हिमाचल में चंडीगढ़-दिल्ली के टूरिस्टों का बीच सड़क हंगामा:पेशेंट लेकर जा रही एम्बुलेंस को रास्ता नहीं दिया; फॉर्च्यूनर-ट्रैवलर का 66 हजार का चालान
हिमाचल के लाहौल स्पीति में फॉर्च्यूनर और टेम्पो ट्रैवलर के ड्राइवरों में पास देने को लेकर बहस हो गई। हुर्लिंग दोनों वाहनों में सवार लोग काफी देर तक बीच सड़क पर झगड़ते रहे। उन्होंने पेशेंट लेकर आ रही एम्बुलेंस को भी रास्ता नहीं दिया। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। फॉर्च्यूनर में दिल्ली के टूरिस्ट सवार थे। जबकि, टेम्पो ट्रैवलर में चंडीगढ़ के टूरिस्ट थे। पुलिस ने जांच की तो फॉर्च्यूनर का ड्राइवर नशे में मिला। उसने गाड़ी में हूटर और ब्लैक फिल्म भी लगाई हुई थी। जब टेम्पो ट्रैवलर की जांच की तो उसका इंश्योरेंस और पॉल्यूशन सर्टिफिकेट खत्म था। पुलिस ने ट्रैवलर का 21 हजार का चालान कर इंपाउंड कर लिया। साथ ही फॉर्च्यूनर गाड़ी का 45 हजार रुपए का चालान किया। इसके अलावा, रजिस्ट्रेशन लाइसेंस ऑथोरिटी (RLA) से शराब पीकर गाड़ी चलाने को लेकर लाइसेंस भी रद्द करने की सिफारिश की। 3 पॉइंट्स में समझिए पूरा विवाद... SHO बोले- दोनों गाड़ी के चालान काटे लाहौल स्पीति थाने के SHO जगदीश ने बताया कि पुलिस ने फॉर्च्यूनर गाड़ी में ब्लैक शीशे लगाने, शराब पीकर गाड़ी चलाने, एम्बुलेंस का रास्ता रोकने और हूटर लगाने को लेकर मोटर व्हीकल एक्ट की अलग-अलग धाराओं में चालान कर दिया है। उन्होंने बताया कि RLA को फॉर्च्यूनर गाड़ी के ड्राइवर का लाइसेंस रद्द करने को भी लिख दिया गया है। ट्रैवलर का भी 21 हजार का चालान किया गया है। डॉक्यूमेंट पूरे न मिलने पर उसे इंपाउंड कर लिया है।

हिमाचल में चंडीगढ़-दिल्ली के टूरिस्टों का बीच सड़क हंगामा: पेशेंट लेकर जा रही एम्बुलेंस को रास्ता नहीं दिया; फॉर्च्यूनर-ट्रैवलर का 66 हजार का चालान
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हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति में हाल ही में एक असामान्य और चिंताजनक घटना घटी, जिसमें चंडीगढ़ और दिल्ली के टूरिस्टों के बीच सड़क पर हंगामा हो गया। यह घटना तब हुई जब पेशेंट लेकर जा रही एक एम्बुलेंस को रास्ता नहीं दिया गया, जो कि मानवता की दृष्टि से एक गंभीर मसला है। इस विवाद में जुड़े वाहनों के ड्राइवरों के बीच बहस इतनी बढ़ गई कि यह मामला पुलिस तक पहुँच गया।
सड़क पर हुए विवाद की पड़ताल
घटना की शुरुआत तब हुई जब एक फॉर्च्यूनर और एक टेम्पो ट्रैवलर के ड्राइवरों में पास देने को लेकर बहस हुई। दोनों के बीच झगड़ा काफी देर तक चलता रहा, जिसके कारण एम्बुलेंस को भी रुकना पड़ा। घटना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची, जहां उन्होंने पता लगाया कि फॉर्च्यूनर में दिल्ली के टूरिस्ट सवार थे जबकि टेम्पो ट्रैवलर में चंडीगढ़ के टूरिस्ट थे। पुलिस ने बताया कि फॉर्च्यूनर के ड्राइवर को नशे की हालत में पाया गया, जिसमें हूटर भी लगा था और वाहन की खिड़कियों पर ब्लैक फिल्म भी थी।
पुलिस कार्रवाई और चालान
पुलिस ने दोनों वाहन के ड्राइवरों के खिलाफ कई धाराओं में आरोप लगाए हैं। फॉर्च्यूनर के ड्राइवर को शराब पीकर गाड़ी चलाने और एम्बुलेंस का रास्ता रोकने की वजह से मोटर व्हीकल एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत 45,000 रुपए का चालान किया गया। दूसरी ओर, टेम्पो ट्रैवलर का चालान 21,000 रुपए का किया गया क्योंकि उसके पास आवश्यक दस्तावेज, जैसे कि इंश्योरेंस और पॉल्यूशन सर्टिफिकेट नहीं थे। इस तरह, दोनों गाड़ियों के चालान मिलाकर कुल चालान 66,000 रुपए बना।
हमारा दृष्टिकोण
यह घटना केवल सड़क पर हुए हंगामे तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज में बढ़ते असंवेदनशीलता की ओर भी इशारा करती है। जबकि लोग एक दूसरे पर उंगली उठाते रहते हैं, हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि एम्बुलेंस के लिए रास्ता देना केवल कानून का पालन नहीं, बल्कि मानवता का आधार भी है। ऐसे समय में जब जीवन और मृत्यु का सवाल हो, यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम सभी अपने कर्तव्यों को समझें और सही निर्णय लें।
निष्कर्ष
इस घटना ने यह साबित कर दिया कि सड़क पर अनुशासन बनाए रखना न केवल ड्राइवरों की जिम्मेदारी है, बल्कि समाज की भी एक जिम्मेदारी होनी चाहिए। उम्मीद है कि इस घटना के बाद लोग सड़कों पर अधिक जागरूक और संवेदनशील बनेंगे। चंडीगढ़ और दिल्ली के टूरिस्टों के मध्य यह विवाद एक सीख भी है कि हमें हमेशा दूसरों के प्रति समझदारी और सहयोग की भावना रखनी चाहिए।
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