रेखा के दिल्ली CM बनने पर हरियाणा में जश्न:पैतृक गांव में महिलाएं नाच रहीं; खट्‌टर-सीएम सैनी शपथग्रहण समारोह के लिए रवाना

हरियाणा के जींद में जन्मीं रेखा गुप्ता थोड़ी देर में दिल्ली के नए CM की शपथ लेंगी। ग्रामीणों के मुताबिक उन्होंने बचपन के 2 साल जींद स्थित पैतृक गांव नंदगढ़ में बिताए। उनके सीएम बनने पर जींद में जश्न का माहौल है। महिलाएं हरियाणवी गानों पर नाच रहीं हैं। ग्रामीण लड्‌डू बांट रहे हैं। एक-दूसरे का मुंह मीठा करवा रहे हैं। गांव की महिलाओं का कहना है कि ये उनके लिए बड़े गर्व की बात है कि उनके यहां की बेटी देश की राजधानी की मुख्यमंत्री बन रही हैं। वहीं उनके शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए CM नायब सैनी और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्‌टर दिल्ली रवाना हो चुके हैं। रेखा को कल (19 फरवरी) को दिल्ली भाजपा विधायक दल की मीटिंग में मुख्यमंत्री चुना गया। इस दौरान ऑब्जर्वर के तौर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के साथ हरियाणा के जाट नेता ओपी धनखड़ भी मौजूद रहे। उन्होंने मुख्यमंत्री चुने जाने पर हरियाणवी परंपरा के अनुसार शगुन भी दिया। रेखा गुप्ता के CM बनने पर गांव नंदगढ़ ग्रामीणों ने क्या कहा... सुमन बोलीं- रेखा के बचपन के 2 साल गांव में बीते गांव की सुमन बोलीं- रेखा गुप्ता के बचपन के 2 साल नंदगढ़ गांव में बीते हैं। जब उनके परिजन गांव छोड़कर गए तो गांव वाले घर को बेचकर गए थे। मौजूदा समय में इस घर में रह रहे परिवार से मिलने भी रेखा गुप्ता के परिजन आते रहते हैं। इस घर में रहने वाली महिला ने बताया है कि लगभग हर साल रेखा गुप्ता के माता-पिता यहां आते हैं। उनके यहां जब कोई प्रोग्राम होता है तो उन्हें भी बुलाया जाता है। रेखा गुप्ता के पैतृक घर को तोड़कर दोबारा बना दिया गया है, लेकिन एक दीवार बची है, जो उनके पुराने घर की ही है। जयपाल बोले- किसानों से काफी बनती थी जयपाल ने बताया- गांव में बहुत बढ़िया माहौल है। खुशी है, लड्डू बांटे जा रहे हैं। रेखा गुप्ता का परिवार गांव में बहुत बढ़िया था, सबसे मिलता-जुलता था। किसानों से उनके काफी अच्छे संबंध थे। उनके परिवार की जुलाना में आढ़त की दुकान थी। सभी के साथ उनका अच्छा व्यवहार था। जब वे गए तो खुशी से गए। उन्हें वहां (दिल्ली में) काम मिल गया था। कमला बोलीं- मैंने गोद में खिलाया नंदगढ़ गांव की एक और बुजुर्ग महिला कमला ने कहा- मुझे तो सारा कुनबा जानता है। मैंने तो सभी बच्चों को गोद में खिलाया है। रेखा के दादा ने तो पूरा जीवन गांव में ही बिताया। उसकी दादी भी गांव में अंत तक रही। उनका अच्छा व्यवहार और अच्छा परिवार है। इस जगह पहले उनका (रेखा गुप्ता के परिवार का) मकान था। गांव में मंदिर और कुएं रेखा के परिवार के ही बनाए हुए हैं। उसके पापा-मम्मी गांव में जब भी आते हैं तो मुझसे जरूर मिलते हैं। गांव के सभी प्रोग्राम में उनका परिवार आता है। कमलेश बोलीं- रेखा की दादी मेरी सहेली थी गांव की बुजुर्ग महिला कमलेश ने बताया है कि रेखा की दादी का मेरे यहां खूब उठना-बैठना था। उनका व्यवहार काफी अच्छा था। उनके कुछ बच्चे पहले ही गांव छोड़ गए थे। बाकी जो बचे थे, उन्होंने भी धीरे-धीरे गांव को छोड़ दिया था। रेखा को मैंने कभी देखा नहीं, लेकिन वह अब दिल्ली की CM बन रही हैं तो मुझे बहुत खुशी है। वह कभी गांव में आएगी तो हम उसका स्वागत करेंगे। उसके माता-पिता को साल में एकाध बार आते ही हैं। सरपंच बोले- गांव की बेटी को जिम्मेदारी दी गांव के सरपंच हरिओम ने कहा- मेरे गांव की बेटी रेखा गुप्ता, जो दिल्ली की मुख्यमंत्री बनी है, उसके लिए मैं भाजपा और RSS को बधाई देता हूं। साथ ही इनका हाथ जोड़कर धन्यवाद करता हूं कि इन्होंने हमारी बेटी को दिल्ली की जिम्मेदारी सौंपी। भाजपा की 21 राज्यों में सरकार है, लेकिन पार्टी ने महिला केवल हरियाणा की ही चुनी है। रेखा गुप्ता का जन्म गांव में ही हुआ और उनके पिता जय भगवान जिंदल बैंक में मैनेजर थे। 1976 में उनका परिवार दिल्ली चला गया। दिल्ली की नई CM बनीं जींद की रेखा से जुड़ी 4 अहम बातें.. 1. जींद जिले में पुश्तैनी गांव, 50 साल पहले तक दादा-परदादा रहे रेखा गुप्ता का पुश्तैनी गांव नंदगढ़ जींद के जुलाना हलके में है। यहां उनके दादा मनीराम और परिवार के लोग रहते थे। जुलाना के नंदगढ़ गांव के बलवान नंबरदार बताते हैं कि करीब 50 साल पहले तक रेखा के दादा मनीराम जिंदल और परदादा गंगाराम गांव में ही रहते थे। गांव में उन्होंने दुकान की हुई थी। इसके बाद इन्होंने जुलाना में आढ़त की दुकान कर ली और परिवार समेत वहीं शिफ्ट हो गए। 2. पिता बैंक मैनेजर बने तो दिल्ली शिफ्ट हुए रेखा के पिता जयभगवान बैंक ऑफ इंडिया में काम करते थे। साल 1972-73 में वह मैनेजर बने तो उनका ट्रांसफर दिल्ली हो गया। इसके बाद परिवार दिल्ली शिफ्ट हो गया। इस वजह से रेखा की स्कूल की पढ़ाई से लेकर ग्रेजुएशन और एलएलबी की पढ़ाई दिल्ली में ही हुई है। रेखा ने MBA की भी पढ़ाई की है। 3. स्टूडेंट लाइफ से पॉलिटिक्स में, RSS से भी जुड़ीं रेखा स्टूडेंट लाइफ से ही पॉलिटिक्स में आ गई थीं। वह कॉलेज टाइम से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ी हैं। इसके बाद वह दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन (DUSU) की सचिव रहीं। इसके बाद भाजपा में वह काफी अहम पदों पर रहीं। उन्होंने पहले भी 2 बार विधानसभा चुनाव लड़ा लेकिन हार गईं थी। अब वह पहली बार MLA बनीं और मुख्यमंत्री बन गई हैं। 4. 21 राज्यों में भाजपा की इकलौती महिला CM केंद्र के अलावा देश के 21 राज्यों में भाजपा की सरकार है। हालांकि अभी कहीं भी महिला मुख्यमंत्री नहीं है। ऐसे में रेखा गुप्ता भाजपा की इस समय पहली महिला मुख्यमंत्री होंगी। भाजपा सूत्रों के मुताबिक RSS की पसंद की वजह से रेखा को मुख्यमंत्री बनाया जा रहा है।

Feb 20, 2025 - 11:37
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रेखा के दिल्ली CM बनने पर हरियाणा में जश्न:पैतृक गांव में महिलाएं नाच रहीं; खट्‌टर-सीएम सैनी शपथग्रहण समारोह के लिए रवाना
रेखा के दिल्ली CM बनने पर हरियाणा में जश्न:पैतृक गांव में महिलाएं नाच रहीं; खट्‌टर-सीएम सैनी शपथग्रहण समारोह के लिए रवाना

रेखा के दिल्ली CM बनने पर हरियाणा में जश्न: पितृक गांव में महिलाएं नाच रहीं; खट्‌टर-सीएम सैनी शपथग्रहण समारोह के लिए रवाना

लेखिका: साक्षी शर्मा, टीम नेतानगरी

दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में रेखा की बहुचर्चित नियुक्ति ने हरियाणा में एक अद्भुत जश्न का माहौल बना दिया है। रेखा के पैतृक गांव में महिलाएं इन ख़ुशियों का इजहार करती हुई नाच रहीं हैं। उनके मुख्यमंत्री बनने की खबर ने न केवल नैतिक प्रोत्साहन दिया है, बल्कि हरियाणा की सामाजिक और राजनीतिक स्थिति पर भी सकारात्मक असर डाला है।

रेखा का योगदान और उनकी पृष्ठभूमि

रेखा, एक उत्कृष्ट महिला नेता, जिन्होंने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं, ने हमेशा समाज के उत्थान के लिए काम किया है। दिल्ली की राजनीति में उनके अनुभव और सूझबूझ ने उन्हें इस पद तक पहुँचाया। उनके मुख्यमंत्री बनने का यह कदम हरियाणा की महिलाओं के लिए बड़ी प्रेरणा बन चुका है।

हरियाणा में खुशी का माहौल

रेखा का शपथ ग्रहण समारोह भी विशेष रूप से हरियाणा के लिए महत्वपूर्ण बना है। उनके पैतृक गांव की महिलाएं, जिनमें से कई रेखा की बचपन की दोस्त हैं, इस मौके पर अपने ख़ुशियों का इजहार कर रही हैं। वे पारंपरिक गीतों के साथ नाचकर अपनी भावनाओं को व्यक्त कर रही हैं। यह केवल रेखा की उपलब्धि का जश्न नहीं है, बल्कि हरियाणा के समस्त महिलाओं के लिए एक उपलब्धि का प्रतीक बन चुका है।

मुख्यमंत्री खट्‌टर और सीएम सैनी की तैयारी

वहीं, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्‌टर और नए मुख्यमंत्री सैनी भी इस शपथ ग्रहण समारोह के लिए दिल्ली की ओर रवाना हो चुके हैं। खट्‌टर ने रेखा के प्रयासों की प्रशंसा की है और बताया है कि उनके मुख्यमंत्री बनने से हरियाणा को विकास में मदद मिलेगी।

समाज और राजनीति पर प्रभाव

रेखा की मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्ति न केवल राजनीति पर असर डालेगी, बल्कि यह समाज में महिलाओं के प्रति धारणा को भी बदलाव देगी। इस ऐतिहासिक पल में लोग समझ रहे हैं कि राजनीतिक नेतृत्व में महिलाएं न केवल बराबरी की भागीदारी कर सकती हैं, बल्कि निर्णय लेने की प्रक्रिया में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।

निष्कर्ष

रेखा के मुख्यमंत्री बनने से हरियाणा में उत्साह का एक नया अध्याय शुरू हो गया है। यह महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक सकारात्मक क़दम है, जो भविष्य में और अधिक महिलाओं को राजनीति में आने और अपनी आवाज उठाने के लिए प्रेरित करेगा। हरियाणा की महिलाएं न केवल अपने जश्न का आनंद ले रही हैं, बल्कि वे इस सफल यात्रा का हिस्सा बनते हुए गर्व महसूस कर रही हैं।

जश्न का यह माहौल केवल एक राजनीति की जीत नहीं है, बल्कि एक समाज की जागरूकता और उसकी उम्मीदों का प्रतीक है। इसके जरिए हम सभी को यह सीख मिलती है कि बदलाव संभव है, और उस बदलाव का हिस्सा बनना सभी के लिए महत्वपूर्ण है।

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