UP में धार्मिक स्थलों के पास मीट बैन पर संजय सिंह बोले, 'योगी जी बातें करते हैं तो लगता है कि...'
Delhi Politics: उत्तर प्रदेश सरकार ने नवरात्रि के अवसर को देखते हुए धार्मिक स्थानों के 500 मीटर के दायरे में मीट की बिक्री पर बैन लगा दिया है और अवैध कसाईखानों को बंद करने के निर्देश दिए हैं. इस पर आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह की प्रतिक्रिया आई है. संजय सिंह ने कहा कि योगी दो चीजें और जोड़ लें. दारू की दुकानें और चिकन-मटन बेचने वाले मैकडॉनल्ड और केएफसी को भी बंद करा दें. संजय सिंह ने कहा, ''अच्छी बात है. इसमें दो चीजें और जोड़ लें. आसपास कोई रेस्तरां होगा जहां दारू बिकेगी चाहे बीजेपी की हो या किसी की हो, जहां मुर्गा-मछली बंद बनेगा जैसे कि मैकडोनाल्ड और केएफसी बंद कीजिए. योगी जी बातें करते हैं तो लगता है कि ड्रामा करते हैं. हिंदू धर्म में कहां लिखा है कि दारू पीना चाहिए. दारू की दुकानें क्यों खुली रहेंगी.'' #WATCH | Lucknow: On Uttar Pradesh government's order to close illegal slaughterhouses and ban the sale of meat within 500 metres of religious places, AAP MP Sanjay Singh says, "...Yogi Adityanath should add two more things to this. Nearby liquor shops and restaurants where meat… pic.twitter.com/SHCkZMmkN3 — ANI (@ANI) March 30, 2025 दारू की दुकानें भी कराइए बंद - संजय सिंह उन्होंने आगे कहा, ''यूपी में हाईवे पर पांच सौ मीटर में मंदिर, केएफसी, मैकडोनाल्ड भी मिलेगा. आप सब बंद कराइएगा. दारू की दुकानें भी हैं उन्हें बंद कराइए. दारू क्यों खुली रहेगा.'' पीएम मोदी के नागपुर दौरे पर क्या बोले? पीएम मोदी के नागपुर में आरएसएस मुख्यालय जाने पर उन्होंने कहा, "आरएसएस के 100 साल पूरे हो चुके हैं, लेकिन अब तक कोई दलित या पिछड़ा व्यक्ति उसका प्रमुख क्यों नहीं बना?" यूपी सरकार ने दिया है यह आदेश बता दें कि यूपी सरकार के आदेश के मुताबिक 6 अप्रैल को राम नवमी के अवसर पर प्रतिबंध का कड़ाई से पालन कराया जाएगा. यूपी के शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव अमृत अभिजात ने कहा कि सभी जिलों के डीएम, पुलिस कमिश्नर और नगर निगम आयुक्तों को जानकारी दे दी गई है कि वे धार्मिक स्थलों के करीब मीट की बिक्री पर रोक लगाएं. 2014 और 2017 के आदेशों का हवाला देते हए योगी आदित्यनाथ सरकार ने यह साफ कर दिया है कि धार्मिक स्थलों के नजदीक अवैध कसाईघर और मीट की बिक्री पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगी. इस फैसले को प्रभावी बनाने के लिए जिला स्तर पर कमेटियां बनाई गई हैं. जिसका नेतृत्व जिलों के डीएम करेंगे. इस कमेटी में पुलिस, पल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, पशु कल्याण विभाग, परिवहन विभाग, श्रम विभाग, स्वास्थ्य विभाग और खाद्य सुरक्षा प्रशासन के अधिकारी शामिल होंगे. (शाहनवाज खान के इनपुट के साथ)

UP में धार्मिक स्थलों के पास मीट बैन पर संजय सिंह बोले, 'योगी जी बातें करते हैं तो लगता है कि...'
लेखिका: सुषमा शर्मा, टीम नेतानगरी
परिचय
उत्तर प्रदेश में धार्मिक स्थलों के पास मीट बैन पर आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता संजय सिंह ने हाल ही में अपने विचार व्यक्त किए हैं। उनका कहना है कि जब योगी आदित्यनाथ जैसे नेता इस विषय पर बोलते हैं, तो ऐसा प्रतीत होता है कि वे केवल चुनावी वादे कर रहे हैं। संजय सिंह की यह टिप्पणी वर्तमान में चर्चा का विषय बन गई है, जिससे धार्मिक और सामाजिक मुद्दों पर सरकार की नीति को लेकर बहस छिड़ गई है।
क्या है मीट बैन का मुद्दा?
यूपी में योगी सरकार ने धार्मिक स्थलों के आसपास मीट और मांस के विक्रय पर पाबंदियाँ लगाई हैं। यह निर्णय धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए लिया गया था। हालांकि, इस फैसले ने कई लोगों को प्रभावित किया है, जिनमें विक्रेताओं से लेकर उपभोक्ताओं तक शामिल हैं। इससे पहले भी ऐसी पाबंदियाँ कई बार उठाई गई थी, लेकिन इस बार संजय सिंह के बयानों ने पूरे मामले को और गंभीर बना दिया है।
संजय सिंह का बयान
संजय सिंह ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "योगी जी जब इस मुद्दे पर बोलते हैं, तो ऐसा लगता है कि ये बातें केवल चुनावी प्रचार का हिस्सा हैं।" उन्होंने यह भी कहा कि अगर सरकार वास्तव में धार्मिक भावनाओं का सम्मान करना चाहती है, तो उसे इस विषय पर व्यापक सोच और योजना बनानी चाहिए।
धार्मिक और सामाजिक परिप्रेक्ष्य
संजय सिंह का बयान न केवल राजनीतिक बयान है, बल्कि यह एक सामाजिक मुद्दा भी उठाता है। यूपी की सांस्कृतिक विविधता को देखते हुए, यह जरूरी है कि सरकार सभी समुदायों की भावनाओं का सम्मान करे। मीट बैन से प्रभावित व्यवसायी वर्ग ने भी इस पर चिंता जताई है, क्योंकि यह उनकी आजीविका पर सीधा प्रभाव डाल रहा है।
क्या यह एक चुनावी चाल है?
एक ओर जहां संजय सिंह सरकार पर सवाल उठा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कई लोग इसे एक चुनावी चाल मानते हैं। यदि योगी सरकार इस नीति को बनाए रखती है, तो यह आगामी चुनावों में एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन सकता है। राजनीतिक दलों के बीच इस विषय पर संवाद और बहस होनी चाहिए, ताकि एक संतुलित और सभी के लिए स्वीकार्य निर्णय लिया जा सके।
निष्कर्ष
आखिरकार, यूपी में धार्मिक स्थलों के पास मीट बैन का मुद्दा न केवल राजनीति से जुड़ा है, बल्कि यह समाज के लिए एक महत्वपूर्ण विषय भी है। संजय सिंह के विचारों के माध्यम से इस बहस को वापिस आगे लाया गया है। हमें उम्मीद है कि सरकार इस मुद्दे पर समग्र और समाधान आधारित दृष्टिकोण अपनाएगी।
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