28 साल में एक योजना नहीं लागू कर पाई पंजाब सरकार, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार, कहा- यह शर्मनाक

पंजाब प्राइवेटली मैनेज्ड एफिलिएटेड एंड पंजाब गवर्नमेंट एडेड कॉलेज पेंशनरी बेनिफिट्स स्कीम 18 दिसंबर, 1996 को जारी की गई थी। हालांकि, अब तक इसे लागू नहीं किया गया है। इसी मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार लगाई है।

Mar 24, 2025 - 20:37
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28 साल में एक योजना नहीं लागू कर पाई पंजाब सरकार, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार, कहा- यह शर्मनाक
28 साल में एक योजना नहीं लागू कर पाई पंजाब सरकार, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार, कहा- यह शर्मनाक

28 साल में एक योजना नहीं लागू कर पाई पंजाब सरकार, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार, कहा- यह शर्मनाक

लेखिका: सुमित्रा शर्मा, टीम नेतानागरी

पंजाब सरकार पर सुप्रीम कोर्ट की कड़ी नाराजगी सामने आई है। अदालत ने हाल ही में कहा कि पंजाब सरकार ने पिछले 28 सालों में एक भी योजना को सफलतापूर्वक लागू नहीं किया है। यह निर्णय न केवल पंजाब की राजनीति को बल्कि समस्त प्रशासनिक तंत्र पर भी सवाल उठाता है।

सुप्रीम कोर्ट की observations

सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी एक मामले की सुनवाई के दौरान की, जिसमें राज्य सरकार द्वारा योजनाओं के कार्यान्वयन का जिक्र हुआ। न्यायालय ने कहा कि यह बहुत शर्मनाक है कि पंजाब सरकार अपने नागरिकों के लिए बुनियादी सेवाएं भी नहीं प्रदान कर पा रही है। खासकर, जब केंद्र सरकार विभिन्न योजनाओं के तहत राज्यों को मदद प्रदान कर रही है।

क्या हैं मुख्य आज्ञाएँ?

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया कि वह एक समर्पित रणनीति तैयार करें जिससे उन योजनाओं को लागू किया जा सके जो नागरिकों के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। अदालत का स्पष्ट कहना था कि बिना कार्य योजना के किसी भी योजना का कार्यान्वयन अधूरा है। इसके अनुसार, पंजाब सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि उसके द्वारा लागू की जाने वाली योजना वास्तविकता में भी कार्यान्वित हो।

पंजाब की राजनीतिक स्थिति

पंजाब की राजनीति पर बात करें तो, पिछले कुछ वर्षों में राज्य में कई राजनीतिक उतार-चढ़ाव देखने को मिले हैं। लोकलुभावन वादे करने वाली सरकारें अक्सर सत्ता में आईं, लेकिन उनके वादों को पूरा करने में वे नाकाम रहीं। वर्तमान सरकार के ऊपर यह आरोप लगाया जा रहा है कि इसने जनता के मुद्दों को नजरअंदाज किया है और इसके नतीजे आज सुप्रीम कोर्ट के सामने हैं।

आगे की राह

राज्य सरकार के पास अब समय है कि वह अपने कार्यों पर ध्यान केंद्रित करे और अपनी योजनाओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित करे। संसाधनों का सही उपयोग और योजनाओं की प्रगति के लिए एक ठोस और क्रियाशील दृष्टिकोण आवश्यक है। शिक्षण, स्वास्थ्य, और रोजगार के क्षेत्रों में सुधार लाने के लिए सरकार को प्राथमिकता देनी चाहिए।

निष्कर्ष

पंजाब सरकार के लिए यह एक जागरूकता का समय है। अगर सरकार अपने नागरिकों के विश्वास को फिर से हासिल करना चाहती है, तो उसे अपने कार्यों में तेजी लानी होगी और योजनाओं के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करना होगा। सुप्रीम कोर्ट की फटकार इस बात का संकेत है कि अब कोई और वक्त बर्बाद नहीं किया जा सकता। फटकार के बाद क्या पंजाब सरकार अपनी कार्यशैली में बदलाव लाएगी?

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