'मार्क्स नहीं आएगा काम आएगा तो सिर्फ...', DU टॉपर को नहीं मिली इंटर्नशिप, रिजेक्शन झेलने के बाद लिखी दिल की बात

किसी भी इंसान का असल जीवन पढ़ाई के बाद ही शुरू होता है। जब वह हाथ में अपनी डिग्रियां लिए कंपनियों के पास नौकरी के लिए जाता है, तब उसे पता चलता है कि जिस चीज के लिए उसने जी तोड़ मेहनत कर पढ़ाई की वह अब बस एक मात्र कागज का टुकड़ा रह गया है।

Apr 22, 2025 - 12:37
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'मार्क्स नहीं आएगा काम आएगा तो सिर्फ...', DU टॉपर को नहीं मिली इंटर्नशिप, रिजेक्शन झेलने के बाद लिखी दिल की बात
'मार्क्स नहीं आएगा काम आएगा तो सिर्फ...', DU टॉपर को नहीं मिली इंटर्नशिप, रिजेक्शन झेलने के बाद लिखी दिल की बात

मार्क्स नहीं आएगा काम आएगा तो सिर्फ..., DU टॉपर को नहीं मिली इंटर्नशिप, रिजेक्शन झेलने के बाद लिखी दिल की बात

Netaa Nagari द्वारा, साक्षी वर्मा

दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) में पढ़ाई कर रहे छात्रों का एक वर्ग न केवल अच्छे अंकों के लिए मेहनत करता है, बल्कि वे अपने भविष्य के लिए भी गंभीरता से सोचते हैं। हाल ही में, DU के एक टॉपर ने इंटर्नशिप के लिए आवेदन किया लेकिन उन्हें कई रिजेक्शन का सामना करना पड़ा। इस घटनाक्रम ने उसे अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए प्रेरित किया।

अच्छे अंक और इंटर्नशिप की कठिनाई

आज के प्रतिस्पर्धात्मक युग में, सिर्फ अच्छे अंक होना ही काफी नहीं है। बहुत से छात्रों को यह बात समझ में आ रही है कि मार्क्स होना केवल एक प्रारंभिक कदम है। DU के इस टॉपर ने अपनी कहानी साझा करते हुए कहा, "मार्क्स कभी काम नहीं आएगा, काम आएगा तो सिर्फ सच का सामना करना।" उन्होंने कई प्रतिष्ठित कंपनियों में इंटर्नशिप के लिए आवेदन किया, लेकिन हर बार रिजेक्शन का सामना करना पड़ा।

दिल की बात क्या है?

रिजेक्शन के बाद, उन्होंने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा, "यह कोई आसान नहीं है। हमें बहुत मेहनत करने के बाद भी रिजेक्ट होना पड़ रहा है।" उनके अनुसार, कॉलेज के दिनों में तो हमें केवल अंक हासिल करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, लेकिन असल जीवन में यह चीजें बहुत अलग हैं। इंटर्नशिप के लिए केवल ज्ञान होना ही काफी नहीं है, बल्कि नेटवर्किंग और अवसर के मिलने की भी जरूरत है।

समाज में बदलाव की आवश्यकता

इस टॉपर की कहानी से यह दिखाई देता है कि कैसे हमारे समाज को मार्क्स की बजाय कौशलों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। हमें यह समझने की आवश्यकता है कि योग्य उम्मीदवार ऐसे होते हैं, जो न केवल अच्छे अंक लाते हैं, बल्कि उन्हें व्यावहारिक ज्ञान भी हो। उनके अनुसार, "हमें मार्क्स के नंबर से ज्यादा अनुभव और ज्ञान पर ध्यान देना चाहिए।"

निष्कर्ष

DU के इस टॉपर की कहानी हमें यह सिखाती है कि केवल अंक हासिल करना ही सब कुछ नहीं है। काम में सफलता पाने के लिए कई तरह के कौशल और अनुभव की आवश्यकता होती है। यदि आप भी इस समस्या का सामना कर रहे हैं, तो कभी हार न मानें। अपनी मेहनत और धैर्य को बनाए रखें, क्योंकि आपकी मेहनत एक दिन रंग लाएगी।

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