माथे पर मटका, साड़ी पहने जिला परिषद के दफ्तर पहुंचे सरपंच मंगेश साबले, पानी को लेकर किया अनोखा प्रदर्शन
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में गेवराई पैगा के सरपंच मंगेश साबले पानी को लेकर अपने अनोखे आंदोलन को लेकर चर्चा में हैं. गांव में पानी नहीं मिलने के कारण पुरुष सरपंच मंगेश साबले साड़ी पहनकर जिला परिषद में प्रदर्शन करने पहुंचे. सरपंच महिला का भेष बनाकर जिला परिषद दफ्तर पहुंचे और अपने गांव में पानी उपलब्ध कराने की मांग रखी. महिलाएं घर के काम में व्यस्त होने के चलते प्रदर्शन में नहीं आईं. गांव की महिलाओं का प्रतिनिधत्व करते हुए सरपंच अकेले ही साड़ी पहनकर माथे पर पानी का मटका लेकर जिला परिषद ऑफिस पहुंचीं. वो पूरी तरह से महिला की भेष में थे, साड़ी पहनने के साथ माथे पर बिंदी भी लगाई थी. इस तरह से विरोध जताने का उनका वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. पानी को लेकर सरपंच मंगेश साबले का अनोखा विरोध दरअसल, गांव में पानी नहीं मिलने के कारण सरपंच मंगेश साबले ने यह हरकत की है ताकि जिला परिषद कार्यालय जाग सके. सरपंच मंगेश साबले ने पानी के मुद्दे पर प्रदेश के सरकारी तंत्र पर जमकर अपनी भड़ास निकाली. सरपंच ने जलजीवन मिशन योजना को लेकर मंत्रियों के साथ सरकारी कर्मचारियों को घेरते हुए मटके में रखा हुआ पानी हाथ में लिए हुए कागजात पर उड़ेल दिया और विरोध जताया. उन्होंने जल जीवन मिशन की समीक्षा करने की मांग की. साबले ने जला दी थी अपनी कार इससे पहले मंगेश साबले साबले ने मराठा आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शन करते हुए अपनी ही कार जला दी थी. मराठा आंदोलनकारी मनोज जारांगे पाटिल के विरोध प्रदर्शन पर लाठीचार्ज के बाद मराठा आरक्षण का मुद्दा राज्य भर में गर्म हो गया था. इस बीच मंगेश साबले ने भी मराठा आरक्षण को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था. उन्होंने मराठा आरक्षण की मांग करते हुए सीधे तौर पर अपनी ही कार जला दी थी. इससे पहले उन्होंने एक सरकारी दफ्तर के सामने पैसे भी फेंके थे. इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. ये भी पढ़ें: बजट से महाराष्ट्र को कैसे और कितना मिलेगा फायदा? डिप्टी CM एकनाथ शिंदे ने बताई पूरी गणित

माथे पर मटका, साड़ी पहने जिला परिषद के दफ्तर पहुंचे सरपंच मंगेश साबले, पानी को लेकर किया अनोखा प्रदर्शन
परिचय
पानी की किल्लत से जूझते ग्रामीणों की समस्या को लेकर एक अनोखा प्रदर्शन हुआ है। हाल ही में, सरपंच मंगेश साबले ने जिला परिषद कार्यालय में एक विशेष अंदाज में अनोखा प्रदर्शन किया। माथे पर मटका और साड़ी पहनकर पहुंचे मंगेश साबले ने सबका ध्यान खींचा, और पानी की समस्याओं को उजागर किया।
क्या था यह प्रदर्शन?
सरपंच मंगेश साबले ने इस प्रदर्शन का आयोजन पानी की किल्लत और उसकी बर्बादी के खिलाफ किया। उन्होंने साड़ी पहनकर और माथे पर मटका लेकर यह संदेश दिया कि पानी की अहमियत को समझा जाए। उनका कहना था कि पानी अब सिर्फ एक साधन नहीं, بلکہ हमारी जीवन रेखा है। इस प्रदर्शन की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं।
पानी की किल्लत का मुद्दा
गांवों में पानी की घातक कमी एक गंभीर समस्या बन चुकी है। सरपंच साबले के अनुसार, पिछले कुछ महीनों में पानी की गंभीर कमी अनुभव की जा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि वे पानी की सही मात्रा नहीं पा रहे हैं, और कई बार तो उन्हें नदियों और कुंडों से पानी लाने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है।
सरपंच का प्रेरणादायक कदम
यह प्रदर्शन केवल एक सांकेतिक प्रदर्शन नहीं था, बल्कि यह एक चेतावनी भी थी। मंगेश साबले ने जिला परिषद के अधिकारियों से मांग की कि जल संरक्षण की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएं। उन्होंने जल संचयन के लिए नई योजनाओं और जल संचयन हेतु संसाधनों के विकास की भी बात की।
समाज का सहयोग
सरपंच साबले के इस अनोखे प्रदर्शन को देखने के लिए स्थानीय लोग जुटे। उनका यह प्रयास न केवल ग्रामीणों को प्रेरित करता है, बल्कि समाज में जल संरक्षण के प्रति जागरूकता भी बढ़ाता है। इस प्रकार के आंदोलनों की जरूरत है ताकि हम सभी मिलकर जल संकट को मात दे सकें।
निष्कर्ष
सरपंच मंगेश साबले का यह प्रदर्शन यह दर्शाता है कि जब एक व्यक्ति पहल करता है, तो समाज में बदलाव लाने की क्षमता होती है। पानी केवल एक संसाधन नहीं, बल्कि जीवन की एक अनिवार्यता है। इस प्रकार की जैसे ही जागरूकता बढ़ेगी, हम जल संकट के खिलाफ एक मजबूत मोर्चा बना पाएंगे।
इस तरह के प्रदर्शन हमारे समाज में जागरूकता और उत्साह बढ़ाते हैं। हमें चाहिए कि हम सभी मिलकर जल संरक्षण की दिशा में कदम उठाएं और अपने आसपास के लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करें।
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