भगदड़ के बाद रेलवे ने 29 जनवरी को प्रयागराज से 364 ट्रेन चलाई, रेल मंत्री बोले- 'लगभग 12 लाख लोगों को बाहर निकाला'
महाकुंभ मेले की पूरी अवधि के दौरान रेलवे ने करीब 13,450 ट्रेनें चलाने की योजना बनाई है, जिनमें 10,028 नियमित ट्रेनें और 3,400 से अधिक विशेष ट्रेनें शामिल हैं। रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे सेवाओं की मदद से करीब 12 लाख श्रद्धालु अपने गंतव्य तक पहुंच चुके हैं।

भगदड़ के बाद रेलवे ने 29 जनवरी को प्रयागराज से 364 ट्रेन चलाई, रेल मंत्री बोले- 'लगभग 12 लाख लोगों को बाहर निकाला'
Netaa Nagari
लेखिका: साक्षी शर्मा, टीम Netaa Nagari
भावनाओं का ज्वार और रेलवे का बयान
29 जनवरी को प्रयागराज में हुए एक बड़े आयोजन के दौरान भगदड़ के कारण रेलवे ने आपातकालीन उपाय किए। रेल मंत्री ने बताया कि लगभग 12 लाख लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया, लेकिन रेलवे ने अपनी तत्परता और मुस्तैदी दिखाते हुए 364 ट्रेनें चलायीं।
घटना का विस्तार
प्रयागराज में आयोजित माघ मेला स्थल पर लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ थी। भगदड़ की स्थिति उत्पन्न होने के बाद, रेलवे ने तुरंत निर्णय लिया और राहत कार्य शुरू किए। रेल मंत्री ने कहा, "हमने तुरंत ट्रेनों का संचालन शुरू किया ताकि किसी भी यात्री को परेशानी न हो।"
सुरक्षा मानकों में वृद्धि
रेलवे ने ि़गति के लिए सुरक्षा मानकों को बढ़ाने की योजनाएँ बनाई हैं। भगदड़ की घटना के बाद, रेलवे सुरक्षा बल ने स्टेशन और ट्रेनों में अधिक संसाधनों और कर्मचारियों की तैनाती की। इसके अलावा, रेलवे ने यात्रियों से अपील की है कि वे सहयोग करें और स्थिति को संभालने में मदद करें।
प्रभावित यात्रियों के कथन
घटना के बाद कई यात्रियों ने अपनी परेशानियों को साझा किया। एक यात्री ने कहा, "हम सभी भयभीत थे, लेकिन रेलवे ने हमें सही समय पर सहायता प्रदान की। अलग-अलग ट्रेनों में यात्रियों की भारी संख्या थी, लेकिन रेलवे के कर्मचारियों ने हमारी मदद की।"
भविष्य की योजनाएं
रेलवे ने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने का आश्वासन दिया है। रेलवे मंत्री ने कहा, "हम सुधारात्मक उपायों पर काम कर रहे हैं और आने वाले समय में यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे।"
निष्कर्ष
भगदड़ के बावजूद, भारतीय रेलवे ने अपनी कुशलता और तत्परता से एक बड़ा संकट संभाला। रेलवे मंत्रालय की यह पहल ना केवल यात्रियों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि इसके द्वारा यात्रा को सहज और सुरक्षित बनाना भी लक्ष्य है। इस घटना से हम सबको यह सीख मिलती है कि जब हम एकजुट होते हैं, तो कोई भी समस्या कठिन नहीं होती।
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