सुपौल के BSAP जवान की मौत, सालों से MND बीमारी से थे परेशान, नम आखों से दी गई अंतिम विदाई

BSAP Jawan Died: बिहार सैन्य पुलिस (बीएसएपी) की 15वीं बटालियन भीमनगर सुपौल में तैनात 39 वर्षीय जवान संजय कुमार का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. वह बेगूसराय जिले के बरौनी थाना क्षेत्र के निंगा गांव के रहने वाले थे. संजय पिछले सात वर्षों से मोटर न्यूरॉन डिजीज (MND) से जूझ रहे थे और लगातार इलाज करा रहे थे. निधन से परिवार में शोक की लहर  रविवार को अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें वीरपुर अनुमंडल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. संजय कुमार के निधन से उनके परिवार में शोक की लहर दौड़ गई. उनकी पत्नी नेहा कुमारी ने भीमनगर थाना में शिकायत दर्ज कराई कि उनके पति की बीमारी का वर्षों तक इलाज चला, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ. पुलिस ने मामले को लेकर यूडी केस-1/25 दर्ज किया है. संजय कुमार के निधन की खबर मिलते ही बीएसएपी कैंप में मातम छा गया. साथी जवानों और अधिकारियों ने उन्हें कर्तव्यनिष्ठ, अनुशासित और बहादुर सिपाही के रूप में याद किया. सभी ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके योगदान को सराहा. सुपौल सदर अस्पताल में संजय कुमार के पार्थिव शरीर का पोस्टमार्टम कराने के बाद बीएसएपी कैंप में उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. जवान का पार्थिव शरीर पहुंचा पैतृक गांव पुलिस और बीएसएपी अधिकारियों की मौजूदगी में उनका पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव निंगा भेजा गया, जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. संजय कुमार अपने पीछे पत्नी नेहा कुमारी और 8 वर्षीय पुत्र अभिनीत कुमार को छोड़ गए हैं. उनकी असामयिक मृत्यु से परिवार गहरे सदमे में है. जवानों और अधिकारियों ने उनके परिवार को हरसंभव सहायता का भरोसा दिया है. बीएसएपी जवान की असमय मौत ने सभी को झकझोर दिया है. उनके साथी उन्हें एक बहादुर और ईमानदार सिपाही के रूप में हमेशा याद रखेंगे.

Feb 3, 2025 - 22:37
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सुपौल के BSAP जवान की मौत, सालों से MND बीमारी से थे परेशान, नम आखों से दी गई अंतिम विदाई
सुपौल के BSAP जवान की मौत, सालों से MND बीमारी से थे परेशान, नम आखों से दी गई अंतिम विदाई

सुपौल के BSAP जवान की मौत, सालों से MND बीमारी से थे परेशान, नम आखों से दी गई अंतिम विदाई

Netaa Nagari - सुपौल जिले के BSAP जवान जगदीश यादव का निधन हो गया, जिन्होंने कई वर्षों तक माइलिनिनेटिंग न्यूरोपैथी डिसऑर्डर (MND) से लड़ाई लड़ी। उनके निधन से पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई है।

जिंदगी की जंग हार गया जवान

जगदीश यादव, जो कई वर्षों से इस गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे, ने अपने परिवार और मित्रों से दूर होते हुए दुखदाई अंतिम समय बिताया। MND एक ऐसी बीमारी है, जो मस्तिष्क और रीढ़ की नसों को प्रभावित करती है और व्यक्तियों के मोटर कार्यों को कमजोर करती है। यह एक प्रगतिशील स्थिति है, जिसका कोई स्थायी इलाज नहीं है। जगदीश की तबियत पिछले कुछ महीनों में और बिगड़ गई थी, जिससे उनकी स्थिति और भी गंभीर हो गई।

समुदाय का समर्थन

जगदीश के जाने से उनके परिवार को केवल मानसिक दुख ही नहीं, बल्कि आर्थिक संकट का भी सामना करना पड़ा। स्थानीय लोगों ने उनके परिवार को हर संभव सहायता प्रदान करने का प्रयास किया, जिससे वह इस कठिन समय में उबर सकें। उनके अंतिम संस्कार के दौरान, सैकड़ों लोगों ने नम आंखों से उन्हें विदाई दी। यह दिखाता है कि जवान के प्रति लोगों की कितनी श्रद्धा थी।

समर्पण और पराक्रम का प्रतीक

जगदीश यादव न केवल एक बहादुर जवान थे, बल्कि एक प्रेरणास्त्रोत भी थे। उनकी कहानी हमें बताती है कि जीवन में कितनी भी कठिनाइयाँ आएं, हमें हार नहीं माननी चाहिए। उनके परिवार ने भी उनके संघर्ष से सीख लेकर हिम्मत नहीं हारी, जिससे उनकी गरिमा और भी बढ़ गई।

आखिरी विदाई

जगदीश का अंतिम संस्कार सुपौल के स्थानीय कब्रगाह में किया गया। उनकी पत्नी और बच्चे भी उन्हें देखने आए थे। इस दर्दनाक पल में पूरे गांव के लोग एकजुट होकर उनके परिवार के साथ खड़े रहे, जिससे यह साबित होता है कि भारतीय समुदाय की एकजुटता हमेशा लहराती रहेगी।

समापन विचार

सुपौल के इस बहादुर जवान की कहानी हमें यह सिखाती है कि स्वास्थ्य समस्याएँ कभी-कभी हमें तोड़ सकती हैं, लेकिन आत्मबल कभी नहीं। उनकी यादें और संघर्ष हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेंगी। Netaa Nagari की पूरी टीम जगदीश यादव को श्रद्धांजलि अर्पित करती है।

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