महाराष्ट्र में लाडकी बहिन योजन बंद होगी? जानिए क्या बोले फडणवीस सरकार में मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा
महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति सरकार ने लाडकी बहिन योजना के तहत बहनों को 1500 की जगह 2100 रुपये प्रतिमाह देने का वादा किया गया था।

महाराष्ट्र में लाडकी बहिन योजन बंद होगी? जानिए क्या बोले फडणवीस सरकार में मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा
लेखिका: नेहा शर्मा, टीम नेता नगरी
महाराष्ट्र की लोकप्रिय लाडकी बहिन योजना को लेकर राजनीति में हलचल मची हुई है। इस योजना का उद्देश्य राज्य में लड़कियों के विकास को बढ़ावा देना है, लेकिन सरकार ने हाल ही में इसे बंद करने की बात कही है। आइए जानते हैं इस विषय पर फडणवीस सरकार के मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने क्या कहा है।
क्या है लाडकी बहिन योजना?
लाडकी बहिन योजना का उद्घाटन 2017 में किया गया था। यह योजना विशेष रूप से लड़कियों की शिक्षा और स्वास्थ्य पर केंद्रित है। इसके अंतर्गत, लड़कियों को शैक्षिक सहायता, स्कॉलरशिप और विशेष कार्यक्रमों का लाभ दिया जाता था। योजना ने लाखों लड़कियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का कार्य किया है।
मंगल प्रभात लोढ़ा का बयान
हाल ही में एक संवाददाता सम्मेलन में, मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने लाडकी बहिन योजना के बारे में कहा, "सरकार हमेशा महिलाओं के अधिकारों के प्रति संवेदनशील रही है। हालांकि, इस योजना को बंद करने का विचार हमारी नई नीतियों से जुड़ा है। हम चाहते हैं कि योजना के लाभ की पुनरावृत्ति होती रहे, लेकिन हमें इस बात पर भी ध्यान देना होगा कि देश की आर्थिक स्थिति को कैसे सुधारें।"
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
मंत्री के इस बयान के बाद से राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएँ भी सामने आने लगी हैं। विपक्ष ने इसे जनविरोधी कदम बताते हुए विरोध जताया है। कांग्रेस नेता ने कहा, "लाडकी बहिन योजना जैसी योजनाएं महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक हैं। इन्हें बंद करना गलत है।"
लोगों की उम्मीदें
राज्य की आम जनता भी इस योजना को लेकर चिंतित है। कई समाज सेवियों ने अपील की है कि सरकार को इस योजना को बंद नहीं करना चाहिए। समाज सेविका सुषमा तिवारी ने कहा, "लाड़की बहिन योजना ने हमारी लड़कियों को आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा दी है। इसे बंद करने से उनके भविष्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।"
निष्कर्ष
महाराष्ट्र में लाडकी बहिन योजना को बंद करने की बात ने न केवल राजनीतिक माहौल को गर्माया है, बल्कि समाज में भी चिंता की लहर दौड़ा दी है। भले ही मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने आर्थिक कारणों का हवाला दिया हो, लेकिन यह स्पष्ट है कि योजनाओं का एक अच्छा असर समाज और महिलाओं के जीवन में होता है। देखना यह होगा कि सरकार इस पर क्या कदम उठाती है।
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