मिल्कीपुर में बीजेपी-सपा ने झोंकी पूरी ताकत, जानें सीएम योगी और अखिलेश यादव कब भरेंगे चुनावी हुंकार?

Milkipur Bypoll Election 2025: मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर प्रचार प्रसार अंतिम दौर में है. इस सीट पर 5 फरवरी को मतदान है. यहां मुख्य लड़ाई समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी में मानी जा रही है. वोटर्स को रिझाने के लिए सियासी दल कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. यही वजह है कि यहां पर लगातार सियासी दलों के स्टार प्रचारक पहुंच रहे हैं और अपनी पार्टी के पक्ष में प्रचार कर रहे हैं. सपा और बीजेपी की प्रतिष्ठा मिल्कीपुर उपचुनाव दांव पर लगी है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सांसद डिंपल यादव, प्रिया सरोज समेत समाजवादी पार्टी के कई कद्दावर नेता लगातार मिल्कीपुर में जनसभा और रोड शो कर प्रचार प्रसार कर रहे हैं. इसके उलट बीजेपी ने भी प्रदेश सरकार के सात मंत्री सहित 40 विधायकों को चुनाव मैदान में उतारा है. सीएम योगी करेंगे रोड शोफैजाबाद लोकसभा सीट पर मिली हार का बदला लेने के लिए बीजेपी ऐड़ी चोटी का जोर लगा रही है. यही वजह है कि प्रचार के अंतिम चरण में रविवार (2 फरवरी) को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मिल्कीपुर में जनसभा करेंगे और इसके अगले दिन यानी 3 फरवरी को रोड शो कर बीजेपी प्रत्याशी चंद्रभान पासवान के समर्थन प्रचार करेंगे. उपचुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह दौरा कई मायनों में काफी अहम माना जा रहा है. 2 फरवरी को होने वाली जनसभा और 3 फरवरी को विधानसभा क्षेत्र में रोड शो के जरिये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महाकुंभ में हुई भगदड़ समेत विपक्ष के अन्य आरोपों के जवाब देकर मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की कोशिश करेंगे. इसके लिए बीजेपी ने पहले से ही तैयारियां कर ली है. सपा भी 3 फरवरी को चुनाव प्रचार के आखिरी दिन पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव रोड शो करेंगे.  बीजेपी सपा ने कसी कमरबता दें, बीजेपी ने मिल्कीपुर उपचुनाव में चंद्रभान पासवान को मैदान में उतारा है, जबकि समाजवादी पार्टी ने फैजाबाद सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को चुनावी रण में उतारा है. कांग्रेस ने सपा प्रत्याशी को समर्थन देने का ऐलान का किया, दूसरी तरफ बीएसपी ने यहां से कोई प्रत्याशी मैदान में नहीं उतारा है. बीजेपी और सपा प्रत्याशी एक ही जाति के हैं, ऐसे में बीजेपी ने सपा के पीडीए समीकरण की काट के रुप में चंद्रभान पासवान को प्रत्याशी बनाया है. चुनाव प्रचार के अंतिम चरण में सीएम योगी आदित्यनाथ और सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव अपने प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित करने के लिए रोड शो के जरिये अंतिम कील ठोंकने का काम करेंगे. मिल्कीपुर उपचुनाव के लिए 5 फरवरी को मतदान होगा और 8 फरवरी को नतीजों का ऐलान किया जाएगा. ये भी पढ़ें: Milkipur By Election: मिल्कीपुर में मतदान से चार दिन पहले सपा ने चुनाव आयोग को लिखी चिट्ठी, लगाए गंभीर आरोप

Feb 2, 2025 - 00:37
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मिल्कीपुर में बीजेपी-सपा ने झोंकी पूरी ताकत, जानें सीएम योगी और अखिलेश यादव कब भरेंगे चुनावी हुंकार?
मिल्कीपुर में बीजेपी-सपा ने झोंकी पूरी ताकत, जानें सीएम योगी और अखिलेश यादव कब भरेंगे चुनावी हुंकार?

मिल्कीपुर में बीजेपी-सपा ने झोंकी पूरी ताकत, जानें सीएम योगी और अखिलेश यादव कब भरेंगे चुनावी हुंकार?

Netaa Nagari

चुनावों का मौसम आते ही प्रदेश के राजनीतिक दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। यूपी के मिल्कीपुर क्षेत्र में बीजेपी और सपा दोनों ही दल अपने-अपने उम्मीदवारों के लिए मतदाताओं को रिझाने में जुटे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने इस क्षेत्र में अपनी चुनावी गतिविधियों को तेज कर दिया है। इस बीच, यह जानना बेहद जरूरी है कि ये नेता कब अपनी चुनावी हुंकार भरने वाले हैं।

सीएम योगी का मिल्कीपुर दौरा

बीजेपी की ओर से सीएम योगी आदित्यनाथ हाल ही में मिल्कीपुर का दौरा कर चुके हैं। उन्होंने यहां जनसभा में अपनी योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने प्रदेश में कानून व्यवस्था को सुदृढ़ किया है। साथ ही, उन्होंने विकास के मुद्दे पर भी खुलकर बात की। उनकी भव्य जनसभा में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए, जहाँ उन्होंने पीएम मोदी की योजनाओं को भी रेखांकित किया।

अखिलेश यादव की रणनीति

दूसरी ओर, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी अपनी रणनीति को धार देना शुरू कर दिया है। उन्होंने मिल्कीपुर क्षेत्र में भाजपा की नीतियों पर सवाल उठाते हुए विकास को एक मज़बूत आधार बताया। अखिलेश ने जनसभा में यह घोषणा की कि वे जल्द ही अपने उम्मीदवार की घोषणा करेंगे, जिससे क्षेत्र के लोगों के बीच उत्साह का माहौल है। उनके समर्थक भी सोशल मीडिया पर तगड़ा प्रचार कर रहे हैं।

राजनीतिक माहौल और चुनावी समीकरण

मिल्कीपुर का राजनीतिक माहौल अभी गर्म है। दोनों दलों की कोशिश है कि वे इस बार अपने-अपने गढ़ में अपनी हिस्सेदारी मजबूत करें। 2017 के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने यहाँ पर जीत हासिल की थी। लेकिन अब उत्तर प्रदेश के राजनीतिक हालात काफी बदल चुके हैं। पार्टी के भीतर भी टिकट के लिए जंग छिड़ी हुई है। ऐसे में, लोग जानना चाहेंगे कि योगी और अखिलेश कब चुनावी मोर्चे पर अपनी पूरी ताकत झोंकेंगे।

चुनाव में संभावित घटनाक्रम

विशेषज्ञों की मानें तो यह संभावना है कि सीएम योगी आदित्यनाथ अगले महीने के अंत में चुनावी रैली करेंगे, जबकि अखिलेश यादव इसी बीच अपनी जनसभाओं का विस्तार करने की योजना बना रहे हैं। चुनावी तालमेल बनाना और रणनीतिक रूप से मतदाताओं को रिझाना इन दोनों नेताओं की प्राथमिकता रहेगी।

निष्कर्ष

मिल्कीपुर की चुनावी जंग में बीजेपी और सपा के बीच की टक्कर दिलचस्प होगी। इस बार का चुनाव सिर्फ मौजूदा सरकार का प्रदर्शन नहीं, बल्कि मतदाताओं की इच्छाओं और उम्मीदों का भी परीक्षण होगा। अब देखना होगा कि इन दोनों नेताओं की चुनावी हुंकार कब सुनाई देती है और किस तरह से यह क्षेत्र चुनावी परिणामों को प्रभावित करता है।

Netaa Nagari टीम

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