'राजीव गांधी के लिए ऐसा बयान कोई सिरफिरा ही दे सकता है', मणिशंकर अय्यर पर अशोक गहलोत का तीखा हमला

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मणिशंकर अय्यर पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने अय्यर को सिरफिरा तक कह डाला।

Mar 6, 2025 - 20:37
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'राजीव गांधी के लिए ऐसा बयान कोई सिरफिरा ही दे सकता है', मणिशंकर अय्यर पर अशोक गहलोत का तीखा हमला
'राजीव गांधी के लिए ऐसा बयान कोई सिरफिरा ही दे सकता है', मणिशंकर अय्यर पर अशोक गहलोत का तीखा हमला

राजीव गांधी के लिए ऐसा बयान कोई सिरफिरा ही दे सकता है', मणिशंकर अय्यर पर अशोक गहलोत का तीखा हमला

Netaa Nagari - इस हफ्ते भारतीय राजनीति में एक बार फिर विवाद का दौर चल पड़ा है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर के राजीव गांधी पर दिए गए बयान की कड़ी निंदा की है। गहलोत ने कहा, "राजीव गांधी के लिए ऐसा बयान कोई सिरफिरा ही दे सकता है।" यह बयान अय्यर ने हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान दिया था, जिसमें उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के राजनीतिक कार्यों को लेकर सवाल उठाए थे।

गहलोत का प्रतिक्रिया: एक नेता की जिम्मेदारी

अशोक गहलोत द्वारा मणिशंकर अय्यर के बयान पर की गई टिप्पणी का मतलब है कि पार्टी के अंदर भी कभी-कभी विचारों का टकराव हो सकता है। गहलोत ने यह भी कहा कि हर नेता को अपने बातों का ध्यान रखना चाहिए। ऐसे बयानों से कांग्रेस पार्टी को अधिक नुकसान पहुंच सकता है।

मणिशंकर अय्यर का बयान: विवाद का मूल

अय्यर ने राजीव गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए कहा था कि उनकी नीतियों ने देश को आर्थिक रूप से कमजोर किया है। उन्होंने आधुनिक भारत के निर्माण में राजीव गांधी के योगदान को नकारते हुए तंज कसा। इस बयान ने न केवल कांग्रेस पार्टी के भीतर नाराजगी पैदा की है, बल्कि दूसरे राजनीतिक दलों में भी चर्चाओं का विषय बन गया है।

क्या हैं बीजेपी और अन्य विपक्षी दलों की प्रतिक्रियाएँ?

बीजेपी के नेता इस बयान का लाभ उठाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने इसे कांग्रेस पार्टी में बढ़ती गुटबाजी और विचारधारा की कमी मानते हुए आलोचना की। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अय्यर का यह बयान कांग्रेस के लिए एक बड़ा संकट बन सकता है।

निष्कर्ष: कांग्रेस को तोड़ने का प्रयास?

अशोक गहलोत की तीखी प्रतिक्रिया यह दर्शाती है कि कांग्रेस पार्टी में अभी भी अंदरूनी मतभेद हैं। यह स्थिति पार्टी के लिए शुभ संकेत नहीं है। क्या मणिशंकर अय्यर का यह बयान पार्टी के विकास को बाधित करेगा? इसे समय ही बताएगा। ऐसे में अब कांग्रेस को एकजुट रहकर आने वाले चुनावों की तैयारियों में जुट जाना चाहिए।

राजनीतिक बयानबाजी की इस दौड़ में, सरकारी नीतियों और विकास कार्यों पर ध्यान केंद्रित करना जरूरी है। अंततः, यह जनता का विश्वास ही है जो चुनावों में निर्णायक भूमिका निभाता है।

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