है और इससे बचने के उपाय क्या हैं।
साइबर ठगी का नया तरीका
बिहार में भैंस खरीदने के लिए लोग ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का उपयोग कर रहे हैं। ठगों ने इस पर ध्यान दिया और एक नया तरीका अपनाया। वे खुद को पशु विभाग का अधिकारी बताकर जनता को लूटने लगे। इस ठगी में ठग लोगों को कॉल करते हैं और बताते हैं कि उनके पास कुछ भैंसें हैं, जिन्हें वे बेहद सस्ते दाम पर बेचने के लिए तैयार हैं।
कैसे होती है ठगी?
साइबर ठग अपनी योजना को बेहद कुशलता से अंजाम देते हैं। कॉल आने पर ये ठग भ्रामक जानकारी देते हैं और भैंस की तस्वीरें भेजते हैं। बाद में, ग्राहक से मांग की जाती है कि वह एक छोटी सी रकम अग्रिम में जमा कर दे ताकि भैंस की डिलीवरी दी जा सके। जैसे ही ग्राहक पैसा भेज देता है, ठग गायब हो जाते हैं।
पशु विभाग की प्रतिक्रिया
पशु विभाग ने इस ठगी के खिलाफ सख्त कदम उठाने की घोषणा की है। विभाग ने लोगों को सावधान रहने की सलाह दी है। साथ ही, उन्हे इंटरनेट पर किसी भी अनजान व्यक्ति से भैंस खरीदने में सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है।
बचाव के उपाय
इस तरह की ठगी से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण टिप्स दिए गए हैं:
- कभी भी अनजान कॉल से मिले ऑफ़र पर भरोसा न करें।
- ऑनलाइन लेन-देन करते समय हमेशा सुरक्षा का ध्यान रखें।
- संभव हो तो लेन-देन से पहले फिजिकल निरीक्षण करें।
- किसी भी समस्या में तुरंत पुलिस या साइबर क्राइम सेल से संपर्क करें।
निष्कर्ष
बिहार में भैंस के नाम पर हो रही साइबर ठगी से लोगों को जागरूक रहने की आवश्यकता है। सभी को सूचना का सही उपयोग करते हुए ठगों से बचने के उपाय अपनाने चाहिए। ऐसे मामलों में सतर्क रहकर न केवल आप अपने पैसे बचा सकते हैं, बल्कि दूसरों को भी इस ठगी से बचाने में मदद कर सकते हैं।
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