राजनीति में एंट्री से पहले ही तेजस्वी यादव ने किया निशांत कुमार का स्वागत, बोले- 'पिताजी बीमार रहने लगे हैं'

Bihar News: बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार की राजनीति में आने की चर्चाएं तेज हो गई है. जिसपर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव की प्रतिक्रिया आई है. हाजीपुर में शुक्रवार को तेजस्वी ने कहा कि उनके (निशांत कुमार) के पिता (नीतीश कुमार) का स्वास्थ्य अच्छा नहीं है तो बेटे को तो राजनीति में आना ही चाहिए. अगर निशांत राजनीति में आते हैं तो अच्छी बात है. हम उनका स्वागत करते हैं. जदयू पार्टी शरद यादव ने बनाई थी लेकिन अब दूसरी विचारधारा के लोग इस पार्टी को हाइजैक करना चाहते हैं,तो अच्छा है अगर निशांत आएं. RJD नेता ने आगे कहा कि लेकिन 2024 में नीतीश कुमार कितना परिवारवाद के खिलाफ भाषण देते थे जबकि उनके मंत्रिमंडल में 80 फीसदी से ज्यादा परिवादवाद वाले लोग है. निशांत कुमार  राजनीति में आएं और संघर्ष करें. जब मैं भी राजनीति में आया था तब मैं किसी भी पद पर नहीं था हमने भी संघर्ष किया है. जब हम राजनीति में आए थे तो हमारी पार्टी विपरीत स्थिति में थी राजनीतिक में आने से पहले संघर्ष किया और 2015 में चुनाव लड़े हैं. तेजस्वी ने निशांत कुमार को सीधा आदमी बताया. सीएम नीतीश पर भी खड़े किए सवालतेजस्वी यादव ने कांग्रेस के सासाराम से सांसद मनोज राम पर हुए हमले को लेकर बिहार की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए और सीएम नीतीश कुमार को घेरा. उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि बिहार में गुंडों का मनोबल इतना बढ़ा हुआ है कि एक दलित वर्ग के सांसद पर लाठी-डंडों और पत्थरों से जानलेवा हमला कर उनका सिर फोड़ दिया. जातिवादी मीडिया और कथित जंगलराज अलापने वाले शास्त्रियों के शास्त्रों में इसे जंगलराज नहीं कहा जाएगा क्योंकि अपराध भी अपराध करने वालों की सामाजिक पृष्ठभूमि देख कर ही तय होता है.  RJD नेता ने आगे लिखा कि इन्द्रियातीत सीएम की अगुवाई में अब सांसद पर हमला भी एक सामान्य घटना हो गई. बिहार के सीए बेसुध और अचेत अवस्था में है उन्हें प्रशासन, विधि व्यवस्था, न्याय और लोकलाज का अब कोई बोध ही नहीं रहा. प्रतिदिन बिहार में सैकड़ों राउंड गोलियां चल रही है. हत्याएं हो रही है लेकिन किसी को कोई सरोकार, ज़िम्मेवारी और जवाबदेही तय नहीं. 3-4 लोग मिलकर केवल सीएम की देह को आगे कर शासन-प्रशासन व जनतंत्र का मखौल उड़ा सिर्फ़ बिहार को लूटने में लगे है. यह भी पढ़ें: बिहार के 12 जिलों में कोहरे का अलर्ट, 6 फरवरी से फिर बढ़ेगी ठंड, आज से स्कूलों की टाइमिंग चेंज  

Feb 1, 2025 - 08:37
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राजनीति में एंट्री से पहले ही तेजस्वी यादव ने किया निशांत कुमार का स्वागत, बोले- 'पिताजी बीमार रहने लगे हैं'
राजनीति में एंट्री से पहले ही तेजस्वी यादव ने किया निशांत कुमार का स्वागत, बोले- 'पिताजी बीमार रहने लगे हैं'

राजनीति में एंट्री से पहले ही तेजस्वी यादव ने किया निशांत कुमार का स्वागत, बोले- 'पिताजी बीमार रहने लगे हैं'

Netaa Nagari

टीम Netaa Nagari द्वारा

परिचय

राजनीति हमेशा व्यक्तिगत और पारिवारिक संबंधों से भरी होती है। हाल ही में, तेजस्वी यादव ने अपने करीबी सहयोगी निशांत कुमार का स्वागत करते हुए कहा कि उनके पिता बीमार रहने लगे हैं, जो राजनीतिक गतिविधियों की ओर संकेत करता है। यह स्वागत न केवल व्यक्तिगत बंधन को दर्शाता है, बल्कि एक संभावी राजनीतिक गठबंधन की भी संभावना को उद्घाटित करता है।

तेजस्वी यादव का दृष्टिकोण

तेजस्वी यादव ने हाल ही में मीडिया से बात करते हुए कहा, "मेरे पिताजी बीमार रहने लगे हैं, और यह समय है कि हम अपने परिवार को मजबूत कर रहे हैं। निशांत का स्वागत हमारे लिए एक भारी बीमारी के खिलाफ लड़ाई में एक सहयोगी के रूप में है।" तेजस्वी की यह बात न केवल व्यक्तिगत भावनाओं को दर्शाती है, बल्कि परिवारिक राजनीति के महत्व को भी उजागर करती है।

निशांत कुमार का राजनीतिक सफर

निशांत कुमार ने राजनीति में अपनी जाहिर उपस्थिति पहले ही बना ली थी। उन्होंने तेजस्वी यादव के साथ मिलकर कई सामाजिक मुद्दों पर काम किया है। उनके बारे में कहा जाता है कि वे एक उभरते हुए नेता हैं, जो युवा वोटर्स को आकर्षित करने में सक्षम हैं। तेजस्वी का समर्थन मिलने से उन्हें और दिशा मिल सकती है।

राजनीतिक संभावनाएँ

राजनीति में कनेक्शन का एक महत्वपूर्ण स्थान होता है। तेजस्वी यादव और निशांत कुमार का संबंध एक संभावित युवा नेता के रूप में निशांत की बढ़ती पहचान को गति दे सकता है। कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह गठबंधन आगामी चुनावों में उनके लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।

निष्कर्ष

तेजस्वी यादव और निशांत कुमार का यह संबंध कई आयामों में महत्वपूर्ण है। व्यक्तिगत जिंदगी में परिवार का साथ होना एक बात है, लेकिन राजनीति में यह संकेत भी करता है कि वे एकजुट होकर आगे बढ़ने का प्लान बना रहे हैं। आने वाले समय में ये दोनों कैसे अपनी ताकत को जोड़कर राजनीतिक सृजनात्मकता को बढ़ाएंगे, यह देखने लायक होगा।

राजनीति के इस नए अध्याय में तेजस्वी और निशांत का सहयोग एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। इसलिए, इस संबंध पर नजर रखना आवश्यक हो गया है।

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