MCD सदन में भारी हंगामा, मेयर की टेबर पर खड़े हुए BJP पार्षद, एजेंडा का कागज फाड़ा
MCD News: दिल्ली विधानसभा सत्र में हंगामे के बाद एमसीडी में भी भारी भरकम बवाल हुआ है. मंगलवार (25 फरवरी) को बीजेपी के पार्षदों ने एजेंडा के कागज फाड़ कर फेंक दिए. इतना ही नहीं, माइक भी उठा कर फेंक दिया गया. बीजेपी के पार्षद मेयर की टेबलपर जाकर खड़े हो गए. बवाल की तस्वीरें कैमरा में कैद हो गई हैं. बताया जा रहा है कि आम आदमी पार्टी के पार्षदों के हाथ में नीले रंग के पोस्टर/ बैनर नज़र आए.

MCD सदन में भारी हंगामा, मेयर की टेबर पर खड़े हुए BJP पार्षद, एजेंडा का कागज फाड़ा
Netaa Nagari
लेखक: प्रिया शर्मा, टीम नेतानगरी
परिचय
दिल्ली नगर निगम (MCD) के सदन में एक बार फिर से विवाद ने जोर पकड़ लिया, जब BJP के पार्षदों ने मेयर की टेबल पर खड़े होकर जोरदार हंगामा किया। इस मौके पर उन्होंने सदन में चर्चा के लिए रखा गया एजेंडा का कागज फाड़ दिया। इस घटना ने राजनीतिक माहौल को और गरमा दिया है और इसे लेकर शहर भर में चर्चा हो रही है।
घटना का ब्यौरा
मंगलवार को MCD के सदन में BJP के पार्षदों ने मेयर के सामने आकर अपने विरोध का इजहार किया। उनका कहना था कि प्रशासन की नीतियों में उदासीनता और जनहित के मुद्दों की अनदेखी की जा रही है। इस दौरान पार्षदों ने मेयर की टेबल पर चढ़कर हंगामा किया और एजेंडा का कागज फाड़ दिया, जिससे सदन में अफरा-तफरी मच गई।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
इस हंगामे पर विभिन्न राजनीतिक दलों ने तीखी प्रतिक्रियाएं व्यक्त की हैं। कांग्रेस और आप पार्टी ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वे सदन में सामंजस्य स्थापित करने के बजाय हलचल पैदा कर रहे हैं। भाजपा नेताओं ने अपनी सफाई दी कि वे केवल जनहित के लिए अपनी आवाज़ उठाते हैं और उनकी मांगें जायज़ हैं।
सदन का माहौल
सदन में इस प्रदर्शन के बावजूद, कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर चर्चा जारी रही। मेयर ने हंगामे के बीच स्थिति को काबू में रखने की कोशिश की। लेकिन राजनीतिक परिदृश्य में बढ़ती गर्माहट को देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि आने वाले दिनों में यह विवाद और बढ़ सकता है।
समाज पर प्रभाव
इस घटनाक्रम का समाज पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। जनता इस हंगामे को गंभीरता से ले रही है और यह सोचने को मजबूर हो रही है कि क्या नेताओं की ये हरकतें वास्तव में उनके मुद्दों को उठाने का एक सही तरीका है। नागरिकों की भावना यह है कि नेताओं को सदन में शांति बनाकर रखनी चाहिए और गंभीरता से मुद्दों पर चर्चा करनी चाहिए।
निष्कर्ष
MCD सदन में हुए इस हंगामे ने एक बार फिर से राजनीति का ड्रामा सामने ला दिया है। जनता अब यह देखना चाहती है कि नेताओं के इस आचरण का क्या परिणाम होगा। क्या यह केवल एक चेहरा है या फिर यह एक बड़ी राजनीतिक लड़ाई का संकेत है? सभी नजरें अब MCD सदन पर हैं। हंगामे के इस घटनाक्रम पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
कम शब्दों में कहें तो, यह घटना राजनीति में अराजकता और जनहित के मुद्दों के प्रति असंवेदनशीलता को दर्शाती है।
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